ब्रिटेन की आर्थिक स्थिरता बरकरार रखने के लिए ‘बैंक ऑफ इंग्लैण्ड’ का हस्तक्षेप

लंदन –  ब्रिटेन की संसद में पिछले महीनें पेश किए गए ‘मिनी बजट’ के झटके से ब्रिटीश अर्थव्यवस्था अभी भी संभली नहीं हैं। सोमवार को ब्रिटेन के बाण्ड मार्केट के निवेषकों ने सरकारी बाण्डस्‌‍ की बड़ी संख्या में बिक्री की। इस वजह से ब्रिटेन की सरकार ने जारी किए बाण्ड के ब्याजदरों का यकायक उछाल हुआ। यह बात ब्रिटेन की आर्थिक स्थिरता के लिए खतरा साबित हो सकती हैं, यह कहकर ब्रिटेन की सेंट्रल बैंक ने हस्तक्षेप करने का निर्णय किया। मंगलवार से ब्रिटेन की सेंट्रल बैंक ने सरकारी बाण्डस्‌‍ की खरीद शुरू की और शुक्रवार तक यह प्रक्रीया शुरू रहेगी, यह ऐलान भी किया।

‘बैंक ऑफ इंग्लैण्ड’पिछले महीनें ब्रिटेन की वित्तमंत्री क्वासी क्वार्टेंग ने अर्थ व्यवस्था को गति प्रदान करने की मंशा जताकर ‘मिनी बजट’ का ऐलान किया था। इसमें करों की कटौती के साथ ही बिजली के बिलों पर मर्यादा एवं अतिरिक्त सरकारी ऋण के प्रावधान का समावेश था। इस मिनी बजट पर ब्रिटेन के उद्योग क्षेत्र, शेअर बाज़ार एवं निवेषकों ने तीव्र बयान दर्ज़ किए थे। इसके बाद ब्रिटेन की मुद्रा पौण्ड स्टर्लिंग एवं प्रमुख शेअर निदेशांक ‘एफटीएसई १००’ की गिरावट हो रही हैं। इसे रोकने के लिए ‘बैंक ऑफ इंग्लैण्ड’ ने ६५ अरब पौण्ड की अतिरिक्त सहायता का ऐलान किया था। इस निधी का इस्तेमाल ब्रिटेन सरकार ने जारी किए सरकारी बाण्ड खरीदने के लिए होगा, यह भी कहा गया था।

लेकिन, इस ऐलान के बाद भी ब्रिटीश अर्थव्यवस्था में शुरू उथल-पुथल अभी बंद नहीं हो सकी हैं। ब्रिटेन की प्रधानमंत्री लिझ ट्रुस एवं वित्तमंत्री ने मिनी बजट का समर्थन करके अप्रिय निर्णय करने होंगे, ऐसा बयान किया था। इस वजह से इसमें बदलाव नहीं होगा, यह संदेश निवेषक एवं उद्योग क्षेत्र को प्राप्त हुआ था। इससे इस क्षेत्र की नाराज़गी काफी बढ़ी और ब्रिटेन के पेन्शन फंडस्‌‍ ने सरकारी बाण्ड के निवेष की बिक्री करने का निर्णय किया। यह बात अर्थव्यवस्था के लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं, इसका असहास होने पर बैंक ऑफ इंग्लैण्ड ने १५ दिनों में दूसरीं बार हस्तक्षेप करने का निर्णय किया।

ब्रिटेन की बैंक शुक्रवार तक हर दिन पांच अरब पौण्ड मुल्य के ‘गिल्टस्‌‍’ नामक सरकारी ऋण बाण्ड खरीद करेगी। लेकिन, शुक्रवार का निर्धारित अवधि खत्म होने के बाद आगे क्या, यह सवाल निवेषक एवं उद्योगक्षेत्र कर रहा हैं। इसपर बयान करने से ब्रिटेन की सेंट्रल बैंक ने इन्कार किया और इस वजह से ब्रिटीश अर्थव्यवस्था की अनिश्चितता अधिक बढ़ने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं।

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