वैश्विक स्तर पर महासत्ताओं का संघर्ष छिड़ने के आसार बढ़े हैं – अमरीका के रक्षाबलप्रमुख मार्क मिले

महासत्ताओं का संघर्ष

वॉशिंग्टन – ‘वैश्विक स्तर पर महासत्ताओं के बीच संघर्ष छिड़ने की संभावना है और यह संभावना हर दिन बढ़ती जा रही है। अमरीका का पिछले ७० सालों का वर्चस्व अब धीरे-धीरे कम हो रहा है। युद्ध के लगभग हर क्षेत्र में अमरीका को चुनौती प्राप्त हो रही है’, ऐसी चेतावनी अमरीका के रक्षाबलप्रमुख जनरल मार्क मिले ने दी। अमरिकी सैनिकों को सामने रखकर किए गए बयान में जनरल मिले ने युद्ध में तकनीक का इस्तेमाल काफी मात्रा में बढ़ने की बात कही। भविष्य के संघर्ष में ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजन्स’ के साथ रोबोटिक टैंक, जहाज़ों का समावेश होगा, ऐसा अमरिकी रक्षाबलप्रमुख ने कहा।

अमरीका की ‘वेस्ट पॉईंट मिलिटरी एकेडमी’ में आयोजित दीक्षांत समारोह के समय जनरल मिले ने देश के भावी सेना अधिकारियों को भविष्य के संभावित संघर्ष का अहसास कराया। ‘अमरीका, एक अनभिषक्त वैश्विक महासत्ता नहीं रही। यूरोप में रशिया के हमले की वजह से और एशिया में चीन के बढ़ते सैन्य और आर्थिक सामर्थ्य ने अमरीका को चुनौती दी है। उत्तर कोरिया से प्रदान हो रही परमाणु धमकियाँ और खाड़ी एवं अफ्रीका के आतंकी हरकतों की वजह से निर्माण हुई अस्थिरता भी अमरीका की ताकत परख रहे हैं’, इसका अहसास अमरिका के रक्षाबलप्रमुख ने कराया।

महासत्ताओं का संघर्षमौजूदा समय में युद्ध का रूप तेज़ी से बदलता जा रहा है, ऐसा कहकर जनरल मिले ने रशिया-यूक्रेन युद्ध पर ध्यान आकर्षित किया। हमले को उचित जवाब नहीं दिया गया तो इससे आक्रामक अधिक बिनधास्त होता है, ऐसा सबक रशिया-यूक्रेन युद्ध से पूरे विश्व को प्राप्त हुआ है, यह दावा उन्होंने किया। साथ ही यूक्रेन की राजधानी किव समेत विभिन्न शहरों में हुए संघर्ष का ज़िक्र करके यह ‘अर्बन वॉरफेयर’ का हिस्सा होने का बयान जनरल मिले ने किया। इस अर्बन वॉरफेयर के लिए तकनीक का इस्तेमाल काफी बड़े पैमाने पर होता है और भविष्य में भी यही उपयुक्त साबित होगा, इस ओर उन्होंने ध्यान आकर्षित किया।

भविष्य के संघर्ष में रोबोटिक टैंक्स, जहाज़, विमानों से लड़ना होगा। आर्टिफिश्यल इंटेलिजन्स, सिंथेटिक फ्यूल, थ्रीडी मैन्युफैक्चरिंग और ह्युमन इंजिनियरिंग जैसी तकनीक की सहायता लेनी पड़ेगी’, यह इशारा भी अमरीका के रक्षाबलप्रमुख ने दिया।

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