‘साउथ सुदान’ के जातीय संघर्ष में ३२ लोगों की मौत

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरअबयी: अफ्रीकी महाद्विप के ‘साउथ सुदान’ में हुए जातीय संघर्ष में ३२ लोग मारे गए है| सुदान में ‘मिसेरिया’ जमात ने स्थानिय बागियों के गुट के साथ साउथ सुदान में हमला करके यह नरसंहार किया है| बुधवार की सुबह में यह हमला किया गया है और जमीन पर हक जताने के मुद्दे पर शुरू हुए विवाद से यह हमला किया गया होगा, यह दावा सूत्रों ने किया है|

साउथ सुदान’ यह देश वर्ष २०११ में आजाद हुआ और इसके बाद सुदान की हुकूमत ने लगातार इस देश को अस्थिर करने की कोशिश शुरू की है| सुदान के भूतपूर्व तानाशाह ओमर अल बशिर के नेतृत्व में साउथ सुदान की सीमा के नजदिकी क्षेत्र में बागी गुटों को लगाता समर्थन दिया गया था| सुदान समर्थक बागियों से हो रही हिंसा रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्रसंघ ने सुदान और साउथ सुदान के सीमा क्षेत्र में शांतिसेना भी तैनात की थी|

पिछले कुछ वर्षों में सीमा पर हिंसा होना कम हुआ है पर, जातीय हिंसा अभी पुरी तरह से बंद नही हो सकी है| अबयी यह ईंधन से भरा क्षेत्र होने से इस क्षेत्र पर कब्जा करने के लिए दो देशों में विवाद है| इसी विवाद का असर स्थानिय स्तर पर होता दिख रहा है और सुदान का समर्थन प्राप्त करनेवाली ‘मिसेरिया’ जमात लगातार साउथ सुदान की लोगों को लक्ष्य कर रही है|

बुधवार की सुबह मिसेरिया जमात के गुट ने स्थानिय बागियों की सहायता लेकर साउथ सुदान में कोलोम गांव पर बडा हमला किया| कोलोम में स्थानिय ‘डिंका’ जमात के लोगों का वास्तव्य है| इस जमात को लक्ष्य किया गया है और हमले में महीला और बच्चों समेत ३२ लोगों की मौत हुई है| इस दौरान २० से भी अधिक घरों को जलाया गया है और २५ लोग घायल होने की जानकारी स्थानिय यंत्रणा ने साझा की है|

संयुक्त राष्ट्रसंघ के शांतिदल ने इस हमले की खबर की पुष्टी की है और इस घटना के बाद फिर से जातीय हिंसा तेज होने की संभावना है, यह डर भी जताया है|

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