लद्दाख की एलएसी के पास चीन का हवाई अभ्यास

लद्दाख की एलएसीलद्दाख – लद्दाख की एलएसी के पास के क्षेत्र में चीन का हवाई अभ्यास जारी है। भारत का लष्कर और वायु सेना उसपर कड़ी नजर रखे हुए हैं। इस अभ्यास के द्वारा चीन भारत को नई चेतावनी देने की कोशिश कर रहा है। लेकिन लद्दाख की एलएसी पर भारत की वायुसेना, चीन की तुलना में बहुत ही अधिक मजबूत स्थिति में है। इसलिए चीन के इस अभ्यास की चिंता करने की कुछ खास जरूरत नहीं है, ऐसा विश्लेषकों का कहना है।

चीन के हवाई दल के लगभग २१ से २२ ‘जे-११’ लड़ाकू विमान और ‘जे-१६’ विमान इस अभ्यास में सहभागी हुए हैं। यह अभ्यास भारत की सीमा में नहीं, बल्कि लद्दाख की एलएसी से परे होनेवाले क्षेत्र में जारी है। इस कारण भारत उसपर ऐतराज तो नहीं जता सकता। फिर भी भारत चीन की इन सारी गतिविधियों की ओर बहुत ही गंभीरता से देख रहा है। भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान लद्दाख में ही नहीं, बल्कि चीन के पास की एलएसी पर वर्चस्व जता रहे हैं, ऐसा वायुसेनाप्रमुख आरकेएस भदौरिया ने घोषित किया था। कुछ ही दिन पहले भारत में लद्दाख की एलएसी पर एयर स्ट्रिप और हवाई अड्डे नई से कार्यान्वित किए होने की खबरें भी आई थी। चीन की हरकतों का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारत पूरी तरह से सुसज्जित होने का संदेश इसके जरिए दिया गया था।

लद्दाख की एलएसी पर अपने कब्जे में होनेवाले भूभाग की भौगोलिक रचना के कारण भारतीय वायुसेना के लिए, चीन के हवाई दल को आसानी से मात देना संभव है, ऐसे दावे किए जाते हैं। विश्लेषक लगातार इसकी याद करा रहे हैं। उसी समय, भारतीय वायुसेना की क्षमता चीन के हवाई दल से काफी हद तक अधिक होने की बात पश्चिमी विश्लेषक कह रहे हैं। इस कारण, किसी भी परिस्थिति में चीन भारत के विरोध में हवाई कार्रवाई करने की संभावना नहीं है। फिर भी अपना सामर्थ्य प्रदर्शित करने के लिए चीन यह हवाई अभ्यास कर रहा होने की बात सामने आ रही है।

बता दें, चीन के झिंजियांग और तिब्बत के हवाई क्षेत्र में चीन कर रहा यह युद्धाभ्यास भारतीय लष्कर और वायुसेना बहुत ही बारीकी से देख रहे हैं। भारतीय सैटेलाइट इस इलाके में होनेवाले चीन के सात लष्करी अड्डों पर नजर जड़े हुए हैं, ऐसी जानकारी माध्यमों में जारी हुई है। लद्दाख की एलएसी के कुछ क्षेत्रों से चीन ने हालांकि वापसी की है, फिर भी उस क्षेत्र में तैनात की हुईं हवाई सुरक्षा यंत्रणाएँ चीन ने वैसी ही रखीं हैं। इस पर सामरिक विश्लेषक गौर फरमा रहे हैं। चीन ने भारत पर दबाव बनाने की कोशिशें अभी भी नहीं छोड़ीं हैं, यही बात इससे सामने आ रही होने का विश्लेषकों का कहना है।

भारतीय वायुसेना के बेड़े में आये रफायल लड़ाकू विमान, चीन से नजदीक होनेवाले हवाई अड्डों पर तैनात किए गए हैं। उसी के साथ, सुखोई-३० और मिग-२९ लड़ाकू विमानों की अतिरिक्त मात्रा में इन अड्डों पर तैनाती की गई है। चीन आकस्मिक हरकतों द्वारा भारत को चौंका नहीं सकता, यह वायुसेनाप्रमुख ने कुछ महीने पहले स्पष्ट किया था। वायुसेना ने की हुई यह तैनाती उसी की गवाही दे रही है। 

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