पूर्व सीमापर और हिन्द महासागर मे चीन का बढ़ता वर्चस्ववाद चिंता की बात- नौदल प्रमुख एडमिरल लाम्बा

नई दिल्ली: भारत की पूर्व सीमा पर और हिंद महासागर क्षेत्र में चीन का बढ़ता वर्चस्ववाद और हटीला बर्ताव चिंता का विषय होने का इशारा नौदल प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा ने दिया है। मालदीव में इमरजेंसी की पृष्ठभूमि पर चीन ने हिंद महासागर में छह युद्ध नौका भेजने की खबरें आ रही है। भारत से जुडे सीमा भाग में चीन ने अपने हवाई सुरक्षा में बढ़त करके अपने जे-१० एवं जे-११ यह लड़ाकू विमान तैनात किये है। इसपर भारत को लगने वाली चिंता एडमिरल द्वारा व्यक्त करने की बात दिखाई दे रही है।

पिछले वर्ष डोकलाम में चीन ने घुसपैठ की थी। भारत की पूर्व सीमा पर चीन ऐसे स्वरुप की घुसपैठ लगातार करते आ रहा है। चीन कि आर्थिक और लष्करी सामर्थ्य में अल्प समय में बड़ी तादाद में बढ़त हुई है। चीन अपने सामर्थ्य को गतिमान रुप से बढ़ाते समय भारत को सावधान रहने की आवश्यकता है। फिलहाल चीन कर रहे गतिविधियों को देखते हुए ‘सिलीगुड़ी कॉरीडोर’ को सबसे बड़ा संभाव्य खतरा है, ऐसे शब्दों में एडमिरल लांबा ने अपनी चिंता व्यक्त की है। उत्तर पूर्व राज्यों को भारत के अन्य भूभाग से जोड़ने वाले छोटे भू-मार्ग के तौर पर सिलीगुड़ी कॉरिडोर पहचाना जाता है। इस कॉरिडोर को चीन से खतरा होने की बात नौदल प्रमुख एडमिरल लाम्बा ने रेखांकित की है।

हिंद महासागर क्षेत्र में चीनी नौदल के युद्धनौका एवं पनडुब्बियों की उपस्थिति बढ़ती जा रही है। इस क्षेत्र में चीन के पांच युद्धनौका तैनात होंगे। चीन ने अधिक छह युद्धनौका हिंद महासागर में भेजने की खबरें सामने आ रही है। मालदीव में राजनीतिक संकट सामने होते हुए, चीन ने यह युद्धनौका भेजकर भारत को संदेश देने की बात स्पष्ट हो रही है। मालदीव में राजनीतिक संकट छुड़ाने के लिए भारत का लष्कर हस्तक्षेप करें, ऐसी मांग हो रही है। पर मालदीव के अंतर्गत कारोबार में भारत हस्तक्षेप ना करें, ऐसा इशारा चीन से दिया जा रहा है। इस पृष्ठभूमि पर हिंद महासागर में चीनी नौदल के युद्ध नौका दाखिल हुए हैं।

चीनी नौदल के कारवाइ की गंभीरता से देखने की बात भारत द्वारा होने की बात स्पष्ट हुयी है। भारत के ८ युद्धनौका हिंद महासागर क्षेत्र के प्रवेश द्वार माने जाने वाले मलक्का, सुंदा और लुम्बुक सामुद्रधुनी में तैनात किए गए हैं। भारत में पिछले ६ महीने से इस क्षेत्र में लगातार आठ युद्धनौका तैनात करने की नीति स्वीकारने की जानकारी सूत्रों ने दी है। चीनी नौदल के गतिविधियों पर नजर रखने के लिए भारत से यह सतर्कता ली जा रही है, ऐसा सूत्रों ने कहा है।

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