चीन की महत्वाकांक्षाएँ सिर्फ ताइवान तक सीमित नहीं हैं – ऑस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्री की चेतावनी

कॅनबेरा/बीजिंग – चीन की इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की महत्त्वाकांक्षाएँ  सिर्फ ताइवान तक मर्यादित हैं ऐसा जिन्हें लगता है, उन्होंने इतिहास से कुछ भी सबक नहीं सीखा लगता है, ऐसी चेतावनी ऑस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्री पीटर डटन ने दी। चीन की बढ़ती हरकतों की पृष्ठभूमि पर, ऑस्ट्रेलिया की रक्षा नीति में किए गए बदलावों की जानकारी देते समय डटन ने यह बयान किया। डटन के इस बयान पर चीन ने तीव्र नाराज़गी ज़ाहिर की होकर, ऑस्ट्रेलिया अपनी रक्षा की ओर ध्यान दें, ऐसी फटकार लगाई है।

रशिया-युक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर चीन ताइवान पर हमला करने की संभावना है, ऐसा माध्यम और विश्लेषक बार-बार जता रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ ताइवान के नेता और अधिकारियों ने ऐसी भूमिका अपनाई है कि युक्रेन और ताइवान की तुलना न करें। लेकिन अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर इस मुद्दे की ज़ोरदार चर्चा शुरू हुई होकर, अमरीका समेत मित्र देशों ने ताइवान के सहयोग के लिए अतिरिक्त कदम उठाने की शुरुआत की है। अमरीका ने नई  ‘इंडो-पैसिफिक स्ट्रॅटेजी’ घोषित की होकर, उसमें ताइवान को स्वसुरक्षा की क्षमता प्रदान करने के लिए अमरीका पहल करेगी, ऐसा उल्लेख है। कुछ ही दिन पहले अमरीका ने अपना विध्वंसक भी ताइवान के सागरी क्षेत्र में भेजा था।

अमरीका के साथ ही ऑस्ट्रेलिया और जापान जैसे मित्र देशों से भी गतिविधियाँ शुरू हुई हैं। ऑस्ट्रेलिया ने पिछले कुछ दिनों में रक्षा बलों के आधुनिकीकरण के लिए तथा क्षमता बढ़ाने के लिए अहम घोषणाएँ की हैं। इन घोषणाओं का समर्थन करते समय रक्षा मंत्री डटन ने चीन की महत्वाकांक्षाओं के बारे में चेतावनी दी। डटन के साथ ही ऑस्ट्रेलिया के गुप्तचर प्रमुख ने भी, युक्रेन संघर्ष का जिक्र करके, चीन की ओर गौर फरमाया है। ताइवान समेत इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में वर्चस्व स्थापित करने के लिए चीन रशिया की तरह संघर्ष करेगा, ऐसे संकेत गुप्तचर प्रमुख अँड्य्रू शिअरर ने दिए।

ऑस्ट्रेलिया द्वारा किए गए इन बयानों पर चीन ने तीव्र प्रतिक्रिया दी। ‘ऑस्ट्रेलियन नेतृत्त्व के पास अगर समय हो, तो वे देश की रक्षा और संबंधित मुद्दों की ओर अधिक ध्यान दें। ऑस्ट्रेलिया ने परमाणु पनडुब्बी के लिए शुरू कीं गतिविधियाँ, यही बात इंडो-पॅसिफिक के लिए वास्तविक परेशान करनेवाली बात है’, ऐसी फटकार चीन के विदेश विभाग के प्रवक्ता झाओ लिजिअन ने लगाई। इस समय चीन ने ताइवान द्वारा आजादी के लिए किए जा रहीं कोशिशों की भी आलोचना की होकर, चीन द्वारा ऐसीं कोशिशें बर्दाश्त नहीं कीं जाएँगी, ऐसा डटकर कहा है।

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