‘एक जिला, एक उत्पादन’ नीति पर राज्य सरकार के साथ काम करने की बैंकों को केंद्रीय वित्तमंत्री की सूचना

बैंक कर्मचारियों के निवृत्ति वेतन की तय मर्यादा बढ़ाने का निर्णय

नई दिल्ली – सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों के प्रमुख के साथ केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन ने बुधवार के दिन मुंबई में बैठक की। इस दौरान ‘एक जिला, एक उत्पादन’ नामक महत्वाकांक्षी नीति को आगे बढ़ाने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकें राज्य सरकार के साथ समन्वय में काम करें, निर्यातकों से बातचीत करें, उनकी ज़रूरतों और दिक्कतों से अवगत हों, यह सूचना भी इस बैठक के दौरान केंद्रीय वित्तमंत्री सीतारामन ने की। इसके बाद वार्तापरिषद में उन्होंने बैंक कर्मचारियों के निवृत्ति वेतन की सीमा बढ़ाने का अहम ऐलान भी किया।

One-district-one-policyकेंद्रीय स्तर पर ‘एक जिला, एक उत्पादन’ नीति बनाई गई है। देश में अलग अलग उत्पादनों के क्लस्टर तैयार करने का मानस सरकार रखती है। इसके ज़रिये किसी एक जिले की पहचान बनाकर वहां पर उत्पादन केंद्र स्थापित करने की योजना है। इसके ज़रिये स्थानीय स्तर पर रोज़गार बढ़ेगा, कुशलता विकसित होगी और निर्यात को भी गति प्राप्त होगी, यह विचार इस योजना के पीछे है। लेकिन, इसके लिए उद्योगों को बैंकों से ऋण सहायता की आवश्‍यकता होगी। देश के हरएक जिले में कर्ज की उपलब्धता बढ़ानी होगी। इसमें बैंकों की भूमिका अहम रहेगी और किसी एक जिले में किसी एक वस्तु का उत्पादन केंद्र विकसित करना एवं इसका कार्यान्वयन करना राज्यों का ज़िम्मा रहेगा। इस पृष्ठभूमि पर वित्तमंत्री सीतारामन ने बैंकों को राज्यों के समन्वय से काम करने की सूचना की।

‘एक जिला, एक उत्पादन’ यह केंद्र की अहम नीति है। इसी तरह की नीति सबसे पहले जापान ने वर्ष १९८० में अपनाई थी। इसी नीति को मोड्यूल समझकर थायलैण्ड, मलेशिया, फिलिपाईन्स जैसे देशों ने भी इसी तरह की योजना शुरू की। इनके अलावा चीन ने भी इस नीति को अपनाया। अर्थव्यवस्था के विकास के लिए यह नीति बड़ी भूमिका निभाएगी, ऐसा विशेषज्ञों का कहना है। इस पृष्ठभूमि पर केंद्रीय वित्तमंत्री ने बैंकों से की हुई इस सूचना की अहमियत बढ़ रही है।

इस दौरान बैंक कर्मियों के निवृत्ति वेतन की मर्यादा बढ़ाने का ऐलान भी सीतारामन ने किया। इसके अनुसार कर्मचारियों को उनके आखिरी वेतन के ३० प्रतिशत राशि निवृत्ति वेतन के तौर पर प्राप्त होगी। इससे पहले कर्मचारियों को श्रेणी के अनुसार १५, २० और ३० प्रतिशत निवृत्ति वेतन तय किया गया था। साथ ही इसके लिए उच्चतम मर्यादा भी तय की गई थी। लेकिन, अब यह नियम हटाने का निर्णय हुआ है और इस वजह से बैंक कर्मियों को प्राप्त होनेवाले निवृत्ति वेतन में बड़ी बढ़ोतरी होगी।

कोरोना के दौर में सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों ने अच्छा काम किया, ऐसी सराहना भी सीतारामन ने इस दौरान की। इससे पहले सीतारामन ने कारोबारियों के प्रतिनिधियों से बातचीत की। भारतीय उद्योग महासंघ ने मुंबई में शीर्ष उद्यमियों की बैठक का आयोजन किया था, इस बैठक में सीतारामन भी शामिल हुईं। इस दौरान उन्होंने उद्यमियों को सरकार की नीति शाश्‍वत रखने का वादा किया। साथ ही अगले दिनों में बाज़ार में पूंजी उपलब्ध कराने के लिए अहम बदलाव किए जाएंगे, यह संकेत भी उन्होंने दिए।

फिलहाल आर्थिक आपूर्ति के लिए बैंक ही प्रमुख स्रोत है। लेकिन, अगले दिनों में बैंकों पर आधारित वित्तीय सहायता का यह मॉडेल बदलेगा, यह उम्मीद केंद्रीय वित्तमंत्री सीतारामन ने व्यक्त की। आर्थिक आपूर्ति के लिए बैंकों पर आधारित मॉडेल धीरे धीरे बदल रहा है और बाज़ार पर आधारित वित्तीय आपूर्ति के मॉडेल की ओर अर्थव्यवस्था आगे बढ़ रही है, ऐसा सीतारामन ने कहा। यानी के अगले दौर में कर्ज प्रदान करनेवाली बैंकों का स्थान ‘डेवलपमेंट फाइनान्स संस्था’ प्राप्त करेंगी। इससे बैंकों के लिए स्पर्धा बढ़ेगी। इससे बैंकें अधिक कार्यक्षमता से काम करेंगी, यह उम्मीद सीतारामन ने व्यक्त की। साथ ही स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने अपनाई नीति भी केंद्रीय वित्तमंत्री ने इस दौरान रेखांकित की।

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