तुर्की में इमर्जन्सी की घोषणा

वॉशिंग्टन, दि. २१ (वृत्तसंस्था) – तुर्की पर कब्जा जमाने की कोशिशें फिर से हो सकती हैं, ऐसा सूचित करते हुए राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने तुर्की में तीन महीनों के लिए ‘आपातकाल’ (इमर्जन्सी) की घोषणा की| इस ‘आपातकाल’ से तुर्की के जनतंत्र को ख़तरा नहीं है, ऐसा खुलासा भी एर्दोगन ने किया| वहीं, पिछले कुछ दिनों से शुरू गिरफ़्तारियों का समर्थन करते हुए, ‘तुर्की की सेना को ‘वायरस’ से मुक्त करने के लिए यह कार्रवाई आवश्यक है’ ऐसा एर्दोगन ने कहा|

turkey-erdoganएर्दोगन की अध्यक्षता में तुर्की की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक संपन्न हुई| इस बैठक के बाद एर्दोगन द्वारा इमर्जन्सी की घोषणा की गई| ‘तुर्की के जनतंत्र के लिए रहनेवाले ख़तरों को ख़त्म करने के लिए यह आपातकाल जरूरी है’ ऐसा एर्दोगन ने कहा| साथ ही, यह आपातकाल का निर्णय किसी भी कानून का उल्लंघन करनेवाला नहीं है और स्वतंत्रता का गला घोटनेवाला भी नहीं है, ऐसा एर्दोगन ने स्पष्ट किया|

आपातकाल के चलते विद्रोह की साज़िश रचनेवालों पर कार्रवाई चालू रहेगी, ऐसा भी तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष ने स्पष्ट किया| ‘मैं और मेरी सरकार ‘अल्पसंख्यांको’ की हुकूमत ‘बहुसंख्यांको’ पर लादने नहीं देंगे| हम सब यदि एक होकर रहते हैं, तो कोई भी हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकता’ ऐसा संदेश एर्दोगन ने तुर्की की जनता को दिया|

तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष द्वारा जारी की गई इमर्जन्सी कुछ घंटो में लागू की जाएगी| इस आपातकाल के समय एर्दोगन और उनकी सरकार, संसद को टालकर भी निर्णय ले सकते हैं| इसके लिए संसद के सदन में प्रस्ताव रखकर उसे पारित करने की आवश्यकता नहीं होगी| साथ ही, अगर एर्दोगन सरकार चाहे तो तुर्की के अधिकार और स्वतंत्रता पर, आनेवाले तीन महीनों के लिए मर्यादा लगाई जा सकती है|

इस बारे में कुछ भी खुलासा नहीं हुआ है| दो दिन पहले ही एर्दोगन सरकार ने, इस्तंबूल शहर में आपातकाल की घोषणा की थी| इस्तंबूल शहर के हवाई क्षेत्र में संदिग्ध हेलिकॉप्टर्स दिखाई देने के बाद यह निर्णय लिया गया था|

इसीके साथ एर्दोगन ने फिर एक बार अमरीका को ‘फेतुल्ला गुलेन’ का हस्तांतरण करने का आवाहन किया| ‘अगर अमरीका गुलेन को तुर्की के हवाले नहीं करता, तो यह अमरीका की बड़ी भूल होगी’ ऐसी चेतावनी एर्दोगन ने दी| साथ ही, तुर्की में हुई बगावत से अन्य देश जुड़े होने की संभावना भी उन्होंने व्यक्त की|

इसके अलावा एर्दोगन ने, फ्रान्स के विदेशमंत्री की कड़ी आलोचना की| ‘तुर्की के भीतरी मामलों में फ्रान्स ध्यान ना दें| अगर फ्रान्स को जनतंत्र का सबक सीखना है, तो वह तुर्की से सीख लें’ ऐसी आलोचना एर्दोगन ने की| दो दिनों पहले ही, फ्रेंच विदेशमंत्री ‘जिन-मार्क एरॉल्ट’ ने, एर्दोगन सरकार द्वारा विद्रोहियों पर शुरू की गयी कार्रवाई पर नाराज़गी जताई थी| एर्दोगन सरकार जनतंत्र की सुरक्षा नहीं कर सकती, ऐसा कहते हुए एरॉल्ट ने, आतंकवाद के खिलाफ लड़ने की तुर्की की भूमिका पर भी सवाल खड़े किये थे| फ्रेंच विदेशमंत्री की इस आलोचना का एर्दोगन ने क़रारा जवाब दिया|

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