अफ़गानिस्तान की समस्या पर पाकिस्तान की गंभीरता विश्‍व ने देखी है – ‘अफ़गानिस्तान’ विषय पर आयोजित बैठक में अनुपस्थित रहनेवाले पाकिस्तान को भारत ने लगाई फटकार

नई दिल्ली – भारत ने अफ़गानिस्तान के मसले पर इस क्षेत्र के देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक का आयोजन किया था। पाकिस्तान इस बैठक में शामिल नहीं हुआ। यही बात अफ़गानिस्तान के मसले पर पाकिस्तान कितना गंभीर है, यह दिखाती है, इन शब्दों में भारत के विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान को फटकार लगाई। भारत द्वारा आयोजित इस बैठक में रशिया, ईरान समेत कुल सात देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शामिल थे। ‘अफ़गानिस्तान की भूमि आतंकवाद का केंद्र नहीं बननी चाहिये। अफ़गानिस्तान के अंदरुनि मामलों में अन्य देशों का हस्तक्षेप ना हो’, यह स्पष्ट भूमिका इन सभी ने एकजुट होकर बयान की।

पाकिस्तान की गंभीरतागुरूवार के दिन पाकिस्तान ने अफ़गानिस्तान के मसले पर ‘ट्रॉयका प्लस’ बैठक का आयोजन किया था। इसमें चीन, रशिया और अमरीका के प्रतिनिधि शामिल हुए। इस बैठक में बोलते समय पाकिस्तान के विदेशमंत्री शहा महमूद कुरेशी ने अफ़गानिस्तान की तालिबानी हुकूमत को स्वीकृति प्रदान नहीं की तो कहीं बड़ी समस्या निर्माण होगी, यह इशारा दिया। तालिबान को अंतरराष्ट्रीय समूदाय से संवाद करना है। इस वजह से तालिबान की हुकूमत को अंतरराष्ट्रीय समूदाय स्वीकृति प्रदान करे। वरना गुजरे समय में अफ़गानिस्तान को अलग-थलग करने से जिन समस्याओं का सामना करना पड़ा था, वैसी ही स्थिति फिर से उभरे बिना नहीं रहेगी, यह धमकी पाकिस्तान के विदेशमंत्री ने दी। ९/११ जैसा हमला फिर से हो सकता है, यह इशारा भी पाकिस्तान के विदेशमंत्री दे रहे हैं। इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने ऐसे इशारे दिए थे।

अफ़गानिस्तान की तालिबानी हुकूमत का पक्ष लेकर लगातार बयान कर रहे पाकिस्तान को इस मोर्चे पर ज्यादातर प्रतिसाद प्राप्त होता नहीं दिख रहा है। तालिबान की हुकूमत को विश्‍व के प्रमुख देश स्वीकृति प्रदान करें, लगातार यह माँग कर रहे और ऐसा ना करने पर अगली चुनौतियों के इशारें दे रहा पाकिस्तान अफ़गानिस्तान के मसले पर भारत ने आयोजित की हुई अहम बैठक में अनुपस्थित था। भारत ने पाकिस्तान और चीन दोनों को ‘एनएसए’ स्तर की इस बैठक के लिए आमंत्रित किया था। लेकिन, पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद युसूफ ने हम भारत में आयोजित बैठक में शामिल नहीं होंगे, यह ऐलान बीते हफ्ते ही किया था। वहीं, चीन इस बैठक में शामिल होगा, ऐसी खबरें प्राप्त हुई थीं। इससे पाकिस्तान में भी बेचैनी फैली थी। चीन बैठक में शामिल हुआ तो पाकिस्तान अलग-थलग हो जाएगा, यह ड़र पाकिस्तानी माध्यम व्यक्त कर रहे थे। लेकिन, इस बैठक से मात्र दो दिन पहले चीन ने भी अपना कार्यक्रम पहले ही तय होने से बैठक में शामिल होने से इन्कार किया।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय तालिबान को स्वीकृति प्रदान करे, इसके लिए लगातार अन्य देशों को आवाहन कर रहे पाकिस्तान और चीन इसी मुद्दे की एक उच्चस्तरीय बैठक में उपस्थित नहीं रहे। लेकिन, दूसरे दिन पाकिस्तान में हुई बैठक में चीन शामिल हुआ। इस ओर भी विश्‍लेषक अब ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। भारत के विदेश मंत्रालय ने इस पर प्रतिक्रिया दर्ज़ की है। अफ़गानिस्तान के मसले पर आयोजित अहम बैठक में अनुपस्थित रहनेवाला पाकिस्तान इस मुद्दे को लेकर कितना गंभीर है, यही बात इससे स्पष्ट हो रही है, इन शब्दों में विदेश सचिव अरिंदम बागची ने फटकार लगाई।

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