अ‍ॅलेक्झांडर व्हॉन हंबोल्ट (१७६९- १८५९)

अ‍ॅलेक्झांडर व्हॉन हंबोल्ट (१७६९- १८५९)

विश्‍व का अध्ययन करने की लालसा बचपन से ही जतन करते हुए जिन्होंने जीवनभर प्रदीर्घ मुहिम के साथ लंबा सफर किया, जो अपनी शांत न होनेवाले ज्ञानलालसा के कारण जीवनभर छात्र ही बने रहे, जिस तरह से नोबेल पुरस्कार को जगन्मान्यता प्राप्त है, उसी प्रकार छात्र जिस स्कॉलरशीप (फेलोशीप) को प्राप्त करने के लिए उत्सुक […]

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फ्रेड हॉएल

फ्रेड हॉएल

‘पृथ्वी के चारों ओर अंतरिक्ष में क्या है’, यह जानने की जिज्ञासा सर्वसामान्य नागरिकों को हमेशा से ही रही है। यह जिज्ञासा पूरी करने के लिए खगोलशास्त्रज्ञ अथक निरीक्षण करते रहते हैं। इस निरीक्षण से विश्‍वसंकल्पना के सिद्धांत खगोलशास्त्रज्ञ बनाते रहते हैं, दावा करते हैं। इसके लिए अंतरिक्ष की अनिश्‍चित बातों को स्पष्ट करने के […]

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प्रो. हरमन मार्क

प्रो. हरमन मार्क

विज्ञानशास्त्र और गणित इन विषयों को नीरस एवं कठिन विषय मानकर इन विषयों के विकल्प (ऑप्शन्स) का चयन करने के प्रति कुछ लोगों का रुझान रहता है। इसी तरह पॉलिमर रसायनशास्त्र के बारे में भी कुछ लोगों का मत था। जिस सहजता से झिंगुर को झटक दिया जाता है, उसी सहजता से इस विषय को […]

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डॉ. विठ्ठल नागेश शिरोडकर (१८९९-१९७१)

डॉ. विठ्ठल नागेश शिरोडकर (१८९९-१९७१)

दिनरात जनहित की चिन्ता करनेवाले, उदार, संत-सज्जनों की तरह जीवन का ध्येय रखनेवाले मानवी मूल्यों के साथ निष्ठा रखने वाले संशोधक एवं स्त्रीरोगविशेषज्ञ डॉ. वि. ना. शिरोडकर की जानकारी प्राप्त करते हैं। समर्थ संत श्री रामदास स्वामी जी की ‘माँ, चिन्ता करती हूँ विश्‍व की’ इस उक्ति के अनुसार डॉ. शिरोडकर ने विश्‍व के अनेक […]

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अर्नेस्ट स्विन्टन (१८६८-१९५१)

अर्नेस्ट स्विन्टन (१८६८-१९५१)

प्राचीन काल से ही मनुष्यों की संस्कृति के विकास के साथ ही मनुष्यों के अलग-अलग गुटों में सत्ता, संपत्ति की लालसा भी बढ़ने की शुरुवात हो गई। इसी में आगे चलकर प्रतियोगिता एवं संघर्ष बढ़ने लगा। युद्धप्रवृत्ति के साथ साथ अस्त्र-शस्त्रों को ले जाने के लिए सुरक्षित गाड़ियों की आवश्यकता प्रतीत होने लगी। इसी पार्श्‍वभूमि […]

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सर जोसेफ बँक्स (१७४३- १८२०)

सर जोसेफ बँक्स (१७४३- १८२०)

यूरोप के अनेक देश एशिया, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका खंड में उपनिवेश स्थापना करने के उद्देश्य से शोध मुहिम निकालते थे। इस मोहिम की पूर्व तैयारी करने के लिए उस प्रदेश के जानवर, वनस्पतियाँ, मनुष्य इनके बारे में विभिन्न प्रकार की जानकारी इकट्ठा की जाती थी। इस काम के लिए भेजे जानेवाले विशेषज्ञों में जीवशास्त्रज्ञों का […]

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ग्लेन सीबोर्ग

ग्लेन सीबोर्ग

नेपच्युनियम का र्‍हास होकर अनुक्रमांक ९४ वाला एक नया मूलद्रव्य का निर्माण हुआ है, इस बात का पता चला। प्रचंड विध्वंसक शक्तिवाले इस नये मूलद्रव्य का नामकरण ‘प्लुटोनियम’ किया गया। प्लुटोनियम यह नया मूलद्रव्य युरेनियम-२३४ की तुलना में तीन गुना विच्छेदनशील है। अति विध्वंसक अणुबम तैयार करने के लिए प्लुटोनियम -२३९ मूलद्रव्य का अधिकांश (सर्रास) […]

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भारतीय बनावट के सुपरसॉनिक ‘एएडी इंटरसेप्टर’ का परीक्षण

भारतीय बनावट के सुपरसॉनिक ‘एएडी इंटरसेप्टर’ का परीक्षण

बालासोर, दि. १ : कम उँचाई से आनेवाले किसी भी बॅलेस्टिक प्रक्षेपास्त्र का हमला निष्प्रभ करनेवाले, भारतीय बनावट के सुपरसॉनिक ‘इंटरसेप्टर’ का भारत द्वारा किया गया परीक्षण सफल रहा| तीन हफ्ते पहले अधिक उँचाई से आनेवाले बॅलेस्टिक प्रक्षेपास्त्र को हवा में ही लक्ष्य कर सकनेवाले ‘पृथ्वी डिफेन्स व्हेईकल’ (पीडीव्ही) इंटरसेप्टर का परीक्षण किया गया था| […]

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रिचर्ड बिन्झेल

रिचर्ड बिन्झेल

आँखों को चकाचौंध करनेवाली रोशनी और कानों के परदे फट जाएँ इतनी जोरदार आवाज़ से सारा परिसर गूँज उठा। लगभग ८०० कि.मी. के अंतर पर यह आवाज़ सुनाई दी। ३० जून सन् १९०८ के दिन आकाश से एक वस्तू पृथ्वी की दिशा में आकार सैबेरिया प्रदेश के तुंगस्का नदी के पास वाले जंगल में ज़ोर […]

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फर्डिनंड झेपेलिन

फर्डिनंड झेपेलिन

कभी कोई यंत्र हवा में उड़कर एक जगह से दूसरी जगह मनुष्यों को बिठाकर ले जाएगा, ऐसा यदि किसी ने दो दशक पहले किसी को कहा होता तो उसका मजाक उड़ाया जाता, ऐसा कई बार मजाक से कहा जाता है। किंतु फर्डिनंड झेपेलिन जैसे वैज्ञानिक के परिश्रम के कारण ऐसे अनेक स्वप्न आगे आनेवाले युग […]

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