‘साऊथ चायना सी’ मुद्दे पर सहयोग प्राप्त करने चिनी विदेशमंत्री भारत दौरे पर आयेंगे

नवी दिल्ली/बीजिंग, दि. ६ (पीटीआय) – चीन के विदेशमंत्री ‘वँग यी’ अगले हफ़्ते भारत दौरे पर आ रहे हैं| उनका दौरा, दोनों देशों के बीच शुरू हुई उच्चस्तरिय संवाद प्रक्रिया का हिस्सा है, ऐसा विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा| पर ‘वँग यी’ के इस दौरे के पीछे अलग ही मक़सद है ऐसी चर्चा शुरू हुई है| सितंबर महीने में चीन में होनेवाली ‘जी-२०’ परिषद में, ‘साऊथ चायना सी’ का मुद्दा उपस्थित करने की तैयारी अन्य सदस्य देशों ने की है| इन प्रयासों का साथ भारत ना दें, ऐसी चीन की इच्छा है| भारत का ‘एनएसजी’ प्रवेश रोकनेवाला चीन, भारत की ओर से सहयोग की अपेक्षा कर रहा है, यह काफी विसंगत बात है, ऐसी टिप्पणी भारतीय मीड़िया द्वारा की जा रही है|

wangyi विदेशमंत्रीपिछले कुछ महिनों से ‘साऊथ चायना सी’ का मुद्दा सामने आ रहा है| फिलिपाईन्स यह मसला अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में लेकर गया था| इस सागरी क्षेत्र पर चीन का अधिकार नहीं है, ऐसा फ़ैसला आंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने दिया था| लेकिन यह निर्णय चीन नहीं मानेगा, ऐसा घोषित करते हुए, चीन ने इस क्षेत्र में तनाव बढ़ाने का काम किया है| आग्नेय एशियाई देशों का संगठन ‘आसियन’ के बैठक में, ‘साऊथ चायना सी’ का मुद्दा उपस्थित करने की तैयारी कुछ देशों ने की थी| लेकिन चीन ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए यह मुद्दा ‘एशियान’ के बैठक में लाने से रोका था| लेकिन सितंबर महीने में ‘जी-२०’ की चीन में ही होनेवाली बैठक में, ‘साऊथ चायना सी’ का मुद्दा उपस्थित किया जायेगा और इसी समय प्रबल देश अपने खिलाफ़ भूमिका अपनायेंगे, ऐसी चिंता चीन को सता रही है|

इसी वजह से, ‘जी-२०’ परिषद में ‘साऊथ चायना सी’ क्षेत्र का मुद्दा उपस्थित करने की कोशिश करनेवालें अमरीका और दोस्त राष्ट्रों से भारत सहयोग ना करें, इसके लिए चीन ने प्रयास शुरू किए हैं| चीन के विदेशमंत्री ‘वँग यी’ के भारत दौरे के पीछे यह प्रमुख कारण है, ऐसा कहा जा रहा है| इस अहम मुद्दे पर भारत से सहयोग हासिल करने की कोशिश करनेवाले चीन ने, पिछले कुछ महीनों से लगातार, भारत के खिलाफ़ फैसलें करना जारी रखा है| इन निर्णयों में, ‘एनएसजी’ में भारत की सदस्यता को विरोध करने के फ़ैसले के साथ ही, ‘मसूद अझहर’ जैसे आतंकवादी के खिलाफ़ संयुक्त राष्ट्र की कार्रवाई रोकने का फ़ैसला भी शामिल है| साथ ही, भारत की सीमा में चिनी सैनिकों की घुसपैठ भी अभी तक रुकी नहीं है|

इस पृष्ठभूमि पर, भारत सरकार चीन की इस माँग पर क्या भूमिका अपनाती है, इस तरफ़ सबका ध्यान लगा है| ‘साऊथ चायना सी’ के विवाद में, सभी देशों को चाहिए कि आपसी चर्चा के माध्यम से इस मसले का हल निकालते हुए, आंतर्राष्ट्रीय आवाजाही की स्वतंत्रता बरक़रार रखें, ऐसी भारत की माँग है| लेकिन नियमों का दाखिला देकर ‘एनएसजी’ में भारत का प्रवेश रोकनेवाला चीन, इस सागरी क्षेत्र के बारे में किसी भी प्रकार के नियम, यहाँ तक कि आंतर्राष्ट्रीय न्यायालय का फ़ैसला भी मानने के लिए तैयार नहीं है| भारतीय मीड़िया ने चीन के इस दोमुँही भूमिका पर बराबर ऊँगली रखी है|

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