‘हुवेई’ पर कार्रवाई करने के मुद्दे पर ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड पर दबाव बनाने के लिए चीन की कोशिश

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरबीजिंग/कॅनबेरा – ‘हुवेई’ कंपनी पर कार्रवाई और आशिया-पैसिफिक क्षेत्र में प्रभुत्व इन मुद्दों पर चीन के ऑस्ट्रेलिया तथा न्यूझीलंड के साथ संबंध अनमेल हो गए हैं| एक ओर चीन के बंदरगाह ऑस्ट्रेलिया के कोयले पर प्रतिबंध डालने के संकेत दे रहे हैं और दूसरी ओर अपने नागरिकों को पर्यटन के लिए न्यूझीलंड का विकल्प ना चुने, ऐसी चेतावनी चीनी यंत्रणा ने दी हैं| ऑस्ट्रेलिया तथा न्यूझीलंड दोनों देश अमरिका तथा ब्रिटेन के पहल से स्थापित किए गए ‘फाईव्ह आईज’ इस अंतरराष्ट्रीय गुट के सदस्य हैं|

दो सप्ताह पहले ऑस्ट्रेलिया ने चीन के सत्ताधारी कम्युनिस्ट शासन के निकटवर्ती होने वाली एक उद्योजक पर प्रवेश प्रतिबंध लागू किया था| उससे पहले देश की शिक्षण संस्था, स्वयंसेवी संस्था तथा अभ्यास गुटो के माध्यम से हो रहा चीन का हस्तक्षेप रोकने के लिए ऑस्ट्रेलियन सरकार ने आक्रमक भूमिका लेते हुए ‘फॉरेन इंटरफेअरन्स लॉज्’ को मंजूर किया था| चीन की एशिया-पैसिफिक क्षेत्र में बढ़ती चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए ‘स्टेप अप पैसिफिक’ जैसी नीति भी जाहिर की थीं|

ऑस्ट्रेलिया का पड़ोसी देश होने वाले न्यूझीलंड ने भी चीन के विरोध में ठोस कदम उठाने को शुरुआत की थीं| अपनी पैसिफिक रीसेट नीति के हिस्से के तहत न्यूझीलंड ने पैसिफिक क्षेत्र के देशों में प्रभाव बढ़ाने के लिए लगभग ५० करोड़ डॉलर्स के अतिरिक्त अर्थ सहयोग का प्रावधान करने की घोषणा की थीं| उसके पश्चात पिछले साल में न्यूझीलंड के जासूसी विभाग ने चीन के ‘हुवेई’ कंपनी के विषय में चेतावनी दी थी| न्यूझीलंड के प्रधानमंत्री जसिंडा आर्डन ने उसके पश्चात अपनी चीन की यात्रा को विलंब किया था| चीन के साथ न्यूझीलंड के संबंध जटिल होने का प्रधानमंत्री आर्डन ने स्पष्ट किया था|

एशिया-पैसिफिक क्षेत्र का हिस्सा होने वाले ऑस्ट्रेलिया तथा न्यूझीलंड जैसे देशों से चीन को मिलने वाली यह चुनौतियां चीन के सत्ताधारीओं को बैचैन करने वाली साबित होती हैं| प्रमुख व्यापारी भागीदार होने वाले दोनों देश अपना प्रभुत्व नहीं मान रहे यह चीन को बेचैन करने वाली बात साबित होते हुए जिसके कारण इन देशों पर दबाव डालने के लिए जोरदार प्रयत्न शुरू हो गए हैं| इसलिए चीन सरकार का घोषणा पत्र होने वाले दैनिक तथा वृत्त संस्थाओं के साथ द्विपक्षीय व्यापार से जुड़ी यंत्रणाओं का उपयोग किया जा रहा हैं|

फरवरी महीने में ‘चाइना-न्यूझीलंड ईयर ऑफ टूरिझम’ की घोषणा की जाने वाली थीं| परंतु चीन ने इस कार्यक्रम को विलंब किया हैं| इससे पहले चीन की यंत्रणाओं ने दिसंबर तथा जनवरी महीने में पर्यटकों को दिए जाने वाले अलर्ट में न्यूजीलंड की यात्रा टालने की जागरूकता रखें, ऐसी सूचना की थीं| चीन की प्रसारण मीडिया से न्यूजीलंड में पर्यटन पर प्रतिबंध डालने के संदर्भ में कुछ खबरें प्रसिद्ध की गई थीं| उसी समय न्यूजीलंड के कुछ भूतपूर्व नेताओं ने वर्तमान की सरकार के चीन विरोधी नीति के संबंध में चेतावनी देने वाले लेख भी प्रकाशित किए थें| इनमें न्यूजीलंड तथा चीन के व्यापारी सहयोग की जानकारी देते हुए न्यूजीलंड अन्य देशों का अनुकरण न करें, ऐसी आक्रमक सलाह दी गई थीं्|

दूसरी ओर ऑस्ट्रेलिया तथा चीन में पिछले कुछ वर्षों से निर्माण होने वाला तनाव अधिक बढ़ने के संकेत मिलने लगे हैं| ऑस्ट्रेलिया की आक्रामक भूमिकाओं पर उत्तर देने वाले चीन ने व्यापार को लक्ष्य करने के लिए कदम उठाए हैं| चीन का प्रमुख व्यापारी बंदरगाह ‘डालिआन’ ने ऑस्ट्रेलिया से कोयला स्वीकारने पर रोक लगाने का सामने आया हैं| ‘डालिआन’ के साथ ही उसके पास होने वाले लगभग चार बंदरगाहों से ऑस्ट्रेलियन कोयले पर प्रतिबंध जारी होने के वृत्त सामने आ रहे हैं|

ऑस्ट्रेलिया यह चीन के लिए सबसे बड़ा कोयला निर्यातक देश हैं| इस कारण चीनी यंत्रणा से लिया जाने वाला निर्णय सत्ताधारी शासन के निर्देशों के बिना लिया गया नहीं है, ऐसा विशेषज्ञों का दावा हैं| ऑस्ट्रेलिया ने इस मुद्दे पर चीन से सफाई मांगी हैं| चीन के प्रवक्ताओं ने इस प्रकार के निर्णय नियमित व्यवहारों का हिस्सा होते हुए चीनी आयातक के हित संबंध ध्यान में लेते हुए वर्णित निर्णय लेने का स्पष्टीकरण दिया हैं| जल्द ही इस मुद्दे पर चीन और ऑस्ट्रेलिया में विवाद अधिक ही तीव्र होता दिखाई दे रहा हैं|

अमरिका ने छेड़े व्यापार युद्ध से लाचार हुआ चीन ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलंड जैसे देशों को अपने बाजार और आर्थिक बल के डर के नीचे रखने की कोशिश कर रहा हैं| परंतु चीन के यह प्रयत्न सफल नहीं साबित होने देंगे, ऐसे संकेत देने वाले आक्रामक निर्णय ऑस्ट्रेलिया तथा न्यूजीलंड ने किए है|

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