प्रधानमंत्री मोदी के अमरीका दौरे के बाद चीन और पाकिस्तान की चिंता बढ़ी

नई दिल्ली – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमरीका दौरे को प्राप्त हुई प्रचंड़ सफलता का असर सामने आने लगा हैं। भारत और अमरीका का सहयोग तीसरे देश के विरोधी नहीं होना चाहिये, ऐसी गुहार चीन के विदेश मंत्रालय ने लगाई है। गौरतलब है कि, प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्राध्यक्ष बायडेन के जारी संयुक्त निवेदन में आतंकवादी पृष्ठभूमि का किए ज़िक्र ने पाकिस्तान को बड़ा परेशान कर दिया हैं। अमरीका से प्राप्त सहायता का इस्तेमाल करके भारत हमारे विरोध में आक्रामक नीति अपनाएगा, इस चिंता ने इन दोनों पड़ोसी देशों को सदमे में धकेला होने की बात भी स्पष्ट हुई है।

चीन के विरोध में अमरीका भारत का इस्तेमाल करने की कोशिश में लगी हैं। इसी लिए प्रधानमंत्री मोदी के दौरे को अमरीका विशेष अहमियत दे रही है, ऐसी आलोचना चीन के सरकारी माध्यमों ने की थी। लेकिन, भारत अभी भी अमरीका के चीन विरोधी गुट का हिस्सा नहीं होगा, ऐसे दावे चीन के सरकारी माध्यमों ने ठोक दिए थे। लेकिन, प्रधानमंत्री मोदी के इस अमरीका दौरे में दोनों देशों के विकसित हो रहे आर्थिक, सामरिक स्तर के सहयोग चीन को खौफ दे रहा हैं, यह भी स्पष्ट हुआ है। खास तौर पर अमरिकी उद्यमी और निवेशकों ने प्रधानमंत्री को दर्शाया समर्थन चीन को चौका रहा हैं, ऐसा विश्लेषकों का कहना हैं। जागतिक उत्पादन का केंद्र चीन के बजाय अब भारत में स्थापित करने की बड़ी तेज़ तैयारी अमरीका ने जुटाई हैं, ऐसी चिंता सरकारी माध्यमों ने व्यक्त की थी। चीन के विदेश मंत्रालय ने भी यह आरोप लगाया है कि, अमरीका हमारे देश को आर्थिक स्तर पर उत्पीड़ीत करने में लगी है। प्रधानमंत्री मोदी के अमरीका दौरे के बीच में यह आरोप लगाया गया था।

इसके साथ ही भारत और अमरीका ने लड़ाकू विमानों के निर्माण और ‘एमक्यू ९ ड्रोन’ की खरीद के किए समझौते की वजह से चीन बेचैन हुआ हैं। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने दर्ज़ प्रतिक्रिया से सह मुद्दा पुरी दुनिया में फैला है। दो देशों का सहयोग क्षेत्र की शांति और स्तिरता को चुनौती नहीं देता होगा, साथ ही दोनों देशों का सहयोग तीसरें देश के विरोध में नहीं होना चाहिये, ऐसी भूमिका चीन ने काफी पहले से अपनाई होने का दावा निंग ने किया। भारत और अमरीका से चीन यही उम्मीद रखता है, ऐसा निंग ने कहा।

रशियन पत्रकार ने पुछे सवाल के जवाब में चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह दावे किए। इसी बीच चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने भारत को अमरीका से सावधान रहने की सलाह दी हैं। आज तक भारत के पड़ोसी देशों को माध्यम बनकर भारत के खिलाफ मोर्चा खोलने की कोशिश में लगे रहे चीन ने अपनाई यह आदर्शवादी भुमिका ध्यान आकर्षित कर रही हैं। भारत और अमरीका का सहयोग हमारे के लिए घातक साबित होगा। खास तौर पर वैश्विक उत्पादन की चेन में भारत को अहम स्थान प्राप्त होता है तो चीन अपनी आर्थिक अहमियत खो देगा, ऐसी चिंता चीन को सता रही हैं। इसके साथ ही भारत और अमरीका के सामरिक स्तर के सहयोग की वजह से हमारी घेराबंदी हो सकती है, इसका स्पष्ट अहसास चीन को हुआ है।

यह बात चीन के विदेश मंत्रालय ने दर्ज़ की हुई इस प्रतिक्रिया से बड़ी तीव्रता से सामने आ रही है। वहीं, प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्राध्यक्ष बायडेन के संयुक्त निवेदन मे पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का हुआ ज़िक्र इस देश को काफी चूभ रहा हैं। इस मामले में पाकस्तान ने अमरिकी दूतावास के आधिकारियों को समन थमाया है। साथ ही अमरीका ने भारत से पूरा सहयोग करने का रणनीतिक निर्णय किया है और इसका लाभ उठाकर भारत ‘पीओके’ पर कब्ज़ा करेगा, यह ड़र पाकिस्तान के माध्यम व्यक्त कर रहे हैं। आगे के समय में अमरीका और भारत मिलकर पाकिस्तान की स्थिति बिल्कुल खराब कर देंगे, ऐसा पाकिस्तान के विश्लेषक कहने लगे हैं।

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