पाकिस्तान की आलोचना करनेवाले पीटीएम के नेता की हत्या

इस्लामाबाद – पाकिस्तान के खैबरपख्तुन्वा प्रांतस्थित दक्षिणी वझिरीस्तान में ‘पश्तून तहफुझ मूव्हमेंट’ (पीटीएम) के वरिष्ठ नेता अरिफ वजीर की दिनदहाड़े हत्या की गयी। ‘पीटीएम’ यह पाकिस्तान की पश्तू जनता के अधिकारों के लिए लड़नेवाला संगठन होकर, इसके नेती पाकिस्तान की लष्कर और गुप्तचर संगठन आयएसआय के निशाने पर हैं, यह बार बार स्पष्ट हुआ था। इस पृष्ठभूमि पर, अरिफ की हत्या पाकिस्तान पुरस्कृत आतंकियों ने ही की, ऐसा आरोप पीटीएम के नेता एवं पाकिस्तान संसद सदस्य मोहसीन दावर ने किया है।

अरिफ जब घर के बाहर थे, तब उनपर अज्ञात हमलावरों ने अंधाधुंद गोलीबारी की। यह हमला कर हमलावर भाग गये। उसके बाद उपस्थितों ने अरिफ को फ़ौरन अस्पताल में दाख़िल किया। लेकिन ईलाज़ के दौरान ही उनकी मृत्यु हुई। पीटीएम के प्रमुख नेताओं में से एक होनेवाले अरिफ ने कुछ दिन पहले ही अफगानिस्तान की भेंट की और इस दौरे में उन्होंने पाकिस्तानी सरकार की पश्तू जनता के ख़िलाफ़ होने की नीतियों की कड़ी आलोचना की थी।

अरिफ के इस भाषण की गूँजें पाकिस्तान में उठी थीं और १७ अप्रैल को पाकिस्तान की यंत्रणाओं ने उभें गिरफ़्तार किया था। उसके बाद उन्हें ज़मानत पर रिहा किया गया। इसके बाद पाकिस्तानी लष्कर ने अरिफ को रास्ते से हटाया होने की चर्चा शुरू हुई है। पीटीएम के प्रमुख नेता और पाकिस्तान की संसद के सदस्य होनेवाले मोहसिन दावर ने, अरीफ की हत्या में पाकिस्तान पुरस्कृत तालिबान का हाथ होने के आरोप किये हैं।

पाकिस्तान की राजनीतिक-लष्करी व्यवस्था हमेशा पश्तू जनता पर नाइन्साफ़ी और अत्याचार करती आयी है। करीत आली आहे. हाल ही में इसके विरोध में कुछ युवा पश्तू नेताओं ने आवाज़ उठायी थी। मंजूर पश्तीन जैसे युवा नेता के आक्रमक नेतृत्व के कारण पीटीएम को मिलनेवाला प्रतिसाद भारी मात्रा में बढ़ा था। पीटीएम की सभा में लाखों की तादाद में लोग आना शुरू हुआ था और पाकिस्तान के इस्लामाबाद तक इसके धक्कें महसूस होने लगे थे। उसके बाद पाकिस्तानी लष्कर तथा गुप्तचर संगठन आयएसआय ने पीटीएम के नेताओं को लक्ष्य बनाने की शुरुआत की दिखाई दे रही है।

अरिफ वजीर के घर के अन्य सदस्यों की भी पाकिस्तान ने इसी प्रकार हत्या करायी थी, ऐसे आरोप किये जाते हैं। आतंकवाद का विरोध और पश्तू जनता के अधिकारों की माँग, ये अरिफ वजीर जैसे पश्तू नेताओं के गंभीर गुनाह हैं, ऐसा पाकिस्तान की लष्करी व्यवस्था को प्रतीत होता आया है। इसी कारण पाकिस्तान के लष्कर और आयएसआय ने, पीटीएम के नेताओं को अलग अलग मार्गों से लक्ष्य करने की शुरुआत की दिखाई दे रही है।

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