चीन की सशस्त्र पनडुब्बी म्यांमार में दाखिल – भारत की चिंता बढ़ी

बीजिंग/यांगून – चीन की ‘टाईप ०३५ मिंग क्लास’ पनडुब्बी म्यांमार में दाखिल होने का वृत्त है। इस पनडुब्बी में म्यांमार में स्थित भारत विरोधी गुटों के लिए हथियारों का भंड़ार होगा, ऐसे दावे किए जा रहे हैं। भारत के बाद चीन भी म्यांमार को पनडुब्बियों की बिक्री करने की कोशिश में होने का कुछ माध्यमों का कहना है। भारत के विदेश सचिव की म्यांमार यात्रा की पृष्ठभूमि पर चीनी पनडुब्बी म्यांमार पहुँचने से भारत की चिंता बढ़ने की बात कही जा रही है।

पनडुब्बी म्यांमार में दाखिलसोशल मीडिया पर रक्षा क्षेत्र से संबंधित कुछ विश्‍लेषक एवं युजर्स ने म्यांमार में दाखिल हुई चीनी पनडुब्बी के फोटो और वीडियो प्रसिद्ध किए हैं। ‘सायबरओसिंट’ नामक ट्विटर यूजर ने एक वीडियो प्रसिद्ध किया है और इसमें शुक्रवार २४ दिसंबर को म्यांमार की नौसेना में नई चीनी पनडुब्बी का समावेश किया हुआ दिखाया गया है। नौसेना के क्षेत्र के विश्‍लेषक ‘एचआई सटन’ ने भी अपने सोशल मीडिया पर म्यांमार पहुँची चीनी पनडुब्बी का ज़िक्र किया है।

चीन की ‘टाईप ०३५ मिंग क्लास’ पनडुब्बी डीज़ल इलेक्ट्रीक वर्ग की है और रशियन पनडुब्बी के आधार पर इसे विकसित किया गया है। म्यांमार में दाखिल हुई पनडुब्बी ‘मलाक्का स्ट्रेट’ से अंड़मान सी के रास्ते म्यांमार में दाखिल होने की बात कही जा रही है। इस पनडुब्बी के लिए म्यांमार की नौसेना ने अपने एक युद्धपोत को भी रवाना किया था, यह दावा सूत्रों ने किया है। इस पनडुब्बी में हथियारों का भंड़ार होने की बात भी कही जा रही है, लेकिन, अभी इसकी पुष्टी नहीं हुई है।

म्यांमार में इससे पहले सैन्य हुकूमत होते हुए चीन ने इस देश के साथ ताल्लुकात बढ़ाने के लिए काफी कोशिश की थी। म्यांमार की सेना को सबसे अधिक रक्षा सामान की आपूर्ति करनेवाला एवं प्रशिक्षण देनेवाले देश के तौर पर चीन की पहचान है। चीन ने म्यांमार के लिए एक ‘डीप पोर्ट’ विकसित किया है और नौसेना अड्डा स्थापित करने की गतिविधियाँ भी हो रही हैं। ‘बेल्ट ऐण्ड रोड इनिशिएटिव’ के माध्यम से भी चीन ने म्यांमार में काफी बड़ा निवेश किया हैं। इस वर्ष म्यांमार में हुए सैन्य विद्रोह के बाद चीन ने सेना का समर्थन किया था।

भारत ने भी अपनी ‘ऐक्ट ईस्ट पॉलिसी’ के तहत म्यांमार से संबंध मज़बूत करना शुरू किया है। बीते वर्ष भारत ने म्यांमार को एक ‘किलो’ वर्ग की पनडुब्बी तोहफे में प्रदान की थी। भारत और म्यांमार की सेनाओं के विकसित इस सहयोग की वजह से चीन बेचैन हुआ था। इस पृष्ठभूमि पर चीन ने म्यांमार को पनडुब्बी प्रदान करना ध्यान आकर्षित कर रहा है। पनडुब्बी के माध्यम से चीन म्यांमार में अपना प्रभाव अधिक बढ़ाने की कोशिस कर रहा है। इससे पहले चीन ने म्यांमार में रहकर भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल आतंकी गुटों को भारी मात्रा में हथियारों की सहायता प्रदान करने की बात स्पष्ट हुई थी। इस वजह से चीनी पनडुब्बी म्यांमार की नौसेना में दाखिल होना भारत की चिंता बढ़ानेवाली साबित हो सकती है, यह दावा विश्‍लेषक कर रहे हैं।

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