चीन की वजह से उभरे खतरों की पृष्ठभूमि पर ऑस्ट्रेलिया की पैसिफिक देशों से एकजूट के लिए गुहार

कैनबेरा/सुवा – पैसिफिक देशों की सुरक्षा के सामने खड़ी समान चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए एकजुट होने की जरुरत है। हम एक होंगे तभी इन चुनौतियों का सफलता के साथ सामना करना मुमकिन होगा, ऐसा ऐलान ऑस्ट्रेलिया की विदेशमंत्री पेनी वाँग ने किया। खुलेआम ज़िक्र ना किया हो, फिर भी ऑस्ट्रेलिया की विदेशमंत्री ने इस बयान से चीन के खतरे पर पैसिफिक देशों का ध्यान आकर्षित किया।

फिजी की राजधानी सुवा में १८ पैसिफिक द्वीप देशों की शीर्ष बैठक हो रही है। इसमें पैसिफिक द्वीप देशों के राष्ट्रप्रमुख मौजूद रहेंगे। इस क्षेत्र की चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए और एक-दूसरे से सहयोग बढ़ाने के लिए इस बैठक का इस्तेमाल किया जाएगा। ऑस्ट्रेलिया और न्यूझीलैण्ड के प्रभाव में हो रही यह बैठक चीन विरोधी होने का दावा किया जा रहा है। किरिबाती नामक द्वीप देश ने दो दिन पहले इस बैठक से पीछे हटने का निर्णय किया।

किरिबाती चीन के प्रभाव में होनेवाले पैसिफिक द्वीप देश के तौर पर जाना जाता है। कुछ महीने पहले किरिबाती और सॉलोमन आयलैण्ड ने ताइवान के अस्तित्व को नजरअंदाज़ करके चीन की ‘वन चायना पॉलिसी’ अपनायी थी। सॉलोमन आयलैण्ड ने चीन के साथ सैन्य सहयोग भी स्थापित किया है, ऐसा आरोप ऑस्ट्रेलिया ने लगाया था। यह सहयोग हमारी सुरक्षा के लिए सीधा खतरा होने का बयान ऑस्ट्रलिया ने किया था।

इस पृष्ठभूमि पर पैसिफिक के द्वीपदेशों को चीन के प्रभाव से दूर रखने के लिए ऑस्ट्रेलिया ने कदम उठाए हैं। फिजी में आयोजित पैसिफिक द्वीपदेशों की बैठक भी इसी कोशिश का हिस्सा है। लेकिन, किरिबाती का इस बैठक से पीछे  हटना यानी पैसिफिक द्वीप देशों की चीन के खिलाफ एकजुट करने की ऑस्ट्रेलिया की कोशिश को झटका होने का दावा किया जा रहा है। ऐसे में पैसिफिक द्वीप देशों के गुट का हिस्सा होने के लिए किरिबाती के लिए दरवाज़े खुले होने का ऐलान ऑस्ट्रेलिया की विदेशमंत्री ने किया।

इसी बीच, पैसिफिक क्षेत्र में चीन के प्रभाव को चुनौती देने के लिए ऑस्ट्रेलिया अपनी रक्षा तैयारी बढ़ा रहा है। इस पृष्ठभूमि पर ऑस्ट्रेलिया के रक्षामंत्री रिचर्ड मार्लेस ने हाल ही में अमरीका की यात्रा की थी। साथ ही इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन की सैन्य ताकत बढ़ती ऑस्ट्रेलिया सिर्फ देखते रहने की भूमिका अपनाएगा नहीं, यह बयान रक्षामंत्री मार्लेस ने किया। साथ ही अमरीका की सहायता से इस क्षेत्र में सैन्य गठबंधन बनाने का ऐलान भी ऑस्ट्रेलिया के रक्षामंत्री ने किया।

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