साइबर क्षेत्र में चीन का बना खतरा ही अमरीका की सुरक्षा के लिए सबसे बड़ी चुनौती है – ‘एफबीआई’ के प्रमुख की चेतावनी

वॉशिंग्टन – अमरीका के सामने खड़ी राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित चुनौतियों पर गौर करके चीन का साइबर क्षेत्र के लिए होनेवाला खतरा ही सबसे बड़ी चुनौती साबित होती है, ऐसी चेतावनी अमरिकी जांच एजेन्सी ‘एफबीआई’ के प्रमुख ख्रिस्तोफर रे ने दी। चीन की ‘साइबर आर्मी’ विश्व के अन्य सभी देशों की कुल साइबर आर्मी से भी बड़ी हैं, ऐसा इशारा ‘एफबीआई’ के प्रमुख ने दिया। अमरीका में निजी और कॉर्पोरेट क्षेत्र में हो रहे साइबर हमले और इसके ज़रिये चोरी हो रही गोपनीय जानकारी में भी सबसे अधिक हिस्सा चीन का ही होने का दावा उन्होंने किया। 

साइबर क्षेत्रगुरूवार को अमरिकी संसद के प्रतिनिधि सदन में देश की प्रमुख जांच एजेन्सी ‘फेडरल ब्युरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन’ के प्रमुख की सुनवाई हुई। इस दौरान ‘एफबीआई’ प्रमुख रे ने चीन के बढ़ते खतरे की चेतावनी दी। ‘एफबीआई’ के सामने साइबर क्षेत्र के खतरों के खिलाफ काम करने के लिए उपलब्ध कौशल कार्यबल पर गौर करें तो चीन की हरकतें ५० गुना से भी अधिक है, ऐसा इशारा ‘एफबीआई’ प्रमुख ने दी। 

साइबर क्षेत्रचीन की हुकूमत ने साइबर क्षेत्र में अमरीका को पीछे छोड़कर महा शक्ति होने की महत्वाकांक्षा रखी हैं और इसके लिए झुठ बोलना, फंसाना और चोरी करने की त्रिसुत्री का रणनीतिक इस्तेमाल शुरू किया है, यह दावा भी ख्रिस्तोफर रे ने किया। चीन के साइबर खतरे पर ध्यान आकर्षित करते समय एफबीआई के प्रमुख ने जांच एजेन्सी में अधिक वर्क फोर्स ज़रूरी हैं,यह अहसास कराया। एफबीआई के साइबर सुरक्षा विभाग में कम से कम २०० विशेषज्ञ एवं विश्लेषकों की ज़रूरत है, ऐसा रे ने कहा।

चीन के साथ ही रशिया, ईरान और उत्तर कोरिया जैसे देश से भी साइबर क्षेत्र को होने वाला खतरा भारी मात्रा में बढ़ा है, ऐसी चेतावनी ‘एफबीआई’ के प्रमुख ने दी। अमरिकी साइबर यंत्रणा पर सैकड़ों तरह के रैन्समवेअर्स के हमलें जारी रहेगैं औकी इसकी तीव्रता लगातार बढ़ती रहेगी, ऐसा रे ने कहा।

कुछ दिन पहले अमरिकी गुप्तचर यंत्रणा ने ‘एन्युअल थ्रेट एसेसमेंट रिपोर्ट’ पेश की थी। इसमें अमरीका को सरकारी एवं निजी क्षेत्र में चीनी साइबर हमलों का खतरा होने की बात दर्ज़ की गई थी। अमरीका में संवेदनशील यंत्रणा कमजोर करने की क्षमता के सायबर हमले चीन कर सकता हैं यह दावा भी किया गया था। इस पृष्ठभूमि पर एफबीआई के प्रमुख ने संसद में दिया इशारा ध्यान आकर्षित कर रहा हैं।

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