जैविक युद्ध का मुकाबला करने के लिए तैयार रहें – रक्षाबलप्रमुख जनरल बिपीन रावत का संदेश

नई दिल्ली – जैविक युद्ध का मुकाबला करने के लिए तैयार रहें, यह संदेश भारत के रक्षाबलप्रमुख जनरल बिपीन रावत ने दिया है| जैविक युद्ध एक नया युद्धतंत्र है और अगले दिनों में इसका मुकाबला करने के लिए देशों को तैयार रहना होगा| साथ ही देशों की थलसेनाओं को भी इस युद्ध के दौरान अपनी देश को हर तरह की सहायता प्रदान करने के लिए तैयार रहना पड़ेगा’, यह इशारा रक्षाबलप्रमुख ने ‘बिमस्टेक’ ने आयोजित समारोह के दौरान दिया| इसी बीच भारत के सेनाप्रमुख जनरल मनोज मुकूंद नरवणे ने कोरोना के नए वेरिएंट के उदय को देखकर यह संकट इतने में दूर नहीं होगा, इस बात का स्पष्ट अहसास कराया|

जैविक युद्धकोरोना की महामागीर का उद्गम चीन में हुआ और चीन ने अब तक इसके उद्गम की विश्‍वस्नीय जानकारी विश्‍व को नहीं दी है| बल्कि, काफी समय तक चीन ने इस महामारी की जानकारी छुपाई और योजना के तहत यह महामारी विश्‍वभर में फैलाने दी, यह आरोप लगाए जा रहे हैं| कुछ विश्‍लेषकों ने तो यह चीन के जैविक युद्ध का हिस्सा होने का बयान करके इसके सबूत भी विश्‍व के सामने रखे हैं| ब्राज़िल के राष्ट्राध्यक्ष बोल्सोनारो ने चीन पर खुले आरोप भी लगाए थे| अधिकृत स्तर पर नहीं, लेकिन कुछ देशों के पूर्व एवं वर्तमान के अफसरों ने भी कोरोना की महामारी के पीछे चीन की भयंकर साज़िश होने का इशारा दिया था| इस पृष्ठभूमि पर रक्षाबलप्रमुख जनरल रावत ने जैविक युद्ध के विषय पर दिया इशारा ध्यान आकर्षित कर रहा है|

भारत, बांगलादेश, नेपाल, भूटान, म्यांमार, श्रीलंका और थायलैण्ड के ‘बिमस्टेक’ (बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टि सेक्टरल टेक्निकल ऐण्ड इकॉनॉमिक को-ऑपरेशन) ने आयोजित किए हुए ‘पैनेक्स-२१’ में आपत्ति दूर करने से संबंधित बहुराष्ट्रीय अभ्यास के उद्घाटन समारोह में बोलते समय जनरल रावत ने यह इशारा दिया| ‘बीते कुछ वर्षों के दौरान विश्‍वभर में कुछ नैसर्गिक और कुछ मानव निर्मित आपदाओं ने नुकसान पहुँचाया| इनमें त्सुनामी, भूकंप और भारी वर्षा से बनी बाढ़ की स्थिती और कोरोना की महामारी का समावेश है| ऐसी आपदाओं का सामना करने के लिए हमें तैयार रहना पड़ेगा| इसके साथ ही इन चुनौतियों का सभी देशों को एकजुट होकर एक-दूसरे को आवश्यक सहायता प्रदान करने की तैयारी रखनी होगी’, ऐसा जनरल रावत ने कहा|

‘कोरोना का नया वेरिएंट ओमीक्रोन सामने आया है और अगले दिनों में भी ऐसे संकट आते रहेंगे| यह जैविक युद्ध का हिस्सा हो सकता है और नए युद्धतंत्र का सामना करने के लिए हमें तैयार रहना पड़ेगा’, यह संदेश भी जनरल रावत ने इस दौरान दिया| साथ ही ऐसी चुनौतियों की स्थिति में सेना को अपने देश को हर तरह की सहायता करने की तैयारी रखनी होगी, यह जनरल रावत ने कहा|

ओमीक्रोन का दाखिला देकर सेनाप्रमुख जनरल मनोज मुकूंद नरवणे ने भी इस दौरान यह इशारा दिया कि, कोरोना की महामारी इतनी जल्द खत्म नहीं होगी| कुछ दिन पहले देश के नए नियुक्त नौसेनाप्रमुख एडमिरल आर.हरी कुमार ने भी रक्षाबलों के सामने कोरोना की महामारी की चुनौती होने का बयान किया था| इस वजह से कोरोना जैविक युद्ध का हिस्सा है और इसका रक्षाबलों की तैयारी और क्षमता पर असर ना हो, इसके लिए रक्षाबल सावधान हैं| खास तौर पर देश को जैविक युद्ध से होनेवाले खतरे का अहसास कराके एकजुट होकर इस संकट का मुकाबला करने की तैयारी करें, यह सलाह रक्षाबल दे रहे हैं|

इसी बीच, २० से २२ दिसंबर के दौरान पूणे में ‘बिमस्टेक’ देशों के युद्धाभ्यास का आयोजन होगा| इस दौरान सेमीनार एवं टेबलटॉप युद्धाभ्यास के साथ मल्टि एजन्सी अभ्यास का भी आयोजन होगा, ऐसा कहा जा रहा है|

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