सीमा व्यवस्थापन में पुलिस की बड़ी भूमिका – राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल

हैदराबाद – कानून और सुव्यवस्था की ज़िम्मेदारी के साथ सीमा व्यवस्थापन में भी पुलिस की बड़ी भूमिका है। देश के १५ हज़ार चौरस किलोमीटर के सरहदी क्षेत्र में अलग-अलग स्थानीय समस्याएँ हैं। पाकिस्तान, चीन, म्यांमार और बांगलादेश से जुड़े सरहदी क्षेत्रों में अलग-अलग चुनौतियाँ हैं। वहां पर पुलिस और केंद्रीय पुलिस बल बड़ी अहम भूमिका निभा रहे हैं, ऐसा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल ने कहा। साथ ही कानून और सुव्यवस्था के मोर्चे पर नाकाम हुआ देश कभी भी बड़ा नहीं हो सकता, यह भी डोवल ने कहा।

सीमा व्यवस्थापनसरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस एकेडमी (सीवीपीएनपीए) में आयोजित ‘आयपीएस’ अफसरों की ‘पासिंग आऊट परेड़’ में डोवल बोल रहे थे। भारत की संप्रभुता समुद्री तट से जमीनी सरहद के आखरी पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र तक है, यह  बात डोवल ने रेखांकित की। पुलिस अंदरुनि सुरक्षा में अहम ज़िम्मेदारी निभाती है। भारत में पुलिस बल के सैनिकों की संख्या २१ लाख है। कानून और व्यवस्था बरकरार रखने के लिए अब तक ३५ हज़ार ४८० पुलिस वालों ने अपनी जान का बलिदान दिया है। सेवा निभाते समय शहीद हुए ४० आयपीएस अधिकारों का इस अवसर पर स्मरण करना होगा, ऐसा डोवल ने कहा।

नागरी समाज में दरार निर्माण हुई या जहां पर समाज व्यवस्था बिगड़ी तो उससे देश के राष्ट्रीय हित को नुकसान पहुँचता है। अंदरुनि सुरक्षा के मोर्चे पर असफल देश कभी भी बड़ा नहीं हो सकता। नागरिक खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करता तो देश के विकास पर भी इसका असर पड़ता है। इस वजह से पुलिस की भूमिका कितनी अहम होती है, यह स्पष्ट होता है। अगले दिनों में भारत का समावेश विश्‍व के प्रमुख देशों में होगा। कई मोर्चों पर भारत सफल होता दिखाई देगा, यह विश्‍वास भी डोवल ने इस दौरान व्यक्त किया।

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