‘क्रिप्टोकरन्सी’ समेत अन्य तकनीक का इस्तेमाल करने पर सरकार पुनर्विचार करेगी – केंद्रीय अर्थ राज्यमंत्री अनुराग ठाकूर

नई दिल्ली – क्रिप्टोकरन्सी समेत अन्य नई तकनीक का इस्तेमाल करने का मूल्यांकन करने के लिए सरकार तैयार है, यह जानकारी केंद्रीय अर्थ राज्यमंत्री अनुराग ठाकूर ने प्रदान की। सरकार ने कुछ महीनें पहले ही, वाणिज्य कारोबार सचिव की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय ‘इंटर मिनिस्टेरिअल कमिटी’ का गठन किया था। इस समिती ने अपनी रिपोर्ट सरकार को प्रदान की है और क्रिप्टोकरन्सी और संबंधित तकनीक पर सरकार जल्द ही फैसला करेगी, ऐसा माना जा रहा है। इस पृष्ठभूमि पर अर्थ राज्यमंत्री ने किया बयान अहमियत रखता है।

‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रशासन में तकनीक का इस्तेमाल करने की भूमिका अपनाई है। सरकार ने लगातार अनुसंधान और नई तकनीक का स्वागत किया है। ब्लॉकचेन की तकनीक नई और प्रगत है। क्रिप्टोकरन्सी ‘वर्चुअल करन्सी’ का प्रकार है। खुले दिल से नई कल्पनाओं पर विचार करने की नीति हमें स्वीकारनी होगी, यह मत केंद्रीय अर्थ राज्यमंत्री ने व्यक्त किया। केंद्रीय अर्थमंत्री निर्मला सीतारामन ने, क्रिप्टोकरन्सी को लेकर केंद्र सरकार अभी भी गंभीरता से विचार कर रही है, यह बात शुक्रवार के दिन स्पष्ट की थी।

कुछ हफ्ते पहले रिज़र्व्ह बैंक ने डिजिटल चलन से संबंधित नई नीति की संभावना जताई थी। इसके बाद रिज़र्व्ह बैंक के गव्हर्नर शक्तिकांत दास ने, बीते हफ्ते में क्रिप्टोकरन्सी के परिणामों पर गंभीर चिंता जताई थी। साथ ही इस विषय से संबंधित अपनी चिंता और भूमिका हमने केंद्र सरकार तक पहुँचाई है, यह जानकारी शक्तिकांत दास ने प्रदान की थी। इस वजह से सरकार अब क्रिप्टोकरन्सी को लेकर गंभीरता से विचार कर रही है, ऐसे संकेत प्राप्त हो रहे हैं। लेकिन, अधिकृत स्तर पर इससे संबंधित ऐलान नहीं किया गया है।

फिलहाल ‘बिटकॉईन’ नामक क्रिप्टोकरन्सी के मुद्दे पर विश्‍वभर में उल्टे-पुल्टे मत व्यक्त किए जा रहे हैं। फिलहाल एक बिटकॉइन का मूल्य ५० हज़ार डॉलर्स होने से विश्‍वभर में सनसनी फैली है और इसको लेकर आर्थिक क्षेत्र के विश्‍लेषक परस्परविरोधी दावे कर रहे हैं। अन्तर्राष्ट्रीय उद्योग समूह ‘टेसला’ के प्रमुख एलॉन मस्क ने हाल ही में बिटकॉईन में बड़ा निवेश किया था। इस वजह से इसपर नए से चर्चा शुरू हुई थी। लेकिन, किसी भी तरह की बुनियाद या अधिकृतता ना होनेवाले इस क्रिप्टोकरन्सी पर कितना भरोसा करना है, यह सवाल कुछ आर्थिक विशेषज्ञ कर रहे हैं। वहीं, यह चलन भविष्य का चलन होगा, ऐसा दावा कुछ लोग कर रहे हैं।

भारत ने वर्ष २०१८ में क्रिप्टोकरन्सी पर पाबंदी लगाई थी। लेकिन, वर्ष २०२० में सर्वोच्च न्यायालय ने यह पाबंदी हटाने के आदेश जारी करनेवाला निर्णय दिया था।

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