श्रीलंका के प्रधानमंत्री भारत यात्रा पर; आर्थिक सहयोग समझौता संपन्न

नई दिल्ली, दि. २६: श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानील विक्रमेसिंघे भारत यात्रा पर दाखिल हुए होकर, उन्होंने सोमवार के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भेंट की| साथ ही, विदेशमंत्री सुषमा स्वराज, केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंग और परिवहनमंत्री नितीन गडकरी समेत कई वरिष्ठ नेताओं से भेंट कर प्रधानमंत्री विक्रमेंसिंघे ने चर्चा की| इस दौरान दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग पर समझौता हुआ|

रानील विक्रमेसिंघे भारत यात्रा पर

रविवार से श्रीलंकन प्रधानमंत्री रानील विक्रमेसिंघे की पाँच दिन की भारतयात्रा शुरू हुई| अगले महीने में भारत के प्रधानमंत्री श्रीलंका यात्रा पर जा रहे हैं। उस समय दोनो देशों के बीच महत्त्वपूर्ण समझौते संपन्न होंगे| इसमें ईशान्य श्रीलंका स्थित ‘त्रिन्कोमाली’ बंदरगाह के विकास का प्रकल्प भारत को सौंपने का समझौता शामिल है| यह बंदरगाह भारत के लिए सामारिक तौर पर अत्यंत महत्त्वपूर्ण साबित हो सकता है| चीन ने श्रीलंका के हंबंटोटा बंदरगाह का विकासप्रकल्प हाथ में लेने के बाद, भारत को त्रिन्कोमाली बंदरगाह के विकास का अवसर प्राप्त होना यह व्यूहरचनात्मक दृष्टि से चीन पर हावी हो जायेगा|

इस बंदरगाह के संदर्भ में संभाव्य सहयोग समझौते की पृष्ठभूमि पर, श्रीलंका के प्रधानमंत्री की भारत यात्रा का महत्त्व बढ़ा है| भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा श्रीलंका के प्रधानमंत्री विक्रमेंसिंघे के बीच कई राजनैतिक, क्षेत्रिय और सामरिक मुद्दों पर बातचीत हुई, ऐसा कहा जाता है| इसमे ‘त्रिन्कोमाली’ बंदरगाह विकास संदर्भ के प्रस्ताव समेत मछुआरों के मुद्दे का भी ज़िक्र हुआ| श्रीलंका के प्रधानमंत्री के साथ एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भारत में आया हुआ है| इस प्रतिनिधिमंडल ने भारतीय प्रतिनिधीमंडल के साथ चर्चा की|

‘त्रिन्कोमाली’ बंदरगाह के विकास के साथ ही, यहाँ पर ईंधन संग्रहित करने हेतु यंत्रणा का निर्माण करने के लिए श्रीलंका को भारत का सहयोग चाहिए| इसके अलावा एलएनजी और कोयले पर आधारित बिजली प्रकल्प की निर्मिती, साथ ही कोलंबो में पाईप द्वारा गैस आपूर्ती यंत्रणा स्थापित करने के लिए भारत के साथ समझौता करने के लिए श्रीलंका उत्सुक है| साथ ही, उत्तर और पूर्वोत्तर श्रीलंका में प्रमुख मार्गों और रेल के विकास के लिए भारत का सहयोग श्रीलंका लेनेवाली होकर, भारतीय प्रधानमंत्री की यात्रा में इस संदर्भ में करार संपन्न होंगे| दोनों प्रतिनिधीमंडलों में हुई चर्चा में समझौते को अंतिम रूप दिया गया|

इस दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में आर्थिक सहयोग समझौता भी संपन्न हुआ| इस समझौते के अनुसार, श्रीलंका के आर्थिक प्रकल्प को भारत सहयोग करनेवाला है| लेकिन इस समझौते के संदर्भ में अधिक स्पष्टीकरण नहीं दिया गया| इससे भारत-श्रीलंका के बीच आर्थिक सहयोग दृढ़ होगा| साथ ही, दोनो देशों के विकास और समृद्धि के लिए यह साझेदारी महत्त्वपूर्ण साबित होगी, ऐसा भरोसा भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने जताया है|

नेपाल, बांगलादेश, म्यानमार और श्रीलंका इन देशों पर का अपना प्रभाव बढाकर, भारत दक्षिण एशिया क्षेत्र को अपने घर का आंगन मानता है, ऐसी आलोचना चीन द्वारा की जाती है| वहीं, इन देशों के साथ के चीन के सहयोगपूर्ण संबंधों को भारत का सख़्त विरोध होकर, भारत अपनी चीनविरोधी भूमिका छोड़ दें, ऐसा आवाहन चीन द्वारा किया जाता है| लेकिन नेपाल, बांगलादेश और श्रीलंका ये देश चीन के साथ सहयोग करते हुए भी, भारत को चोट पहुँचाने का जोखम स्वीकारने के लिए तैयार नही हैं, ऐसे दिखाई देता है| इसी कारण, अब इन देशों का भारत के खिलाफ इस्तेमाल करने की चीन की कोशिश फिलहाल तो असफल हो रही है, ऐसे दिखाई देता है|

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