खाड़ी देशों के दौरे के बीच चीन के राष्ट्राध्यक्ष ने ईरान से ज्यादा सौदी को ज्यादा अहमियत दी – जर्मन अभ्यास गुट का दावा

बर्लिन/बकिंगहमशायर/एडन – इस महीने के शुरू में चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने खाड़ी देशों का दौरा किया था। इस दौरान जिनपिंग ने सौदी के साथ रणनीतिक सहयोग करने के लिए समझौता भी किया था। साथ ही पर्शियन खाड़ी में स्थित ईरान के द्विपों पर चर्चा करने के सुझाव भी दिया। इस बैठक में राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग की मौजूदगी में जीसीसी ने ईरान पर क्षेत्रीय आतंकवाद का समर्थक होने के साथ हथियारों की तस्करी करने वाला देश होने का आरोप लगाया था। इसके मद्देनज़र चीन के राष्ट्राध्यक्ष ईरान से ज्यादा सौदी को अधिक अहमियत देते दिख रहे हैं, ऐसा दावा जर्मन अभ्यासगुट ने किया। इसी बीच चीन के राजनीतिक अधिकारियों ने येमन का दौरा करके सालेह की सरकार से चर्चा करने की खबर सामने आ रही हैं। येमन के सालेह गुट को सौदी एवं अन्य अरब देशों का समर्थन प्राप्त होने पर ध्यान आकर्षित किया जा रहा हैं।

रशिया-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर मित्रदेशों को ईंधन उत्पादन बढ़ाने का आवाहन किया ता। लेकिन, सौदी और अरब मित्रदेशों ने इस प्रस्ताव को ठुकराने के बाद अमरीका और खाड़ी देशों के बीच मतभेद निर्माण होने के दावे किए जा रहे थे। ऐसी स्थिति में चीन के राष्ट्राध्यक्ष ने सौदी का दौरा करके राजे सलमान और क्राउन प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात की। उस समय चीन और सौदी ने रणनीतिक भागीदारी के साथ सर्वसमावेश समझौता किया।

ऐसे में सौदी के नेतृत्व में अरब देशों के ‘गल्फ को-ऑपरेशन काउन्सिल’ (जीसीसी) की विशेष बैठक में भी राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग ने खाड़ी देशों की भूमिका का समर्थन किया। पर्शियन खाड़ी के तीन द्विपों के अधिकार को लेकर ईरान और यूएई के बीच जारी विवाद का इसमें समावेश था। इस मुद्दे पर राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग ने ईरान को चर्चा से इस विवाद का हल निकालने की गुहार लगाई। वही, जीसीसी ने ईरान को आतंकवाद और हथियारों की तस्करी के समर्थक देश करार देने के बाद भी सौदी ने इसका विरोध नहीं किया था, इसपर जर्मन अभ्यास गुट ने ध्यान आकर्षित किया।

राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग की इस भूमिका पर ईरान ने गुस्सा व्यक्त करके चीन के राजदूत को समन थमाया। ‘जीसीसी’ की बैठक में राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग ने अपनाई भूमिका यानी ईरान संबंधित नीति में हुआ बदलाव तो नहीं, ऐसी चिंता ईरान में जताई जा रही हैं। ईरान के परमाणु कार्यक्रम के मुद्दे पर जीसीसी ने लगाए आरोपों पर भी जिनपिंग ने मूक संमती देने पर ईरान में नाराज़गी व्यक्त की जा रही है। ऐसे में चीन के राष्ट्राध्यक्ष ने इस दौरे के बीच सौदी को अहमियत देकर ईरान को संकेत दिए हैं, ऐसा जर्मन अभ्यास गुट का कहना हैं।

इसी बीच, चीन ने शुक्रवार को ईरान के बंदर अब्बास में दूतावास शुरू किया हैं। इस वजह से ईरान के ताल्लुकात सामान्य होने की बात दर्शाने की कोशिश चीन कर रहा हैं। लेकिन, येमन में सौदी का समर्थन प्राप्त होने वाली सालेह की सरकार के साथ चर्चा करने के लिए राजनीतिक अधिकारियों का शिष्टमंड़ल रवाना करके चीन अगल ही इशारें दे रहा हैं। येमन के हौथी विद्रोहियों को ईरान का समर्थन प्राप्त हैं और इन विद्रोहियों ने सालेह सरकार एवं सौदी विरोधी संघर्ष शुरू किया हैं।

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