विजय मल्ल्या के प्रत्यार्पण के लिए ब्रिटेन के वेस्टमिन्स्टर न्यायालय की मंजूरी – भारत की बडी जीत

लंडन – ब्रिटेन के वेस्टमिन्सटर न्यायालय ने विजय मल्ल्या का प्रत्यार्पण करने के लिए मंजूरी दी है| इस वजह से लगभग नौ हजार करोड रुपयों का कर्जा डुबाने वाले मल्ल्या को जल्द ही भारत लाया जाएगा| यह भारत के लिए बडी जीत मानी जा रही है| पूरे देश से इस घटना का जोर से स्वागत हो रहा है| केंद्रीय वित्तमंत्री अरूण जेटली इन्होंने यह देश के लिए बडा दिन है, यह कहा है| भारत के साथ, भारतीय अर्थव्यवस्था के साथ बेईमानी करके भाग जानेवाले विश्‍व के किसी भी कोने में रह रहे हो, फिर भी उन्हें खिंचकर देश में लाने की ताकत भारत रखता है, यह संदेश इस घटना से सभी को प्राप्त हुआ है, यह वित्तमंत्री जेटली ने कहा है|

ब्रिटेन के वेस्टमिन्स्टर न्यायालय के न्यायाधीश एमा अर्बथॉट इन्होंने विजय मल्ल्या को भारत के हाथ सौंपने के आदेश संबंधित यंत्रणाओं को दिए है| ब्रिटेन सरकार ने इसके पहले ही विजय मल्ल्या के प्रत्यार्पण की तैयारी दर्शायी थी| लेकिन इस प्रक्रिया से बचने के लिए मल्ल्या ने ब्रिटेन के न्यायालय में अर्जी दाखिल की थी| लेकिन वेस्टमिन्स्टर न्यायालयाने मल्ल्या का प्रत्यार्पण वैध कहा है और ब्रिटीश यंत्रणाओं को इस संदर्भ में आदेश दिए है| मल्ल्या को वापस लाने की कोशिष कर रहे भारत के लिए यह आदेश बहुत बडी सफलता मानी जा रही है|

भारतीय बैंकों के लगभग नौ हजार कोटी रुपये डुबाकर मल्ल्या ब्रिटेन भाग गया था| इस परिस्थिति में मल्ल्या की संपत्ति पर कब्जा करके कर्जे की वसूली करने की कोशिष शुरू थी| इसी दौरान भारत सरकार की यंत्रणाने मल्ल्या के प्रत्यार्पण के लिए जोरदार कोशिष शुरू की थी| लेकिन इस कोशिषों से बचने के लिए मल्ल्या के प्रयत्न शुरू थे|

कुछ ही दिन पहले मल्ल्या ने भारतीय बैंकों से लिये कर्जे चुकाने की तैयारी भी दिखाई थी| कर्ज की मूल राशि देने की तैयारी जताकर मल्ल्याने इन कर्जे का व्याज माफ करने को कहा था| भारत में बनाई संपत्ति यह कर्जा चुकाने के लिए काफी है, यह मल्ल्या का कहना था| वेस्टमिन्स्टर न्यायालय के निर्णय पर बात करते समय मल्ल्याने निराशा व्यक्त की| लेकिन बैंकों का कर्जा लौटाए बिना ब्रिटेन भाग जानेवाले मल्ल्या के मामले में वेस्टमिन्स्टर न्यायालय का निर्णय आने के बाद भारत में समाधान व्यक्त हो रहा है|

सोशल मीडिया पर मल्ल्या के विरोध में हुए निर्णय का जोरदार स्वागत हो रहा है और इस मामले में भारत सरकार ने अपनाई कडी भूमिका का भी सराहना हो रही है| बैंकों से प्राप्त कर्जे का भुगतान किये बिना देश से भाग जाने के साथ ही विजय मल्ल्याने अपनी कंपनीयों के स्टाफ की देय राशि भी चुकती नही की है| इसके अलावा करोडों रुपयों का प्राप्तिकर भी मल्ल्याने चुकाया नही है| इसी लिये मल्ल्या के प्रत्यार्पण की ओर पूरे देश की नजर बनी थी|

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