सेमीकंडक्टर के निर्माण के लिए विश्‍वभर की प्रमुख कंपनियों का भारत को ‘रिस्पॉन्स’

नई दिल्ली/ताइपे – अगले तीन वर्षों में भारत में सेमीकंडक्टर्स की माँग १०० अरब डॉलर्स तक बढ़ेगी। इसी वजह से आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत विश्‍वभर की सेमीकंडक्टर्स का निर्माण करनेवाली कंपनियाँ और इस उद्योग से जुड़ी कंपनियों को भारत में निवेश करने के लिए आवाहन किया जा रहा है। इसके लिए भारत ने दस अरब डॉलर्स की सहुलियत देने का ऐलान किया है। इसका लाभ उठाने क लिए इस क्षेत्र में कार्यरत विश्‍वभर की कंपनियाँ उत्सुक हैं और इनमें ताइवान की कंपनियों का भी समावेश है।

सेमीकंडक्टर२० दिन पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सेमीकंडक्टर्स उद्योग से संबंधित काफी अहम निर्णय किया था। सेमीकंडक्टर्स का देश में निर्माण करने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंड़ल ने तकरीबन ७६ हज़ार करोड़ रुपयों के पैकेज का ऐलान किया। इसका असर दिखाई देने लगा है और सेमीकंडक्टर उद्योग की कंपनियाँ भारत में प्रवेश करने के लिए अधिक उत्सुक होने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं। १ जनवरी से लागू हो रही भारत की इस योजना को उत्साह बढ़ानेवाला रिस्पान्स मिल रहा है। इस उद्योग क्षेत्र की हरएक प्रमुख कंपनी भारत में प्रवेश करने के लिए उत्सुक है, ऐसा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी विभाग के राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा।

भारत में सेमीकंडक्टर क्षेत्र में प्रवेश करने का यही उचित अवसर है, विदेशी कंपनियाँ को इस बात का अहसास है, ऐसा दावा राजीव चंद्रशेखर ने किया। इससे देश के सेमीकंडक्टर निर्माण करनेवाले उद्योग को गति प्राप्त होगी और यह एक ही बात भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति-गति बदल सकती है, ऐसे संकेत प्राप्त हो रहे हैं। वर्ष २०२५ तक भारत में सेमीकंडक्टर की माँग बढ़कर १०० अरब डॉलर्स तक पहुँचेगी। ऐसी स्थिति में सेमीकंडक्टर का देश में निर्माण करना भारत के लिए केवल आर्थिक ही नहीं बल्कि, रणनीतिक नज़रिये से भी अहम साबित होगा।

वर्तमान दौर में उद्योग से संबंधित लगभग हर क्षेत्र में सेमीकंडक्टर का इस्तेमाल होता है। इसके पुर्जों का निर्मान अलग-अलग देशों में किया जाता है, फिर भी इसका प्रमुख निर्माण केंद्र चीन में ही है। इसका हथियार की तरह इस्तेमाल करके चीन विश्‍व की घेराबंदी कर सकता है, यह चिंता अंतरराष्ट्रीय समूदाय को सता रही है। यानी कि, कोरोना का संकट एवं चीन की अन्य गतिविधियों की वजह से सेमीकंडक्टर्स का निर्माण कम होने से इसकी किल्लत महसूस होने लगी है। इससे उत्पादन प्रभावित होने से भारत जैसे ज़िम्मेदार और विश्‍वस्नीय देश में सेमीकंडक्टर्स के उत्पादन केंद्र का स्थानांतरण करना अंतरराष्ट्रीय उद्योगक्षेत्र के लिए काफी अहम बात है। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था एवं उद्योगक्षेत्र को काफी बड़ा लाभ प्राप्त होगा। भारत का उत्पादन क्षेत्र इससे काफी विकसित होगा, यह दावा किया जा रहा है।

‘ताइवान सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी’ (टीएसएमसी) ने भारत में निवेश करने की तैयारी दर्शाने की खबरें प्राप्त हो रही हैं। भारत ने सेमीकंडक्टर क्षेत्र को लेकर अहम ऐलान करने के कुछ दिन पहले भारत और ताइवान के बीच मुक्त व्यापारी समझौते पर चर्चा हुई थी। यह महज संजोग नहीं है बल्कि, इस मोर्चे पर दोनों देश एक-दूसरे से सहयोग के लिए काफी पहले से नींव रख रहे थे, यही इससे स्पष्ट होता है, ऐसा दावा ताइवान के अखबार कर रहे हैं।

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