चीन के राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग भारत पहुंचे

महाबलीपुरम्: चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग भारत की यात्रा पर पहुंचे है| तामिलनाडू के महाबलीपुरम् में प्रधानमंत्री मोदी ने चीन के राष्ट्राध्यक्ष का स्वागत किया| भारत ने जम्मूकश्मीर संबंधी किए अहम निर्णय की पृष्ठभूमि पर राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग की यह यात्रा लक्षणीय साबित होता है| कश्मीर मुद्दे पर भारत के विरोध में चीन अपनी सहायता करेगा, यह उम्मीद रखनेवाले पाकिस्तान को इस वजह से काफी बडा झटका लगा है| इसी लिए राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग की यह भारत यात्रा पाकिस्तान के लिए राष्ट्रीय शोक का विषय बना दिख रहा है|

कुछ दिन पहले बांगलादेश की प्रधानमंत्री शेख हसिना भारत की यात्रा पर पहुंची थी| उनकी इस यात्रा से पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इम्रान खान ने शेख हसिना से फोन पर बातचीत की थी| प्रधानमंत्री शेख हसिना के स्वास्थ्य की जानकारी प्राप्त करने के लिए इम्रान खान ने यह फोन किया था, यह बात पाकिस्तान स्पष्ट कर रहा था| लेकिन, असलियत में इम्रान खान ने जम्मूकश्मीर में भारत कर रहे कथित अत्याचारों का मुद्दा बांगलादेश की प्रधानमंत्री के सामने उपस्थित किया था, यह दावे पाकिस्तान में हो रहे है| लेकिन, प्रधानमंत्री शेख हसिना ने इस पर ज्यादा ध्यान नही दिया| इसके बाद इम्रान खान चीन की यात्रा पर निकले थे और उन्होंने चीन से कश्मीर मुद्दे पर भारत के विरोध में भुमिका अपनाने की उम्मीद रखी थी| इस मोर्चे पर भी पाकिस्तान के हाथ निराशा ही लगी है|

चीन के राष्ट्राध्यक्ष ने कश्मीर मसले का हल बातचीत के जरिए निकालने की सलाह दी है और इस वजह से पाकिस्तान की बडी निराशा हुई है| ऐसी स्थिति में चीन के राष्ट्राध्यक्ष भारत यात्रा पर पहुंचे है| इस यात्रा की वजह से दोनों देशों के सहयोग का नया पर्व सुरू होगा, यह विश्‍वास भारत में नियुक्त चीन के राजदूत ने व्यक्त किया है| दोनों देश मतभेद पीछे छोडकर सहयोग के लिए अधिक प्राथमिकता देंगे, यह दावें दोनों देश कर रहे है| इस वजह से पाकिस्तान में भारत का द्वेष करनेवाले विश्‍लेषक काफी निराशा में है और उन्होंने राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग की इस भारत यात्रा की वजह से पाकिस्तान में शोक की भावना फैलती दिखने लगी है|

भारत और चीन का सालाना व्यापार ७५ अरब डॉलर्स है और यह व्यापार अगले दिनों में १०० अरब डॉलर्स तक बढाने का उद्देश्य दोनों देशों ने सामने रखा है| ऐसी स्थिति में चीन भारत को दुखाने की भूमिका अपना नही सकता, ऐसा पाकिस्तान के माध्यम कह रहे है|

इस वजह से चीन से कश्मीर संबंधी बडी उम्मीदें रखना मुमकिन नही होगा, यह बात अब पाकिस्तान के विश्‍लेषक भी स्वीकारने लगे है| लेकिन, चीन जैसा निकटतम सहयोगी देश पाकिस्तान की सहायता नही करेता है तो फिर पाकिस्तान की दुसरा कौन सा देश सहायता करेगा, इस सवाल का जवाब पाकिस्तान के विश्‍लेषकों के पास नही है| इसी वजह से कश्मीर के मुद्दे पर अपना देश अकेला हुआ है, यह भी पाकिस्तानी विश्‍लेषकों को स्वीकार करना पड रहा है|

भारत ने पाकिस्तान पर हमला किया तो चीन पाकिस्तान के साथ डटकर खडा रहेगा, ऐसा पाकिस्तान के सामरिक विश्‍लेषक बडे विश्‍वास के साथ कहते रहे है| ‘चाइना पाकिस्तान इकॉनॉमिक कॉरिडॉर’ (सीपीईसी) परियोजना के तहेत चीन ने पाकिस्तान में करीबन ५० अरब डॉलर्स से भी अधिक बडा निवेश करने की तैयारी की थी| इस वजह से पाकिस्तान पर हुआ हमला चीन पर हुआ हमला समझा जाएगा, ऐसा यह सामरिक विश्‍लेषक कह रहे थे|

लेकिन, भारत ने बालाकोट में हवाई हमला करने के बाद चीन ने भारत के विरोध में भूमिका नई स्वीकारी, इसका काफी बडा झटका पाकिस्तान को लगा है| धारा ३७० हटाने के बाद भी चीन ने भारत को चुनौती देनेवाले करारे विधान करना टाल दिया था|

इम्रान खान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनने के बाद एक वर्ष के भीतर तीन बार उन्होंने चीन की यात्रा की| लेकिन, चीन के राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग एक भी बार पाकिस्तान नही गए है| बल्कि भारत की यात्रा कर रहे है और भारत के साथ सहयोग बढाने के लिए चीन काफी उत्सुकता दिखा रहा है, इस ओर पाकिस्तान के पत्रकार ध्यान केंद्रीत कर रहे है|

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