बेलारुस के लडाकू विमानों को एटम बम जोडने की तैयारी है – बेलारुस के राष्ट्राध्यक्ष की धमकी

मिन्स्क – बेलारुस ने अपने हवाई दल के बेडे के ’एस-२४’ लडाकू विमानों को एटम बम जोडने के लिए जरुरी बदलाव किए है। इसलिए पश्चिमी देशों की स्थिति बिगाडने की ठानी गई तो बेलारुस उसे जोरदार प्रत्युत्तर देगा ऐसा घोषित करके बेलारुस के राष्ट्राध्यक्ष एलेक्ज़ैंडर लुकाशेन्को ने खलबली मचाई। युक्रेन के युद्ध में रशिया को पूरा साथ देनेवाले बेलारु के राष्ट्राध्यक्ष ने पडोसी देश पोलैंड को यह इशारा दिया है या वास्तव में सभी पश्चिमी देशों को धमका रहे हैं, इसकी चर्चा हो रहा है।

युक्रेन का युद्ध शुरु होते ही बेलारुस ने रशिया का साथ देने की घोषणा की थी। इतना ही नहीं बल्कि, रशियन संरक्षणदल द्वारा बेलारुस की भूमि इस्तेमाल की जाती है। तो अमेरिका एवं नाटो द्वारा युक्रेन की सहायता के लिए पोलैंड और अन्य पडोसी देशों का इस्तेमाल किया जाता है। इसलिए इस क्षेत्र के देश एकदूसरे के खिलाफ गतिविधिया करते हैं और पोलैंड में अमेरिका एवं पश्चिमी देशों की गतिविधियों का बहुत बडा खतरा बेलारुस को भी है, ऐसा दावा किया जाता है। इस पृष्ठभूमि पर बेलारुस के राष्ट्राध्यक्ष लुकाशेन्को ने यह इशारा दिया। 

बेलारुस के हवाई दल में एसयु-24’ लडाकू विमान हैं। इन विमानों पर एटम बम जोडने के लिए जरुरी बदलाव किए गए हैं और किसी भी पल यह विमान एटम बमों की बौछार कर सकते है, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष लुकाशेन्को ने आगाह किया। अगर वे (पश्चिमी देश) स्थिति में कटुता लाने की कोशिश करेंगे तो हेलिकॉप्टर्स या लडाकू विमान उनकी संरक्षण नहीं कर पाएंगे, इस बात को उन्हें ध्यान में रखना अच्छा होगा, बेलारुस के राष्ट्राध्यक्ष ने ऐसी धमकी दी। उन्हें पोलैंड को इशारा देना था या सभी पश्चिमी देशों को उन्होंने यह धमकी दी है, माध्यमों में इस बात की चर्चा हो रही है।

इस दौरान, बेलारुस के पास खुद के एटम बम नहीं हैं। पर बेलारुस रशिया के एटम बमों से वार करेगा राष्ट्राध्यक्ष लुकाशेन्को इसके द्वारा आगाह कर रहे हैं। युक्रेन में युद्ध की पृष्ठभूमि पर रशिया का ठोस समर्थक बेलारुस ने युक्रेन समेत पश्चिमी देशों के खिलाफ तीकी भूमिका अपनाई हुई है। फिलहाल रशिया के लगभग हजार सैनिक एवं शस्त्रास्त्र भी बेलारुस में तैनात होने के दावे किए जाते हैं। इसके अलावा रशिया की ‘एस-400’ एवं ‘एस-300’  यह हवाई सुरक्षा यंत्रणाओं की बैटरीज़ भी बेलारुस में तैनात होने का आरोप पश्चिमी देशों की यंत्रणाएं लगा रही हैं।

इसलिए अमेरिका एवं नाटो युक्रेन के पोलैंड तथा अन्य पडोसी देशों का रशिया के खिलाफ व्युहरचना के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं, तब रशिया ने बेलारुस का नीतिपूर्वक इस्तेमाल करके इन दांवपेचों को उत्तर दिया हुआ दिख रहा है। ऐसी स्थिति में युक्रेन का युद्ध अधिक कटुता निर्माण हुई और बेलारुल पर हमला हो ही जाए तो, उसके भयंकर परिणाम होगा, ऐसा संदेश राष्ट्राध्यक्ष लुकाशेन्को दे रहे हैं। मात्र उनके इस इशारे पर युक्रेन में संघर्ष का रुपांतर परमाणु युद्ध में होगा, यह डराने वाली संभावना फिर से विश्व के समक्ष आई है।

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