सिरिया में रशिया-तुर्की के गश्तीपथक पर बम हमला

दमास्कस – सिरिया के इदलिब प्रांत में गश्त करनेवाले रशिया और तुर्की के संयुक्त पथक पर मंगलवार को बम हमला हुआ। इस हमले में रशिया के तीन और तुर्की के बहुत जवान घायल होने की जानकारी सामने आ रही है। मार्च महीने में रशिया और तुर्की के संघर्षविराम के बाद इदलिब में संयुक्त गश्त करने की बात दोनों देशों ने तय की थी। उसके अनुसार इदलिब प्रांत में रशिया और तुर्की के जवानों की संयुक्त गश्त जारी थी। अभी तक इस हमले की ज़िम्मेदारी का स्वीकार किसी भी संगठन ने नहीं किया है।

गश्तीपथक

इदलिब प्रांत में सबसे महत्त्वपूर्ण माने जानेवाले ‘एम४’ इस राजमार्ग पर रशिया और तुर्की के लष्करों की संयुक्त गश्त शुरू थी कि तभी यह हमला हुआ। इस बम हमले में रशिया और तुर्की के लष्करों की दो गाड़ियों का ज़बरदस्त नुकसान हुआ। इस हमले में रशिया के तीनों जवान मामूली ज़ख़्मी हुए; वहीं, तुर्की के ज़ख़्मी जवानों के बारे में पूरी जानकारी सामने नहीं आयी है। लेकिन इस हमले में तुर्की के काफ़ी सैनिक ज़ख़्मी हुए होने का दावा माध्यमों ने किया है। वहीं, इस हमले के बाद भी, इस महामार्ग पर अपनी गश्ती चालू ही रहेगी, ऐसा रशिया और तुर्की ने स्पष्ट किया है।

गश्तीपथक

सिरिया की राजधानी दमास्कस को इदलिब के ज़रिये तुर्की से जोड़नेवाला सबसे महत्त्वपूर्ण महामार्ग के रूप में ‘एम४’ जाना जाता है। इस महामार्ग से तुर्की की सीमारेखा लगभग ३० किलोमीटर दूरी पर है। इस महामार्ग पर कब्ज़ा करने के लिए फ़रवरी महीने में तुर्की और सिरियन लष्कर में ज़ोरदार संघर्ष भड़का था। इस संघर्ष में दोबों देशों की सेनाओं को तथा संलग्न गुटों को बड़ी जीवितहानी का सामना करना पड़ा था। रशिया का समर्थन होनेवाली सिरिया की अस्साद हुक़ूमत ने तुर्की का लष्कर तथा संलग्न आतंकी गुटों पर भीषण हमलें किये थे। वहीं, तुर्की ने भी सिरिया में अधिक से अधिक सेना घुसाकर बड़े संघर्ष की तैयारी की थी। इस संघर्ष के कारण रशिया और तुर्की में तनाव पैदा हुआ था। उसके बाद मार्च महीने में रशिया ने पहल करके तुर्की के साथ संघर्षविराम लागू किया था। लेकिन यह संघर्षविराम लंबे समय तक नहीं टिकेगा, ऐसा कहा जाता था।

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