ब्रिक्स के आतंकवादविरोधी प्रस्ताव के बावजूद भी चीन द्वारा पाकिस्तान को बचाने की कोशिश

बीजिंग/इस्लामाबाद, दि. १७ (पीटीआय) – ब्रिक्स परिषद में पाकिस्तान की आतंकवादी नीति पर हमला करनेवाले भारत को अन्य देशों से जो प्रतिसाद मिल रहा है, वह पाकिस्तान समेत चीन को भी अस्वस्थ करनेवाला है| इसी वजह से, पाकिस्तान समेत चीन से भी प्रतिक्रिया आ रही है| ‘आतंकवाद को किसी भी एक देश के साथ और धर्म के साथ जोड़ना ग़लत होगा’, ऐसा कहते हुए चीन के विदेशमंत्रालय ने, ‘आतंकवाद के खिलाफ़ जारी जंग में पाकिस्तान ने बड़ा योगदान दिया है’ ऐसा दावा किया| उसी समय, भारत ‘ब्रिक्स’ और ‘बिम्सटेक’ के सदस्य देशों को गुमराह कर रहा है, ऐसा इल्ज़ाम पाकिस्तान ने लगाया है|

ब्रिक्सगोवा में हुई ब्रिक्स परिषद को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने, पाकिस्तान से भारत में निर्यात किए जानेवाले आतंकवाद की कडे शब्दों में आलोचना की| साथ ही, ब्रिक्स के प्रस्ताव में आतंकवाद के खिलाफ कड़ी भूमिका अपनाई गई है और इसके पीछे भारत की माँग है, ऐसा सामने आ रहा है| पाकिस्तान का जिगरी दोस्त रहनेवाले चीन को भी इस आतंकवादविरोधी प्रस्ताव को मंज़ुरी देनी पड़ी थी| इसका असर पाकिस्तान में दिखाई दे रहा है और ‘क्या चीन ने भी पाकिस्तान का साथ छोड़ दिया है’ ऐसा सवाल पाकिस्तान की मीडिया द्वारा पूछा जा रहा है| पाकिस्तान के राजनीतिक और सामरिक विश्‍लेषकों ने इस बात पर ग़ौर फ़रमाया है कि पाकिस्तान का समर्थन करते समय भी चीन इस बात पर ध्यान दे रहा है कि भारत पूरी तरह अपने खिलाफ़ ना जाएँ| इस पृष्ठभूमि पर, चीन के विदेशमंत्रालय ने ‘आतंकवाद के संदर्भ में’ अपने देश की नीति नए सिरे से रखी है|

‘किसी भी एक देश या धर्म के साथ आतंकवाद को जोड़ना सही नहीं होगा| चीन इसका संपूर्ण रूप से विरोध करता है| पाकिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ़ की जंग में काफ़ी बड़ा योगदान दिया है और त्याग किया है| आंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने इस बात की ओर भी ध्यान देना चाहिए’, ऐसा चीन के विदेशमंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा है| इससे पहले भी चीन ने, आतंकवाद के मसले में पाकिस्तान का बचाव करने की नीति अपनाई थी|

जैश-ए-मोहम्मद’ का सरगना मौलाना मसूद अझहर, ‘जमात-उल-दवा’ का हफीज सईद और सय्यद सलाहुद्दीन इन, पाकिस्तान की भूमि पर से भारत के खिलाफ़ साज़िश रचनेवाले सभी आतंकवादियों को सुरक्षा परिषद की कार्रवाई से बचाने के लिए चीन ने नकाराधिकार का इस्तेमाल किया था| इस वजह से ब्रिक्स परिषद में आतंकवादविरोधी प्रस्ताव में मजबूरन् शामिल हुए चीन ने दूसरे ही दिन, ‘हम पाकिस्तान के साथ हैं’ ऐसी घोषणा की, ऐसा दिखाई दे रहा है|

इसी दौरान, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के सलाहकार सरताझ अझिज ने, ‘भारत ब्रिक्स के सदस्य देशों को गुमराह कर रहा है’ ऐसा इल्ज़ाम लगाया है| ‘ब्रिक्स समेत बिम्सटेक में आतंकवाद के खिलाफ रखे गए प्रस्ताव को पाकिस्तान का भी समर्थन है| पाकिस्तान सभी तरह के आतंकवाद का विरोध करता है| इनमें भारत पाकिस्तान में कर रहा आतंकवाद भी शामील है’ ऐसा दोषारोपण सरताझ अझिज ने किया| साथ ही, आतंकवाद का मसला उठा कर भारत, कश्मीर के मसले से सभी का ध्यान हटाने की कोशिश कर रहा है, ऐसा इल्ज़ाम अझिज ने लगाया|

भारत ने पाकिस्तान को घेरा होने की पाक़िस्तानी विशेषज्ञों और मीडिया की चिंता

‘आक्रामक राजनीतिक मुहीम के जरिए भारत, आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को घेरने में कामयाब हो रहा है| पाकिस्तान ने समय पर ही अपनी नीति में बदलाव नहीं किये गए, तो पाकिस्तान की ख़ैर नहीं’ ऐसी चेतावनी अब पाकिस्तान की मीडिया में ही प्रकाशित हो रही है| साथ ही, अब तक कश्मीर मसला सुलझाने के लिए अपनाई नीति का पुनर्विचार करने की माँग पाकिस्तान में बढ़ रही है| ‘द नेशन’ इस पाकिस्तान के अखबार में इस संदर्भ में एक लेख प्रकाशित हुआ है| पाकिस्तान की मीडिया में भी, कुछ जानकार पत्रकारों और विशेषज्ञों ने, पाकिस्तान आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर घिर चुका है, इस बात को कबुला है|

‘द नेशन’ में प्रसिद्ध हुए लेख में, पाकिस्तान की आतंकवादी नीति की कड़ी आलोचना की गई है| जिनको ‘नॉन स्टेट ऍक्टर्स’ कहा जाता है, उन आतंकवादियों के संदर्भ में पाकिस्तान अपनी भूमिका स्पष्ट करें| फ़िलहाल तो पाकिस्तान को, वे अच्छे हैं या बुरे हैं, यह तय करना मुश्किल हो रहा है, यह पाकिस्तान ने दुनिया को बताना चाहिए, ऐसी अपेक्षा इस लेख में व्यक्त की गई है| कुछ दिन पहले ‘डॉन’ इस पाकिस्तान के दैनिक में, पूर्व राजनीतिक अधिकारी और विशेषज्ञो ने, ‘अपना देश आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर घिर रहा है’ इस बात को मानते हुए, पाकिस्तान के लिए स्थिति चिंताजनक है, ऐसा दावा किया था| कुछ मीडिया में, पाकिस्तान को घेरने में भारत को कामयाबी मिल रही है, ऐसा कहते हुए विशेषज्ञ चिंता जता रहे है|

 

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