चीन ने जानबूझकर कोरोना विषाणु का जैव हथियार की तरह इस्तेमाल किया – वुहान लैब के वैज्ञानिक की कबुली

वॉशिंग्टन – दुनियाभर में लगभग ७० लाख लोगों की मौत का कारण बने कोरोना विषाणु का निर्माण चीन के लैब में ही हुआ। आगे इस विषाणु का फैलाव करके चीन ने इसका जैव हथियार की तरह इस्तेमाल किया। वर्ष २०१९ में वुहान में आयोजित हुई सैन्य प्रतियोगिता में शामिल विदेशी सैनिकों के ज़रिये चीन ने इस विषाणु का फैलाव किया था, ऐसी दहलानेवाली कबुली वुहान लैब के वैज्ञानिक ने दी है। साथ ही इस विषाणु के निर्माण करने के पीछे होने वाली भयंकर साज़िश की हम साझा कर रहे जानकारी यानी काफी छोटी सी बात है, यह दावा इस वैज्ञानिक ने किया।

वर्ष २०१९ के अन्त में चीन के वुहान शहर से फैली कोरोना की महामारी ने दुनियाभर में कोहराम मचाया था। इस महामारी में लगभग ७० लाख लोगों की मौत हुई हैं और कुछ देशों में अभी भी कोरोना के नए वेरिएंट से संक्रमित पाए जा रहे हैं। वुहान लैब में सुरक्षा को लेकर लापरवाही होने का आरोप अमरिकी सीनेट ने अपनी रपट में लगाया था। कुछ हफ्ते पहले चीन ने इस मुद्दे पर एक रपट जारी करके उसके खिलाफ लगाए आरोप ठुकराए थे।

लेकिन, चीन के इस वुहान लैब के वैज्ञानिक ने ही कोरोना के उद्गम, फैलाव और इसमें चीन की बनी साज़िश की जानकारी सार्वजनिक की है। ‘इंटरनैशनल प्रेस असोसिएशन’ की सदस्या और मानव अधिकार संगठन की सदस्या जेनिफर झेंग ने वुहान लैब के वैज्ञानिक चाओ शाओ का साक्षात्कार लेकर इससे जुड़ी चौकानेवाली जानकारी सार्वजनिक की। इस साक्षात्कार में चाओ ने वुहान मिलिटरी वर्ल्ड गेम्स का भी ज़िक्र किया है।

चाओ शाओ और वुहान लैब के उनके सहयोगी शान चाओ को उनके वरिष्ठ ने चार विषाणुओं के स्ट्रेन पर काम करने की सूचना की थी। इनमें से हर एक विषाणु के स्ट्रेन कितने तेज़ और असरदार ढ़ंग से पशु, पक्षी और मानव में फैले हैं, इसके प्रयोग करने की ज़िम्मेदारी चाओ और शान को दी थी। साथ ही यह विषाणु संक्रमित होता है क्या, इसका जवाब भी हमारे वरिष्ठ चाहते थे, ऐसा चाओ ने झेंग को दिए साक्षात्कार के दौरान स्पष्ट किया।

वुहान लैब के अन्य वैज्ञानिक शान चाओ ने साझा की हुई जानकारी के अनुसार वर्ष २०१९ के वुहान मिलिटरी वर्ल्ड गेम्स के दौरान उनके सहयोगी लापता हुए थे। इन लापता वैज्ञानिकों को इस प्रतियोगिता में शामिल विदेशी स्पर्धकों के स्वास्थ्य की जांच करने का ज़िम्मा दिया गया था। लेकिन, स्वास्थ्य का परीक्षण करने का काम डॉक्टरों का है और इसके लिए विषाणु पर काम कर रहे वैज्ञानिकों की ज़रूरत नहीं हैं, यह कहकर चाओ शाओ ने इसपर आशंका जताई। साथ ही प्रतियोगिता में शामिल विदेशी सैनिक इस विषाणु से संक्रमित हो, इसके लिए वहां कोशिश की गई होगी, ऐसी आशंका भी चाओ ने व्यक्त की।

आगे अप्रैल २०२० में चाओ शाओ को झिंजियांक के उत्पीड़न शिविरों में कैद किए उइगरवंशियों के स्वास्थ्य का परीक्षण करने के लिए भेजा गया था। उस समय भी उइगरवंशियों में कोरोना का फैलाव करने की साज़िश की गई होगी, ऐसा दावा चाओ ने किया। इससे पहले जेनिफर झेंग ने वुहान लैब के वैज्ञानिकों के दाखिले से कोरोना का निर्माण और फैलाव वहीं से होने का आरोप लगाया था। लेकिन, इस लैब के वैज्ञानिकों का साक्षात्कार सार्वजनिक करके झेंग ने सनसनी फैलाई हैं।

इसी बीच, वुहान की सैन्य प्रतियोगिता का इस्तेमाल करके चीन ने कोरोना का फैलाव किया, ऐसा आरोप पहले भी लगाया गया था। लेकिन, चीन ने यह आरोप ठुकराया था। लेकिन, चाओ शाओ और शान चाओ ने लगाए आरोपों की वजह से चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत ने कोरोना का जैव हथियार की तरह इस्तेमाल करने की जानकारी फिर से सामने आयी है।

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