‘ब्रिक्स’ की वर्चुअल परिषद में भारत और रशिया ने जताई अफ़गानिस्तान के आतंकवाद पर चिंता

नई दिल्ली – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में ‘ब्रिक्स’ के ‘वर्चुअल’ परिषद का आयोजन हुआ। प्रधानमंत्री मोदी समेत रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्राध्यक्ष सिरिल रामफोसा और ब्राज़िल के राष्ट्राध्यक्ष जेर बोल्सोनारो इस परिषद के लिए उपस्थित थे। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने अफ़गानिस्तान को लेकर जताई चिंता और आतंकवाद विरोधी सहयोग पर दिया हुआ जोर, ‘ब्रिक्स’ की इस परिषद की विशेषता की बात दिख रही है।

‘ब्रिक्स’अफ़गानिस्तान की स्थिति का दाखिला देकर प्रधानमंत्री मोदी ने इस पर चिंता जताई। साथ ही अफ़गानिस्तान में हिंसा रोककर वहाँ शांति स्थापित करने की आवश्‍यकता है। साथ ही अफ़गानिस्तान में व्यापक चर्चा के माध्यम से सहमति कराने की कोशिश की जाए, यह उम्मीद प्रधानमंत्री ने व्यक्त की। साथ ही अफ़गानिस्तान की भूमि का अन्य देशों के खिलाफ आतंकी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल नहीं होना चाहिये, ऐसा इशारा प्रधानमंत्री मोदी ने दिया है। रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने भी प्रधानमंत्री मोदी की माँग का समर्थन किया।

अफ़गानिस्तान आतंकवाद और नशीले पदार्थों के व्यापार का केंद्र नहीं बनना चाहिये। साथ ही अफ़गानिस्तान से पड़ोसी देशों के लिए खतरा निर्माण ना हो, ऐसा कहकर व्लादिमीर पुतिन ने अफ़गानिस्तान की स्थिति के लिए अमरीका और नाटो ने एकतरफा की हुई सेना वापसी ज़िम्मेदार होने का आरोप लगाया। इससे क्षेत्रिय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्या असर पड़ेगा, यह अभी स्पष्ट नहीं हुआ है, ऐसा कहकर राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने इससे निर्माण हुए खतरे को रेखांकित किया। साथ ही क्षेत्रिय संघर्ष की तीव्रता कम होने के बजाए बढ़ ही रही है, इस पर भी रशिया के राष्ट्राध्यक्ष ने चिंता जताई।

तभी, प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिक्स में आतंकवाद विरोधी कार्रवाई के मुद्दे पर सहमति होने की बात कहकर इसका ‘एक्शन प्लैन’ तैयार होने का बयान भी किया है। इसी बीच ‘ब्रिक्स’ के संयुक्त निवेदन में आतंकवाद और चरमपंथ से संबंधित दोगली नीति बर्दाश्‍त नहीं की जाएगी, यह दर्ज़ किया गया है। काबुल हवाई अड्डे पर हुए आतंकी हमले की इस निवेदन में कड़ी निंदा की गई है। अफ़गानिस्तान की भूमि यानी आतंकियों का अभय अरण्य नहीं होना चाहिये, यह उम्मीद भी ‘ब्रिक्स’ ने इस निवेदन के माध्यम से जताई। साथ ही अफ़गानिस्तान के अल्पसंख्यांकों के अधिकारों का मुद्दा उठाकर इसका सम्मान हो, यह माँग ‘ब्रिक्स’ के संयुक्त निवेदन में रखी गई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.