ब्रिटीश जेट्स के इराक़ी पॅलेस पर हमलें

बगदाद, दि. ४ (वृत्तसंस्था) – इराक़ के माजी तानाशाह सद्दाम हुसेन के पॅलेस पर ब्रिटन के ‘टोर्नेडो’ जेट्स ने हमले किए| तीग्रीस नदी के किनारे रहनेवाले इस ‘पॅलेस’ में ‘आयएस’ आतंकियों का मुख्यालय था| ब्रिटन के रक्षा मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, इस मुख्यालय को ध्वस्त करने के लिए ९०० किलो के दोन बम इस पॅलेस पर फ़ेंके गए|

Iraqi Palce- पॅलेस

‘आयएस’ के आतंकियों को बगदाद के क़रिबी इलाकों से खदेड़ देने के बाद अमरीका, दोस्त राष्ट्र और इराक़ी सेना ने मोसूल की तरफ अपना रूख़ किया है| ‘आयएस’ ने सीरिया के रक्का शहर को अपनी राजधानी के तौर पर घोषित किया है, फिर भी मोसूल में ‘आयएस’ का बड़ा केंद्र है| इसी मोसूल शहर में ‘आयएस’ का मुख्यालय, विदेश से आये चरमपंथियों के लिए प्रशिक्षण केंद्र, संपर्क सिस्टम और हथियारों का बड़ा गुदाम है| साथ ही, इराक़ को पानी की आपूर्ति करनेवाला सबसे बड़ा बांध, ऊर्जानिर्माण प्रकल्प और सबसे महत्वपूर्ण, तेल की खदानें मोसूल में होने के कारण, आतंकवादियों के लिए यह सबसे अहम इलाका माना जाता है|

इसलिए मोसूल पर कब्जा कर ‘आयएस’ को सबसे बड़ा झटका देने की योजना अमरीका और दोस्त राष्ट्रों ने रची है| इस योजना के तहत इराक़ी सेना ने मोसूल को घेरना शुरू कर दिया है| वहीं, अमरीका और दोस्त राष्ट्रों के लड़ाक़ू जेट्स मोसूल पर हवाई हमले कर रहे हैं| सोमवार को ब्रिटन के लड़ाकू जेट्स द्वारा की गई ऐसी ही एक कार्रवाई में, सद्दाम के मोसूल स्थित पुराने पॅलेस पर हमले किये गए| ब्रिटन के रक्षा मंत्रालय ने दी जानकारी के अनुसार, दो सबसे बड़े गाईडेड बम इस पॅलेस पर दागे गए|

इस हमले में, पॅलेस में बसा ‘आयएस’ का मुख्यालय और कंपाउड स्थित प्रशिक्षण केंद्र नष्ट किया गया| सद्दाम ने अपनी हुक़ूमत के दौरान पूरे इराक़ में लगभग ५० पॅलेसों का निर्माण किया था, जिनमें से मोसूल के पॅलेस का निर्माण सन १९९४ में किया गया। इस पॅलेस में तीन अप्राकृतिक झरनें और भूमिगत रास्ता भी है| दस साल पहले, इराक़ से सद्दाम की हुक़ूमत का तख़्ता पलट देने के बाद, अमरिकी सेना ने इस पॅलेस पर कब्ज़ा कर लिया था| लेकिन अमरिकी सेना की वापसी के बाद इस पॅलेस पर, विद्रोही और बाद में ‘आयएस’ ने कब्ज़ा जमा लिया|

इसी दौरान, इस हवाई हमले के बाद ब्रिटन के रक्षामंत्री मायकल फॅलोन ने, ब्रिटन के सायप्रस में बसे ‘अक्रोतिरी’ हवाईअड्डे को भेट दी| ‘पिछले कुछ महीनों से ‘आयएस’ के चंगुल से चरमपंथी और कब्ज़ेवाले इलाके भी छूटते जा रहे हैं| ब्रिटन के हवाई हमलों ने फिर से यह दिखा दिया है और आनेवाले दिनों में ये हमलें शुरू रहेंगे’ ऐसी घोषणा फॅलोन ने की| साथ ही, आनेवाले महीने में, ब्रिटीश सेना का पथक इराक़ में तैनात किया जाएगा, ऐसी जानकारी भी ब्रिटन के रक्षामंत्री ने दी| इराक़ में ‘आयएस’ के खिलाफ़ शुरू कार्रवाई में पश्‍चिमी देशों की सहायता करने के लिए यह सेना तैनाती है, ऐसा फॅलोन ने कहा|

अमरीका ने पिछले कुछ महीनों में, इराक़ में रहनेवाली अपनी सेना तैनाती को बढ़ाया है| फ़िलहाल इराक़ में अमरीका के लगभग दो हज़ार जवान तैनात हैं, जिन्हें इराक़ी सेना को आतंकवाद के खिलाफ़ संघर्ष का प्रशिक्षण और सलाह देने के लिए तैनात किया गया है, ऐसा अमरीका का कहना है|

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