आर्थिक मंदी का अनुमान लगाकर ‘बैंक ऑफ इंग्लैण्ड’ ब्याजदर आधा प्रतिशत बढ़ाया

लंदन – ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था इस साल के अन्त में मंदी की खाई में होगी, ऐसा अनुमान केंद्रीय बैंक ‘बैंक ऑफ इंग्लैण्ड’ ने व्यक्त किया है। युद्ध की आर्थिक कीमत चुकानी पड़ती है, ऐसा कहकर ‘बैंक ऑफ इंग्लैण्ड’ के गवर्नर एण्ड्य्रू बेली ने अगले कुछ महीने ब्रिटेन में महंगाई का विक्रमी उछाल होगा, यह इशारा भी दिया। महंगाई को काबू करने के लिए ‘बैंक ऑफ इंग्लैण्ड’ ने ब्याजदर ०.५ प्रतिशत बढ़ाने का ऐलान किया। साल १९९५ के बाद ब्रिटेन की सेंट्रल बैंक द्वारा आधा प्रतिशत ब्याजदर बढ़ाने का यह पहला अवसर है।

‘बैंक ऑफ इंग्लैण्ड’रशिया-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद पश्चिमी देशों ने यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति और आर्थिक सहायता प्रदान करने के साथ ही रशिया पर काफी ज्यादा मात्रा में प्रतिबंध लगाए थे। इन देशों में अमरीका और ब्रिटेन सबसे आगे रहे। इन प्रतिबंधों की वजह से यूरोप की ईंधन सप्लाई कम हुई और ईंधन की कीमतें काफी बढ़ी हैं। पिछले साल में सिर्फ ब्रिटेन में ईंधन की किमतें ६० प्रतिशत बढ़ी हैं। ईंधन की कीमतें बढ़ने के साथ ही अनाज की आपूर्ति पर भी असर होने से इसकी कीमतें भी तेज़ी से बढ़ रही हैं। इससे ब्रिटेन समेत पश्चिमी देशों में महंगाई का तीव्र विस्फोट हुआ है। ब्रिटेन में जून में महंगाई निर्देशांक बढ़कर ९.४ प्रतिशत हुआ था। ऐसे में महंगाई कम करने के लिए सरकार और सेंट्रल बैंक तेज़ कदम उठा रहे हैं, फिर भी इसका ज्यादा असर होता दिखाई नहीं दिया। बल्कि, ‘कॉस्ट ऑफ लिविंग क्राईसिस’ सामने आया है और मंदी के भी संकेत प्राप्त हो रहे हैं।

‘बैंक ऑफ इंग्लैण्ड’‘बैंक ऑफ इंग्लैण्ड’ ने गुरुवार को इसकी पुष्टि की। ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था इस वर्ष के अन्त में मंदी में धकेली जाने की संभावना है और साल २०२३ में भी विकास दर की गिरावट जारी रहेगी, यह अनुमान सेंट्रल बैंक ने व्यक्त किया है। ‘ब्रिटेन में महंगाई दर १३ प्रतिशत तक उछल सकता है। साल २०२३ में भी महंगाई की तीव्रता जारी रहेगी। रशिया-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर बढ़ती ईंधन की कीमतें ही इसका प्रमुख कारण हैं। ईंधन की कीमत बढ़ने के कारण ब्रिटीश अर्थव्यवस्था को मंदी का मुकाबला करना पडेगा। लगातार पांच तिमाही मंदी की स्थिति बनी रहेगी’, यह अनुमान बैंक ऑफ इंग्लैण्ड ने जताया है।

मंदी का अनुमान जताने के साथ ही केंद्रीय बैंक ने ब्याजदर आधा प्रतिशत बढ़ाया है। इस वजह से ब्रिटेन में ब्याजदर अब १.७५ प्रतिशत हुआ है। इस ब्याजदर बढ़ोतरी की वजह से वाहन, घर एवं कई उत्पादनों की कीमतें फिर से बढ़ेंगीं, यह ड़र विश्लेषकों ने व्यक्त किया है। इससे ब्रिटेन की आम जनता को नुकसान पहुँचेगा और इसका असर राजनीतिक स्तर पर भी दिखाई दे सकता है, यह दावा भी किया जा रहा है।

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