पाकिस्तान के ग्वादर में बलोच विद्रोहियों के हमले में चार चीनी सैनिकों सहित १३ की मौत

कराची – पाकिस्तान के बलोचिस्तान प्रांत के ग्वादर में चीनी अभियंताओं के बेड़े पर बलोच विद्रोहियों ने बड़ा हमला किया है। इस हमले में ४ चीनी अभियंता मारे गए हैं। इनके साथ सुरक्षाबल के ९ सैनिकों की भी इस हमले में मौत हुई है। इसके अलावा कुछ चीनी अभियंता घायल होने की खबरें हैं। ‘चीन-पाकिस्तान इकॉनॉमिक कॉरिडॉर’ (सीपीईसी) से संबंधित परियोजना पर यह चीनी इंजिनीअर काम कर रहे थे। इस हमले के बाद चीन पाकिस्तान पर बड़ा नाराज़ होने की खबरें प्राप्त हो रही हैं। खास बात यह है कि, दो हफ्ते पहले ही ‘सीपीईसी’ के नए मॉडेल के तहत इन दो देशों के बीच छह समझौते हुए थे और इस पृष्ठभूमि पर इस हमले की घटना हुई है।

चीन ने ‘चीन-पाकिस्तान इकॉनॉमिक कॉरिडॉर’ (सीपीईसी) के लिए बड़ा भारी निवेश किया है। लेकिन, ‘सीपीईसी’ से संबंधित प्रकल्पों को लेकर स्थानीय स्तर पर प्रचंड़ नाराज़गी हैं। चीन यहां से सब कुछ छिन कर ले जा रहा हैं, ऐसे आरोप हो रहे हैं। इसके अलावा सीपीईसी के प्रकल्प में स्थानिय लोगों को रोजगार प्राप्त नहीं हो रहा हैं और वहां चीन ने अपने ही मज़दूर लगाए हैं। सीपीईसी के कारण हमारे देश में समृद्धि होगी, ऐसे झुठे सपने पाकिस्तानी शासक दिखा रहे हैं, ऐसा आरोप भी स्थानीय लगा रहे हैं। पाकिस्तान ने कब्ज़ा किए कश्मीर और बलोचिस्तान में ‘सीपीईसी’ प्रकल्प को लेकर चीन के विरोध में बड़ा असंतोष हैं। इसी कारण से चीनी अभियंता और कर्मचारियों को लक्ष्य करने के लिए हमले किए जा रहे हैं।

वर्ष २०२१ में खैबर पख्तुनख्वा प्रांत में सीपीईसी से संबंधित जल बिजली प्रकल्प पर काम कर रहे चीनी अभियंताओं को इसी तरह के हमले से लक्ष्य किया गया था। तब ९ इंजीनिअर मारे गए थे और २७ घायल हुए थे। इसके बाद गुस्सा हुए चीन ने पाकिस्तान से १.१५ करोड़ डॉलर हर्जाना मांगा था। साथ ही चीनी नागरिकों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए पाकिस्तान को चेतावनी भी दी थी। इसके बाद पाकिस्तान में चीनी कर्मचारियों को और कारोबारियों को लक्ष्य करने के लिए ऐसे हमले हो रहे हैं और पाकिस्तानी सेना एवं यंत्रणा इन हमलों को रोकने में नाकाम होते स्पष्ट दिख रहे हैं।

रविवार को ग्वादर में चीनी अभियंता और उनके सुरक्षा के लिए तैनात पुलिस के वाहनों के बेड़े पर बंदरगाह के करीब हमला हुआ। हमले के समय इस बेड़े के वाहनों में कुल २३ अभियंता होने की जानकारी सामने आ रही हैं। इनमें से चार चीनी अभियंताओं के साथ ९ सैनिक हमले में मारे गए। इसके बाद शुरू हुई मुठभेड़ में दो बलोच विद्रोहियों के मारे जाने का वृत्त है।

गौरतलब है कि, इस हमले की ज़िम्मेदारी ‘बलोच लिब्रेशन आर्मी’ ने स्वीकारी है। पाकिस्तान में सीपीईसी से संबंधित सभी प्रकल्पों के कामों में रोड़े अटके हैं। इन कामों में प्रचंड़ भ्रष्टाचार होने से चीन बड़ा नाराज़ था। वहां काम कर रहे चीनी अभियंता और कर्मचारियों को स्थानीय नागरिकों के साथ विद्रोही भी लक्ष्य कर रहे हैं और इससे चीन बड़ा परेशान था।

लेकिन, इसके बावजूद चीन ने हाल ही में सीपीईसी पर नए से काम शुरू किया था। सीपीईसी के नए मॉडेल के तहत दो हफ्ते पहले ही दोनों देशों ने छह समझौते किए गए थे। इस पृष्ठभूमि पर हुए इस हमले ने पाकिस्तान में सीपीईसी के भविष्य को लेकर विश्लेषक सवाल कर रहे हैं।

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