चीन कोरोना के सबूत मिटा रहा है – पश्‍चिमी माध्यमों का आरोप

वॉशिंग्टन/लंदन – कोरोना वायरस चीन का ही निर्माण है और इसका स्रोत वुहान की लैब ही है, यह बात स्पष्ट होने के बाद सतर्क हुए चीन ने इससे संबंधित सबूत मिटाना शुरू किया है। कोरोना वायरस के विषाणु को लेकर चीन के वैज्ञानिक काम कर रहे थे, उस समय की फोटो एवं वेबसाईटस्‌ पर उपलब्ध इस विषाणु से जुड़ी जानकारी ‘डिलिट’ की गई है। अपनी रक्षा करने के लिए चीन ने यह कोशिश शुरू की है, मग़र फिर भी अमरीका और मित्रदेशों नें, लाखों लोगों की मौत का कारण बनी इस महामारी के लिए जिम्मेदार होनेवाले चीन पर बडी मात्रा में राजनयिक एवं आर्थिक स्तर पर दबाव बढाना शुरू किया है।

कोरोना वायरस का निर्माण और इसके फैलाव का स्रोत वुहान की लैब ही होने के आरोपों को अधिक मजबूती प्राप्त होने लगी है। वुहान की लैब से संबंधित शीर्ष वैज्ञानिक की मुलाकात और चीन के न्यूज़चैनलों की पुरानी डॉक्युमेंटरी ने कोरोना वायरस और इस लैब की सच्चाई अधिक स्पष्ट तौर पर दुनिया के सामने रखी है। ऐसें में इसी लैब की वेबसाईट पर के कोरोना से संबंधित फोटो, निर्माणकार्य से संबंधित पूरी जानकारी अपनी साज़िश दुनिया के सामने स्पष्ट करेगी, इस डर से चीन ने इससे संबंधित सबूत मिटाना शुरू किया है।

पश्‍चिमी माध्यमों ने प्रकाशित की हुई जानकारी के अनुसार, कुछ महीनें पहलें वुहान लैब की वेबसाईट पर चीन के वैज्ञानिक, कोरोना के विषाणु से संबंधित अनुसंधान में जुटें होने के फोटो दिखाई दे रही थीं। लेकिन यकायक ये फोटो इस वेबसाईट से हटाईं जाने की ओर ब्रिटीश माध्यमों ने ग्ज़ौर फ़रमाया है। इन फोटो की तरह ही वुहान की ‘चायना युनिव्हर्सिटी ऑफ जियोसायन्सेस’ की वेबसाईट पर रखी गयी कोरोना वायरस से संबंधित रिपोर्ट भी सेन्सॉर की गयी है। इसके अलावा अन्य कुछ जानकारी भी डिलिट की गई है, यह दावा अमरिकी माध्यम कर रहे हैं।

कुछ दिन पहले कोरोना वायरस से जुडी वेबसाईट पर सायबर हमलें हुए थे। इस विषाणु से जुड़े सबूत मिटाने के लिए चीन की जारी कोशिशों के तहत यह किया गया होने के आरोप भी किए गए थे। कोरोना वायरस से संबंधित फोटो और जानकारी वेबसाईटस्‌ से गायब होने के मामलों के बारे में सवाल करने के लिए पश्‍चिमी माध्यमों ने चीन के दूतावास से संपर्क किया था। लेकिन चीन के दूतावास इस सवाल का जवाब देने से दूर रहे हैं।

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