भारत ‘सीपीईसी’ को लक्ष्य करेगा

इस्लामाबाद: भारत ‘चाइना पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर’ (सीपीईसी) प्रकल्प पर हमला करेगा, ऐसा डर पाकिस्तान से व्यक्त किया जा रहा है। यह प्रकल्प पाकिस्तान व्याप्त कश्मीर के भूभाग से जाकर यह प्रकल्प अपने सार्वभौमत्व का उल्लंघन करने वाला है, ऐसा कहकर भारत ने इसपर इस आक्षेप जताया था और पाकिस्तान द्वारा इस प्रकल्प की सुरक्षा भारत के वजह से खतरे में आने का दावा करके, भारत द्वारा इस बारे में आरोप करने की बात दिखाई दे रही है।

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पाकिस्तान के अग्रणी का अखबार द्वारा इस बारे में जानकारी प्रसिद्ध हुई थी। पाकिस्तान व्याप्त कश्मीर का भाग होने वाले गिलगिट-बल्टिस्तान के गृहसचिव जवाद अकरम ने लिखे एक पत्र में भारत ‘सीपीईसी’ प्रकल्प को लक्ष्य करेगा, ऐसी चिंता व्यक्त की थी। इसके लिए भारत में लगभग ४०० जवानों का पथक अफगानिस्तान में भेजा है और ‘सीपीइसी’ पर हमला करने का प्रशिक्षण दिया जाने वाला है, ऐसा दावा इस पत्र में किया गया है। काराकोरम महामार्ग पर पुल एवं अन्य महत्वपूर्ण मार्ग पर लक्ष्य करने के लिए इन जवानो को प्रशिक्षित किया जा रहा है, ऐसा आरोप अकरम ने किया है।

साथ ही अपने क्षेत्र में कई संदिग्ध व्यक्ति कब्जे में लिए गए हैं, ऐसी जानकारी जवाद अकरम ने दी है। साथ ही ‘सीपीईसी’ प्रकल्प की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई है, ऐसी जानकारी पाकिस्तानी अखबारने अपने खबर में दी है। इसे पहले भी पाकिस्तान ने ‘सीपीईसी’ प्रकल्प को लेकर भारत पर गंभीर आरोप किए हैं।

भारत यह प्रकल्प उधेड़ने की तैयारी में होकर, उसके लिए भारत की गुप्तचर यंत्रणा ने स्वतंत्र विभाग तैयार किया है, ऐसा दावा पाकिस्तान के लष्करी अधिकारी ने किया था। पर पाकिस्तान के नेता एवं लष्करी अधिकारी भारत पर कर रहे, यह आरोप चीन ने झुटलाए थे। भारत ‘सीपीईसी’ के विरोध में षड्यंत्र नहीं रच रहा है, इसमें भारत का समभाग न होने की बात चीन के विदेश मंत्रालय ने घोषित की थी। पाकिस्तान में ही ‘सीपीसी’ प्रकल्प के विरोध में जनमत तैयार हुआ है। पंजाब प्रांत को छोड़कर सिंध, बलूचिस्तान एवं खैबर, पख्तूनवाला इन प्रांत से ‘सीपीइसी’ को विरोध हो रहा है।

इस प्रकल्प के लिए चीन द्वारा पाकिस्तान में ४० अब्ज डॉलर्स से अधिक निवेश करने का दावा किया जाता है। पर यह निवेश न होकर बढ़ते ब्याज का कर्जा होने का आरोप पाकिस्तान के विश्लेषक कर रहे हैं।

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