‘चीन के कोरोनावायरस के मृतकों की संख्या चालीस गुना अधिक’ – ब्रिटन के अधिकारियों का दावा

लंडन – चीन बता रहा है उससे कम से कम १५ से ४० गुना अधिक संख्या में कोरोनावायरस ने इस देश में जानें लीं हैं। लेकिन चीन यह जानकारी ज़ाहिर होने नहीं दे रहा है। लेकिन आनेवाले समय में चीन को इसकी क़ीमत चुकानी ही पड़ेगी। कोरोनावायरस के संक्रमण का संकट टलने के बाद चीन को इसका हिसाब चुकता करना ही होगा, ऐसी कड़ी चेतावनी ब्रिटिश सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों दी है। वहीं, ब्रिटन के मंत्रिमंडल के वरिष्ठ सदस्य मायकल गोव्ह ने, चीन इस संक्रमण के बारे में बहुत कुछ छिपा रहा है, ऐसा आरोप किया है।

चीन ने यदि समय पर ही जानकारी साझा की होती, तो कोरोनावायरस का संकट दुनिया पर टूट न पड़ता। यह संक्रमण चीन के एकाद भाग तक ही सीमित रहता, ऐसा दोषारोपण अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ने किया था। अन्य देशों से भी अब चीन की कड़ी आलोचना की जा रही है। ब्रिटिश सरकार के अधिकारियों ने इस संदर्भ में अख़बारों को जानकारी दी। चीन बता रहा है उससे लगभग १५ से ४० गुना अधिक प्रमाण में चीन में इस संक्रमण से जानें गयीं होंगी, ऐसा आरोप इन अधिकारियों ने किया है। लेकिन चीन इसके बारे में वास्तविक जानकारी ज़ाहिर करने के लिए तैयार नहीं है, यह खेदजनक बात है, ऐसा इन अधिकारियों का कहना है।

इसी कारण, इस भयंकर जागतिक संकट के लिए कारण बने और इस संदर्भ की जानकारी छिपाकर दुनिया को नये संकट में धकेलनेवाले चीन के साथ सभी प्रकार का सहयोग बन्द करें, ऐसी माँग इन अधिकारियों द्वारा की जा रही है। ख़ासकर ब्रिटन ने ५जी तंत्रज्ञान के संदर्भ में चीन की हुवेई कंपनी के साथ किया समझौता ख़ारिज़ किया जायें, इसके लिए प्रधानमंत्री बोरीस जॉन्सन पर दबाव बढ़ रहा है।

इस पल कोरोनावायरस के संक्रमण का मुक़ाबला करना, यही ब्रिटन की सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। लेकिन एक बार इस संकट का निवारण हो गया, तो फिर उसके बाद इस संक्रमण के लिए ज़िम्मेदार रहनेवाले चीन को इसकी क़ीमत चुकाने पर मजबूर किया जाना चाहिए, ऐसी संतप्त प्रतिक्रिया इन अधिकारियों द्वारा दी ज रही है।

ब्रिटन के मंत्रिमंडल के वरिष्ठ सदस्य मायकल गोव्ह ने तो खुलेआम चीन को ज़िम्मेदार ठहराया है। आनेवाले समय में अमरीका के साथ साथ ब्रिटन भी कोरोनावायरस के संक्रमण के मुद्दे पर चीन की घेराबंदी करेगा, यह इससे स्पष्ट रूप में दिखायी देने लगा है। इसकी भनक लगने के कारण चीन अपनी छवि सुधारने की जानतोड़ कोशिशें करने लगा है। दुनिया को इस संक्रमण के चंगुल से बचाने के लिए वह बहुत बड़ी सहायता कर सकता है, ऐसा चीन द्वारा लगातार बताया जा रहा है।

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