७ हज़ार तुर्की पुलीस ने अमरिकी सेना को हवाई अड्डे पर घेरा

अंकारा, दि. ३१ (वृत्तसंस्था) – ‘अमरीका और युरोपीय देश तुर्की के दोस्त नहीं रहे’ ऐसी तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन द्वारा की गई आलोचना के कुछ ही घंटों बाद, तुर्की के ७००० पुलीसकर्मियों ने ‘इंसर्लिक’ हवाईअड्डे को घेरा, जहाँ पर अमरिकी सेना तैनात है| तुर्की में विद्रोह की एक और कोशिश शुरू है, ऐसी खबर फैलने के बाद तुर्की ने यह कार्रवाई की| पंद्रह दिन पहले, तुर्की में हुए असफल विद्रोह के बाद एर्दोगन सरकार द्वारा तीसरी बार इंसर्लिक पर कारवाई की गई है|

turkey-incirlik-base1

दक्षिणी तुर्की के ‘अदाना’ इलाक़े में ‘इंसर्लिक’ हवाईअड्डे पर फिर एक बार संदिग्ध गतिविधियाँ शुरू हैं, ऐसी जानकारी स्थानीय पुलीस को मिली थी| इसके बाद पुलीस ने तुरन्त कार्रवाई करते हुए ‘इंसर्लिक हवाईअड्डे’ का मुख्य द्वार बंद कर दिया| इस कार्रवाई के लिए तुर्की के सात हज़ार पुलीसकर्मी, बख़्तरबंद गाड़ियाँ शामिल हुई थीं|

तुर्की के पुलिसों द्वारा इंसर्लिक हवाई अड्डे पर की गई इस कार्रवाई के कारण निर्माण हुए तनाव पर तुर्की मंत्री ने सफाई दी| इस हवाईअड्डे की सुरक्षा का जायज़ा लेने के लिए यह कार्रवाई की गई, ऐसी जानकारी इस मंत्री ने दी| लेकिन पिछले कुछ सप्ताहों से तुर्की में चल रहीं गतिविधियों को देखते हुए, तुर्की पुलीस द्वारा हवाई अड्डे पर की गई यह कार्रवाई सामान्य नहीं लगती, ऐसा भी तुर्की के विशेषज्ञ और माध्यमों का कहना है| १६ जुलाई को तुर्की में हुए विद्रोह के समय भी यह हवाईअड्डा चर्चा में था|

एर्दोगन को सत्ता से नीचे खींचने की कोशिश करनेवाले विद्रोहियों में से कुछ इसी हवाईअड्डे पर छिपे थे| इनमें तुर्की सेना के वरिष्ठ अधिकारी जनरल बेकिर भी शामिल थे| विद्रोहियों ने इस हवाईअड्डे का इस्तेमाल एर्दोगनसेना पर हमले चढ़ानेवाले लड़ाकू विमानों में इंधन भरने के लिए किया था| कुछ ही घंटो में विद्रोह असफल होने के बाद जनरल बेकिर ने अमरीका के पास आश्रय देने की माँग की थी|

लेकिन तुर्की की सेना ने इंसर्लिक पर कार्रवाई करते हुए जनरल बेकिर के साथ सभी विद्रोहियों को कब्जे में लिया था| इसके बाद दो दिनों के लिए यह हवाईअड्डा पूरी तरह से बंद कर दिया था| वहीं, पिछले सप्ताह फिर एक बार तुर्की सरकार द्वारा की गई कार्रवाई में इस हवाईअड्डे की बिजली पाँच दिनों के लिए बंद कर दी गयी थी| साथ ही, इस हवाईअड्डे को होनेवाली खाना और इंधन की सप्लाई रोक दी| इंसर्लिक पर १५०० अमरिकी जवान और ९० एटमी बम तैनात हैं| नाटो सदस्य देश होने के कारण, दो साल पहले तुर्की ने यह हवाईअड्डा अमरीका को ‘आयएस’विरोधी कार्रवाई के लिए दिया था|

turkey-incirlik-baseतुर्की में हुए विद्रोह की योजना अमरीका में रहनेवाले फैतुल्ला गुलेन द्वारा रची गई थी, ऐसा आरोप राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन कर रहे हैं| लेकिन ‘गुलेन महज़ खेल के प्यादे है’ ऐसा बताते हुए, इस पूरे षड्यंत्र के पीछे कोई बड़ी ताकद होने का आरोप एर्दोगन ने किया था| सीधे और अप्रत्यक्ष रुप से, अमरीका और पश्‍चिमी देशों को इस विद्रोह के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए, एर्दोगन ने इन देशों की नाराज़गी मोल ली है| जर्मनी में राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन के भाषण पर पाबंदी लगाई गई है| इस बंदी का खुलासा किया जाए, ऐसी माँग एर्दोगन सरकार ने की है|

इसी दौरान, तुर्की में फिर एक बार विद्रोह की संभावना है, ऐसी खबर फैलते ही, सैंकड़ो एर्दोगन समर्थकों ने, इंसर्लिक हवाईअड्डे के सामने अमरीका के खिलाफ प्रदर्शन किये| साथ ही, अमरीका के लिए यह हवाईअड्डा बंद किया जाये, ऐसी माँग भी की है|

Leave a Reply

Your email address will not be published.