चीन के १३ लड़ाकू विमानों की ताइवान की खाड़ी में घुसपैठ

ताइपे – अमरिकी प्रतिनिधी सदन की सभापति नैन्सी पेलोसी की ताइवान यात्रा के बाद चीन ने ताइवान के हवाई और समुद्री क्षेत्र के करीब रोज़ाना गश्त लगाना शुरू किया है। शनिवार को चीन के १३ लड़ाकू विमानों ने ताइवान की खाड़ी की ‘मध्य रेखा’ पार की। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने, चिनी विमानों की यह घुसपैठ काफी गंभीर बात है, ऐसी चेतावनी दी है। इसी बीच, ताइवान हमारा ही सार्वभूम क्षेत्र हैं और चीन के विमानों की यह कार्रवाई आम बात है, यह दावा चीन ने किया है।

ताइवान की खाड़ीपिछले साल से चीन ने ताइवान की खाड़ी के करीब अपने रक्षाबलों की गतिविधियाँ बढ़ाई थीं। चीन के लड़ाकू विमान और विध्वंसकों की उकसानेवाली हरकतें यानी चीन ने ताइवान के खिलाफ शुरू किए ‘ग्रे झोन वॉरफेअर’ का हिस्सा होने के दावे विश्लेषकों ने किए थे। लेकिन, अमरिकी प्रतिनिधि सदन की सभापति नैन्सी पेलोसी की ताइवान यात्रा के बाद चीन के लड़ाकू विमान और विध्वंसक हर दिन ताइवान की सीमा के करीब से यात्रा कर रहे हैं। पिछले २४ घंटों में चीन के लगभग ४० लड़ाकू और बॉम्बर विमानों के साथ छह विध्वंसकों ने ताइवान की सीमा के करीब सफर किया।

शनिवार को चीन के १३ लड़ाकू विमानों ने ताइवान की खाड़ी की ‘मिडियन लाईन’ यानी ‘मध्य रेखा’ को पार किया था। इनमें चिनी वायुसेना के छह सुखोई-३०, दो जे-१०, ४ जे-१६ लड़ाकू विमानों के साथ पनडुब्बी विरोधी युद्ध के लिए उपयुक्त ‘वाय-८’ विमानों का समावेश था। इनकी इस गश्त से कुछ घंटे पहले चीन के २९ लड़ाकू विमान और छह विध्वंसक ताइवान की सीमा के करीब सफर करते देखें गए, यह जानकारी ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने प्रदान की थी।

ताइवान की खाड़ीपेलोसी के ताइवान दौरे के बाद चीन ने इस क्षेत्र में ताइवान को घेरकर छह ठिकानों पर लाइव फायर युद्धाभ्यास का आयोजन किया था। रविवार को यह युद्धाभ्यास खत्म होने के बाद सोमवार को चीन ने नए से अन्य दो ठिकानों पर युद्धाभ्यास शुरू करके ताइवान पर अधिक दबाव बढ़ाने की कोशिश की थी। साथ ही, चीन ने ताइवान की सीमा में स्टेल्थ पनडुब्बी तैनात करने की खबरें भी प्राप्त हुई थीं। चीन इस युद्धाभ्यास के ज़रिये ताइवान पर हमला करने की तैयारी जुटा रहा है, यह आरोप ताइवान के विदेश मंत्री ने लगाया था।

ताइवान ने भी चीन के युद्धाभ्यास पर प्रत्युत्तर देनेवाले लाईव्ह फायर ड्रिलशुरू किया था। इसमें ताइवान की सेना के तोंपों ने आग उगली थी। इस वजह से इस क्षेत्र में तनाव निर्माण हुआ था। पेलोसी की इस दौरे का कारण बताकर चीन ताइवान के इर्द-गिर्द सैन्य गतिविधियाँ ना बढ़ाएँ, यह आवाहन ‘जी-७’ के विदेश मंत्रियों ने किया था। लेकिन, इसे चीन ने पूरी तरह से अनदेखा किया दिख रहा है।

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