भारत कर रहा है चीन की सीमा के निकट रेल मार्ग का निर्माण

इटानगर: भारतीय सीमा पर चीन ने शुरू की हरकतें रोकने के लिए भारत ने सेना की तैनाती के साथ इस क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं का निर्माण करने के लिए जोरदार गतिविधियां शुरू की है| भारतचीन सीमा पर तवांग तक जाने के लिए रेलमार्ग का निर्माण करना इन्हीं गतिविधियों का हिस्सा है| इस रेलमार्ग के निर्माण का काम शुरू करने का समारोह हाल ही में हुआ| भारत ने रेलमार्ग का निर्माण शुरू किया है, तभी चीन ने सीमा के निकट अपनी हरकतें शुरू रखी है और दक्षिणी तिब्बत में ब्रह्मपुत्रा नदी पर नए पुल का निर्माण करने की जानकारी सामने आयी है|

चीन की हुकूमत पिछले कई दशकों से अरुणाचल प्रदेश अपना ही हिस्सा होने का दावा कर रही है और इस हुकूमत ने सरकारी नक्शे में भी यह क्षेत्र चीन का हिस्सा दिखाया है| पर, भारत ने चीन का यह दावा कभी भी स्वीकार नही किया और अरुणाचल प्रदेश यह भारत का सार्वभूम हिस्सा होने की बात डटकर रखी है|

पर, भारत का कहना ठुकराकर चीन ने समय समय पर अरुणाचल प्रदेश में घुसपैठ की कोशिश करने की बात भी स्पष्ट हुई है| वर्ष १९६२ में हुए भारतचीन युद्ध में भी चीन की सेना ने अरुणाचल प्रदेश में घुसपैठ की थी|

आजादी के बाद कुछ समय के लिए भारत सरकार ने अरुणाचल प्रदेश में बुनियादी सुविधा एवं सेना की तैनाती करने की ओर ज्यादा ध्यान नही दिया था| पर, पिछले कुछ वर्षों में भारत ने अरुणाचल प्रदेश के साथ ईशान्य भारत के लिए स्वतंत्र प्लैन किया और बुनियादी सुविधाओं के साथ अन्य विकास की परियजोनाओं पर गतिमान काम शुरू किया| पिछले वर्ष भारत ने चीन की सीमा से जुडे सिक्कीम राज्य में पहला हवाईअड्डा कार्यरत किया था|

अरुणाचल प्रदेश पूरी तरह से चीन की सीमा से जुडा होने से इस क्षेत्र में रास्ते एवं रेलमार्ग का निर्माण करने के लिए खास प्लैन किया गया है| फिलहाल अरुणाचल प्रदेश में भालुकपॉंगक्षेत्र में भारतीय रेल का आखरी स्टेशन कार्यरत है| नया रेल मार्ग भालुकपॉंगतवांगके बीच निर्माण किया जाएगा और इस मार्ग की लंबाई १९८ किलोमीटर्स रहेगी| इनमें से १७७ किलोमीटर्स का मार्ग टनेल का रहेगा और पर्यावरण को ध्यान में रखकर यह निर्णय किया गया है, यह जानकारी नॉर्थईस्ट फ्रंटिअर रेल के वरिष्ठ अधिकारी एन.के.प्रसाद ने दी|

तवांग में निर्माण हो रहा यह रेलमार्ग यानी चीन की हरकतों को दिया करारा जवाब होगा, यह दावा अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने पहले ही किया था| चीन ने भी भारत ने शुरू किए इस रेल मार्ग के निर्माण पर नाराजगी व्यक्त की है| पर, इस ओर अनदेखा करके भारत ने तवांग रेलमार्ग का काम शुरू किया है, यह स्पष्ट हुआ है|

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