बिहार में माओवादियों के विस्फोट में सीआरपीएफ के दस जवान शहीद

पटना, दि. १९ (पीटीआय) – बिहार के औरंगाबाद ज़िले में माओवादियों द्वारा किये गए ‘आयईडी’ विस्फोट में ‘केंद्रीय रिजर्व पुलीस दल’ (सीआरपीएफ) के दस जवानों को अपनी जान गँवानी पड़ी| सोमवार दोपहर से ही औरंगाबाद के जंगल में माओवादियों के खिलाफ़ कार्रवाई शुरू थी| इसी दौरान हुए विस्फोट में ‘सीआरपीएफ’ के ‘कोब्रा’ युनिट के जवान मारे गये होने की जानकारी सूत्रों ने दी| केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंग ने इस घटना पर ग़ौर करते हुए बिहार सरकार की सभी स्तर पर सहायता करने का आश्‍वासन दिया है|

बिहारसोमवार को ‘सीआरपीएफ’ ने बिहार के औरंगाबाद ज़िले के ‘चकरबंदा- दुमारीनाला’ जंगल इलाक़े में माओवादियों के खिलाफ़ विशेष मुहिम हाथ में ली थी| यह इलाक़ा माओवादियों के केंद्र के रूप में जाना जाता है, इसलिए यह कार्रवाई महत्त्वपूर्ण मानी जा रही थी| इसी मुहिम के दौरान, सोमवार रात को तीन माओवादियों को मौत के घाट उतारा गया| इस सफलता के बाद ‘सीआरपीएफ’ ने अपनी मुहिम अधिक ही तेज़ कर दी|

मंगलवार को माओवादी और ‘सीआरपीएफ’ के बीच शुरू हुई मुठभेड़ के समय, मदनपुर पुलीस क्षेत्र के इलाकों के जंगल क्षेत्र में २०० माओवादियों ने ‘सीआरपीएफ’ के जवानों को घेर लिया|  इसके बाद माओवादियों ने २२ ‘आयईडी’ का विस्फोट किया| इस विस्फोट में ‘सीआरपीएफ’ के कोब्रा युनिट के आठ जवान जगह पर ही मारे गए| इसके बाद जवान और माओवादियों के बीच मुठभेड शुरू हुई| जवानों ने गोलीबारी से जवाब देने के बाद माओवादी नज़दीक के ही जंगल में भाग गये| हालाँकि माओवादियों को पकड़ने में जवानों को सफलता नहीं मिली, बडी मात्रा में विस्फोटक पदार्थ और हथियारों पर कब्ज़ा कर लिया गया|

इनमें एके-४७ रायफलें, ग्रेनेड लाँचर शामिल हैं| इन हमलों के परिणामस्वरुप, केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंग ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार से फोन पर चर्चा की| माओवादियों का सामना करने के लिए बिहार सरकार को आवश्यक रहनेवाला सारा सहयोग केंद्र सरकार द्वारा दिया जायेगा, ऐसा भरोसा राजनाथ सिंग ने इस चर्चा के दौरान दिलाया|

केंद्र और नक्षलग्रस्त राज्यों की सरकारों ने माओवादियों के खिलाफ़ कार्रवाई तेज़ कर दी है| इससे माओवादियों का प्रभाव कम होते हुए दिखाई दे रहा है| इसी कारण, अपना सामर्थ्य सिद्ध करने के लिए माओवादी बार-बार इसी प्रकार के हमले कर रहे हैं| बिहार के इस हमले के बाद, माओवादियों के खिलाफ़ चल रही मुहिम अधिक तीव्र होने की संभावना है। माओवादी यदि हिंसा का पथ छोड़ने के लिए तैय्यार हैं, तो सरकार उनसे बातचीत करने के लिए तैयार है, ऐसा गृहमंत्री राजनाथ सिंग ने कुछ दिन पहले कहा था| लेकिन इस आवाहन को माओवादियों से प्रतिसाद नही मिला, उलटे रक्षा दलों पर माओवादियों के हमलें इससे आगे भी जारी रहेंगे, यह स्पष्ट संदेश बिहार के हमले से मिल रहा है|

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