चीन की भारतविरोधी हरकतें नहीं रुकी हैं

China-anti-india-activityनई दिल्ली/बीजिंग – पिछले महीने में भारत और चीन के लष्करी अधिकारियों के बीच लद्दाख की एलएसी के संदर्भ में हुआ चर्चा का 14 वाँ सत्र भी नाक़ाम साबित हुआ था। उसके बाद, भाईचारा कायम रखकर यह मसला चर्चा के जरिए हल करने की बात दोनों देशों ने मान ली थी। लेकिन चीन की भारत विरोधी हरकतें नहीं रुकीं हैं। अरुणाचल प्रदेश में हुआ युवा का अपहरण और गलवान वैली में भारतीय सैनिकों से पीटकर आनेवाले चिनी सेना के अधिकारी को विंटर ओलंपिक में प्रदान किया सम्मान, इन घटनाओं के ज़रिए चीन ने अपना भारतविद्वेष जगज़ाहिर किया है।

पिछले कुछ महीनों से लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश की एलएसी पर बहुत सारा निर्माण कार्य करने का आभार चीन निर्माण कर रहा है। अरुणाचल प्रदेश की एलएसी पर चीन की सेना ने गाँव बसाया होने का प्रचार शुरू किया है। उसके बाद, लद्दाख की एलएसी के पास तैनात चीन के जवान नृत्य कर रहे हैं यह दिखानेवाला वीडियो सोशल मीडिया में जारी किया गया था। इन घटनाओं के बाद, चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी ने भारत के अरुणाचल प्रदेश से एक 17 वर्षीय युवा का अपहरण किया होने की घटना सामने आई थी।

China-anti-india-activity-01टॅरन यह नाम होनेवाले युवा का चिनी सेना ने पिछले महीने में अपहरण किया था। 27 जनवरी को उसे रिहा कर दिया गया होकर, उसे उसके परिजनों को सौंपा गया। उसके बाद दिए इंटरव्यू में उसने, चिनी सेना ने उसे भारी यातनाएँ दीं होने की तथा बार-बार इलेक्ट्रिक शॉक दिए होने की जानकारी टॅरन ने दी। उस पर तीव्र प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं। भारतीय युवा का इस प्रकार उत्पीड़न करके चीन की सेना अपना पराक्रम साबित करना चाहती है। गलवान के संघर्ष में भारतीय सेना से जमकर मार खानेवाली चीन की सेना ने क्या भारत के युवा पर उसका गुस्सा निकाला है, ऐसा सवाल सोशल मीडिया में पूछा जा रहा है।

इससे पहले भी चीन की सेना ने यह दिखाने की जानतोड़ कोशिशें की थी कि एलएसी पर वह वर्चस्व जता रही है। ख़ासकर इस संघर्ष में चीन ने भारत को मात दी है, ऐसा चिनी सेना अपनी जनता को दिखाना चाहती है। इसके लिए अलग-अलग विकल्पों का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह चीन के भारत विरोधी प्रचार युद्ध का भी भाग साबित होता है, ऐसा दावा भारत के पूर्व लष्करी अधिकारी कर रहे हैं।

उसी के साथ, गलवान वैली में भारतीय सैनिकों द्वारा जमकर मार खाकर, कई महीनों तक अस्पताल में इलाज करवा रहे चिनी सेना के अधिकारी को बीजिंग के विंटर ओलंपिक में खास सम्मान दिया जा रहा है। गलवान वैली के संघर्ष में शहीद हुए जवानों को भारत ने बहुत बड़ा सम्मान प्रदान किया। लेकिन चीन इसकी सादी जानकारी भी सार्वजनिक करने के लिए तैयार नहीं है कि चीन के निश्चित रूप में कितने जवान मारे गए और कितने घायल हुए। अब तक चीन की सेना में इस मामले में अधिकृत तौर पर जो कुछ जानकारी दी है, उस पर विश्वास रखने के लिए चीन के नेटीजन्स भी तैयार नहीं हैं। लेकिन अपने जवानों को चीन सम्मान नहीं देता, यह दोषारोपण चिनी सेना को मुश्किल में डालनेवाला साबित हुआ है। इस ऐतराज़ को जवाब देने के लिए चीन जानतोड़ कोशिश करता हुआ दिखाई दे रहा है।

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