चीन के विमान वाहक युद्धपोत और लड़ाकू विमानों ने ताइवान के इर्द गिर्द लगाई गश्त – ताइवान ने अमरीका से की ‘न्यूक्लियर अम्ब्रेला’ में शामिल करने की मांग

ताइपे – चीन के ‘शैन्दाँग’ विमान वाहक युद्धपोत और दो विध्वंसकों ने शनिवार को ताइवान की खाड़ी से यात्रा की। उससे कुछ घंटे पहले चीन के ३३ लड़ाकू विमान और १० विध्वंसकों ने ताइवान के इर्द-गिर्द गश्त लगाई। पिछले चौबीस घंटो में चीन ने ताइवान के करीब की हुई इन सैन्य गतिविधियों के कारण इस क्षेत्र में अधिक तनाव निर्माण हुआ है। अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ताइवान को हथियारों से मुस्तैद करने के लिए तेज़ कदम बढ़ाएं, ऐसी मांग अमरिकी जनप्रतिनिधि कर रहे हैं। ऐसे में जापान और दक्षिण कोरिया की तरह अमरीका हमें भी ‘न्यूक्लियर अम्ब्रेला’ में शामिल करें, ऐसी मांग ताइवान कर रहा हैं।  

विमान वाहक युद्धपोतपिछले सात दशकों से अधिक समय ताइवान में जनतांत्रिक प्रशासन है। ताइवान की सियासी, आर्थिक और सैन्य नीति भी स्वतंत्र हैं, फिर भी ताइवान पर चीन ने अपना अधिकार जता कर दुनिया के अन्य देशों को धमकाया है। चीन के साथ व्यापारी और आर्थिक सहयोग करना हैं तो ‘वन चाइना’ नीति अपनाकर ताइवान का अस्तित्व ठुकराने के लिए चीन अन्य देशों पर दबाव बनाता रहा है।  

पिछले वर्ष अमरिकी प्रतिनिधि सदन की सभापति नैन्सी पेलोसी ने इस ‘वन चाइना’ नीति को अनदेखा करके ताइवान का दौरा किया था। इसके बाद चीन ने ताइवान के हवाई और समुद्री क्षेत्र में अपने विमान और विध्वंसकों की गश्त बढ़ाई थी। चीन की पिपल्स लिबरेशन आर्मी ने ताइवान की हवाई सीमा में घुसपैठ करने की घटनाएं भी सामने आयी थी। चीन की सेना ने ताइवान की दिशा में रॉकेटस्‌‍ तानी होने की खबरें प्रसिद्ध हुई थी। इस वजह से इस क्षेत्र में तनाव निर्माण हुआ था।

इसी बीच अप्रैल महीने में ताइवान की राष्ट्राध्यक्षा त्साइ इंग-वेन ने अपनी दक्षिण अमरीका की यात्रा के दौरान अमरिक प्रतिनिधि सदन के सभापति केविन मैक्कार्थी से मुलाकात की। इसके बाद चीन ने तीन दिन तक लाईव फायर का बड़ा युद्धाभ्यास शुरू किया था। इस दौरान किसी द्वीप पर कब्ज़ा करने का अभ्यास किया गया था। इसके ज़रिये राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग की हुकूमत ताइवान की जनतांत्रिक सरकार को चेतावनी देने की बात कही जा रही थी।  

इसके बाद शनिवार को चीन ने ताइवान की सीमा में पिछले महीने की सबसे बड़ी गश्त पुरी की। विमान वाहक युद्धपोत ‘शैन्डाँग’ अपने विध्वंसकों के बेड़े और लड़ाकू एवं भारी सामान की यातायात करने के विमानों के साथ ही ड्रोन और हेलीकॉप्टर्स ने ताइवान की सीमा के करीब से सफर करके और एक चेतावनी दी है, ऐसा दावा किया जा रहा है। अमरीका के नेता जल्द ही ताइवान का दौरा करेंगे। इस दौरान सैन्य सहयोग पर चर्चा होने की संभावना होने की खबरें सामने आ रही हैं।

ऐसे में चीन के खतरे के विरोध में अमरीका ने दक्षिण कोरिया और जापान को मुहैया किए ‘न्युक्लियर अम्ब्रेला’ में हमें भी शामिल करें, ऐसा प्रस्ताव ताइवान ने पेश किया है। आगे के दिनों में चीन ने यदि ताइवान पर हमला करता है तो अमरीका बड़ी सैन्य सहायता के साथ ताइवान की सहायता करने आगे आएगी। साथ ही अमरीका अपनी सेना तैवान में भी तैनात कर सकती है। चीन के गुस्से से बचने के लिए बायडेन प्रशासन ने इससे संबंधित कोई भी जानकारी साझा नहीं की है। लेकिन, इस मुद्दे पर अमरीका से चर्चा शुरू है, ऐसी जानकारी ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वू ने प्रदान की। इसपर चीन की प्रतिक्रिया प्राप्त हो रही है।

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