चीन ने नया वसाहतवाद शुरू किया है – मलेशिया के प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद का आरोप

बीजिंग: मलेशिया में चीन के प्रकल्प रद्द करने की घोषणा करनेवाले मलेशिया के प्रधानमंत्री ने चीन पर वसाहतवाद जारी करने का आरोप किया है। रईस देशों से स्पर्धा ना करनेवाले गरीब देश वसाहतवाद को बलि चढ़ रहे हैं, ऐसी आलोचना मलेशिया के प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद ने की है। इससे पहले राष्ट्राध्यक्ष महाथिर ने चीन के महत्वाकांक्षी वन बेल्ट वन रोड से वापसी की थी।

चीन के दौरे पर होनेवाले प्रधानमंत्री महाथिर ने चीन के प्रधानमंत्री ली केकियांग से मुलाकात की है। इस भेंट में चीन के साथ प्रकल्प से वापसी करने के निर्णय का प्रधानमंत्री महाथिर ने समर्थन किया है। मलेशिया की वित्त व्यवस्था के सामने समस्या कठिन होने का दावा करके चीन के ओबीओआर प्रकल्प में २० अरब डॉलर का निवेश नहीं कर सकते। यह व्यवहार्य निर्णय होने की बात कहकर प्रधानमंत्री महाथिर ने इस प्रकल्प से वापसी करने का बात स्पष्ट की है।

चीन, नया वसाहतवाद, शुरू किया, मलेशिया, प्रधानमंत्री, महाथिर मोहम्मद, आरोप, बीजिंग, वन बेल्ट वन रोडपर चीन के साथ व्यापारी सहयोग में फर्क न होने का दावा मलेशिया के प्रधानमंत्री ने किया है। इसके लिए चीन के साथ मुक्त व्यापारी करार करने की तैयारी प्रधानमंत्री महाथिर ने व्यक्त की है। पर चीन के साथ मुख्य व्यापार पर भी मलेशिया के प्रधानमंत्री ने प्रश्न उपस्थित किए हैं। मुक्त व्यापार यह इमानदारी से होनेवाला व्यापार चाहिए, ऐसा कहकर प्रधानमंत्री महाथिर ने चीन के व्यापारी धारणाओं पर ध्यान केंद्रित करने वाले आलोचना की है।

गरीब देश रईस देशों से स्पर्धा नहीं कर सकते। इसकी वजह से मुक्त व्यापार के नाम पर ऐसे देशों में वसाहतवाद जारी नहीं किया जा सकता ऐसी अपेक्षा है। इसके लिए मुक्त व्यापार से अधिक इमानदारी से व्यापार करने की आवश्यकता है, ऐसी टिप्पणी मलेशिया के प्रधानमंत्री ने लगाई है। उस समय प्रधानमंत्री महाथिर ने किसी भी देश का उल्लेख नहीं किया है।

दौरान पिछले कई हफ्तों से प्रधानमंत्री महाथिर ने चीन के बारे में आक्रामक भूमिका का स्वीकार करना शुरू किया है। यह चीन के लिए झटका है। क्योंकि चीन विकसित कर रहे ओबीओआर प्रकल्प केवल मूलभूत सुविधाओं के विकास तक मर्यादित नहीं है। यह प्रकल्प चीन के अतिमहत्वाकांक्षी सामरिक धारणाओं का भाग है। इसकी वजह से चीन क्षेत्र में देशों को अव्यवहार्य होगा इतना निवेश कर रहा है और भी बेमालूम कर्ज बांट रहा है।

गरीब देशों को अपने कर्ज के चंगुल में फंसाकर उनके बंदरगाह एवं सामरिक रूप से महत्वपूर्ण जगह अपने कब्जे में लेने की चीन की योजना है। इसकी कल्पना आने पर म्यांमार, बांग्लादेश तथा अन्य कई देशों ने चीन के प्रकल्प रद्द किए हैं। पाकिस्तान में भी जिनके प्रकल्प पर चिंता व्यक्त की जा रही है।

ऐसी परिस्थिति में मलेशिया के प्रधानमंत्री महाथिर ने चीन के प्रकल्प के बारे में लिये इस महत्वपूर्ण निर्णय की प्रतिक्रिया अन्य देशों में भी उमड़ सकती है। इसका मतलब चीन के वर्चस्ववादी धारणाओं को इससे अधिक झटका लगने की आशंका है।

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