मुंबई में तूफानी बारिश का कहर

’२६ जुलाई’ के बाद एक दिन में सर्वाधिक बारिश

रेल, सडक परिवहन और विमान सेवा ठप्प

घर के बाहर निकले नागरिकों की दुविधा

मुंबई: मुंबई, नवी मुंबई और ठाणे के नागरिकों को मंगलवार ’२६ जुलाई २००५’ जैसे प्रलयकारी बरसात का सामना करना पड़ा। मुंबई में सोमवार रात से बरस रही तूफानी बरसात की वजह से जनजीवन बिखेर गया। बरसात का जोर भर्ती के समय भी कायम रहने की वजह से पानी के निकास के लिए जगह बाकि नहीं रही। इस वजह से मध्य, पश्चिम और हार्बर रेल मार्ग पर कई जगह रेल की पटरियां पानी के नीचे गई हैं, जिससे रेल परिवहन ठप्प हुआ। कई निचले हिस्सों में पानी इकठ्ठा होने से परिवहन भी घोंघे की गति चल रहा था। काम पर जाने के लिए बाहर निकले कर्मचारी रस्ते में ही फंस गए, तो सुबह जल्दी उठकर दफ्तर पहुंचे कर्मचारियों का घर लौटने का रास्ता बंद हो गया। इस वजह से हजारों नागरिक पैदल ही घर चले गए। अगले अड़तालीस घंटों में मुसलाधार बरसात की संभावना हवामान खाते ने जताई है।

तूफानी बारिश

मुंबई में २६ जुलाई २००५ के दिन आसमान फटने की घटना के बाद, एक दिन में सर्वाधिक बारिश मंगलवार को दर्ज की गई है। मुसलाधार बारिश की वजह से मुंबई की सडकें पानी से भर गई। निचले इलाकों की कई बस्तियों में पानी घुस गया। कुछ इलाकों में कई इमारतों के निचली मंजिलों में पानी भर गया। सुबह हुई बरसात के बाद कई स्कूल बंद किए गए। साथ ही अगले कुछ घंटों में तूफानी बरसात की संभावना को देखते हुए बुधवार को भी स्कूल और कॉलेजों को छुट्टी दी गई। बारिश की वजह से कई नीजी कंपनियों के कार्यालयों के कर्मचारियों को जल्दी छोड़ा गया। लेकिन उनको घर वापस लौटने के लिए साधन ही उपलब्ध नहीं रहे।

इस रिकोर्ड तोड़ बरसात की वजह से सुबह ही हार्बर रेल मार्ग की सेवा ठप्प हो गई। उसके बाद मध्य और पश्चिम रेलमार्ग के परिवहन लडखडा गई। दोपहर एक के बाद पश्चिम रेलमार्ग पर विरार से अंधेरी तक ही लोकल शुरू थी। हार्बर मार्ग अनिश्चित काल के लिए बंद किया गया। मध्य रेल की गाड़ियाँ भी बंद हो गई। जिस वजह से कई रेल स्टेशन पर यात्री रेल आने का इंतजार करते रह गए।

बरसात की वजह से पश्चिम और पूर्व द्रुतगति महामार्ग, सायन-पनवेल का परिवहन भी पूरी तरह से लड़खड़ा गया। इन महामार्गों पर गाड़ियों की दूर तक लाइन देखने को मिली। हजारो यात्री इन वाहनों में कई घंटों तक फंसे रहे। कई निचले हिस्सों में कमर तक पानी भरने के कारण बस और बड़ी गाड़ियों के अलावा इन सड़कों पर अन्य गाड़ियाँ चल नहीं पा रही थी। पानी में रास्ता ढूँढने की कोशिश करनेवाली गाड़ियाँ रास्ते में ही फंस गई।

रेल बंद पड़ने से बहुतांश यात्रियों ने रिक्शा, टैक्सी या बस से यात्रा करने का निर्णय लिया। लेकिन कई रिक्शा और टैक्सी ड्राइवर स्पष्ट रूप से मना कर रहे थे। बसें भी ट्रैफिक में फंसने के कारण नागरिकों की परेशानियाँ बढ़ गई। ऐसे में मुंबई के कई इलाकों में बिजली चली गई। दहिसर, बोरीवली, बांदरा, सान्ताक्रुज़, खार, कांदिवली, मलाड, अँधेरी, परेल, लालबाग़, लोअर परेल, दादर, सायन के कई इलाकों में बिजली चली गई थी।
मंगलवार को पांच दिनों के गणपति का विसर्जन था। लेकिन भारी वर्षा के कारण इन गणपति के विसर्जन पर परिणाम हुआ। फिर कई भाविक बारिश के पानी से रास्ता निकालते हुए विसर्जन के लिए बाहर निकले। रस्ते में फसे कई नागरिकों के लिए समाज सेवी संस्थाओं ने खाने और अस्थायी रहने का इंतजाम किया। ऐसे सन्देश सोशल मीडिया पर भेजे जा रहे थे। फंसे यात्रिओं की मदद के लिए स्थानीय लोग आगे आए। पुलिसों की ओर से भी नागरिकों को बे वजह घर से बाहर न निकलने का आवाहन किया गया।

मुंबई महापालिका और राज्य सरकार के आपातकालीन व्यवस्थापन विभाग की ओर से आवश्यक कदम उठाए जा रहे थे। मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणविस ने भी इस आपातकालीन विभाग के कण्ट्रोल रूम को भेट देकर परिस्थिति का मुआयना किया। आपातकालीन निवारण पथक की (एनडीआरएफ) दो टुकडियां भी मुंबई की ओर रवाना हुई।

दौरान, मुंबई के साथ कोंकण किनारा, गुजरात, गोवा और पश्चिम विदर्भ में भी मुसलाधार बारिश हुई। गुजरात में भी कई शहरों में मुंबई जैसे हालात होने की बात कही जा रही थी।

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