बुर्किना फासो में हुए हमले में १०० की मौत – पड़ोसी देशों ने सरहद के करीब इमर्जन्सी घोषित की

औगादौगो – अफ्रीका के बुर्किना फासो देश में सशस्त्र हमलावरों के हमले में कम से कम १०० लोग मारे गए हैं। इस हमले से ड़रे हुए सैंकड़ों स्थानीय लोगों के पलायन की जानकारी सामने आ रही है। किसी भी संगठन ने अभी इस हमले का ज़िम्मा स्वीकार नहीं किया है। लेकिन, अल कायदा और आयएस से संबंधित आतंकी संगठनों ने इस हमले को अंजाम दिया होगा, ऐसी कड़ी आशंका जतायी जा रही है। इसी बीच बुर्किना फासो में के इस हमले के बाद पड़ोसी देश टोगो ने सीमा के करीबी क्षेत्र में इमर्जन्सी घोषित की है। इसके अलावा नायजर ने अपनी सेना को अलर्ट कर दिया है।

बुर्किना फासोउत्तरी ओर के सेनो प्रांत के सेयतेंगा क्षेत्र में यह हमला हुआ। शनिवार देर रात वाहन और बाईक पर संवार हमलावरों ने यहां पर पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को अलग करके गोलीबारी की। महिलाओं और बच्चों को छोड़कर इन हमलावरों ने गांव के पुरषों को मार दिया। इस हमले में मारे गए लोगों की संख्या को लेकर स्थानीय माध्यम और प्रशासन विभिन्न दावे कर रहे हैं। इससे कम से कम १०० लोगों के मारे जाने का दावा सुरक्षा अधिकारी ने किया है। वहीं, इस हमले का शिकार हुए लोगों की संख्या १६५ हो सकती है, ऐसा माध्यमों का कहना है। इनमें ५५ के शव बरामद हुए हैं और घर-घर जाकर शवों का परीक्षण किया जा रहा है।

इस हमले के बाद यहां से कम से कम तीन हज़ार लोग विस्थापित हुए हैं। उन्होंने दोरी शहर में आश्रय लिया है। इस शहर में मानव अधिकार संगठन मौजूद होने की वजह से वहां पर विस्थापितों पर इलाज किया जा रहा है। संयुक्त राष्ट्रसंघ, यूरोपिय महासंघ ने बुर्किना फासो के इस हत्याकांड़ की कड़े शब्दों में निंदा की। पिछले हफ्ते सेयतेंगा इलाके में विद्रोही और सेना के बीच संघर्ष हुआ था। इसी कारण विद्रोहियों ने इस हमले को अंज़ाम देकर बुर्किना फासो की सेना को चेतावनी दी, ऐसा दावा हो रहा है।

बुर्किना फासोलेकिन, इस भीषण हत्याकांड़ के लिए अल कायदा या आयएस इन आतंकी संगठनों से जुड़े गुट ज़िम्मेदार होने की कड़ी आशंका जतायी जा रही है। इनमें से सेयतेंगा की सीमा के करीब अल कायदा और आयएस से जुड़े आतंकी संगठनों के ठिकाने होने का दावा किया जा रहा है। इससे पहले भी इस क्षेत्र के आतंकियों ने हमले करने की बात स्पष्ट हुई थी। इस वजह से दोनों आतंकी संगठनों को इस हमले को जोड़ा जा रहा है।

बुर्किना फासो, नायजर, माली जैसे साहेल प्रांत के देशों में साल २०१५ से आतंकी संगठनों की हिंसा में हज़ारों की मौत हुई है और लाखों विस्थापित हुए हैं। बुर्किना फासो की सरकार इस हिंसा को रोकने में असफल रही है, ऐसी आलोचना नागरिक कर रहे थे। ऐसी स्थिति में इस साल के जनवरी में सेना ने विद्रोह करके देश की सरकार पलट दी थी और सत्ता की बागड़ोर अपने हाथ में ली थी। इसके बाद बुर्किना फासो में लेफ्टनंट कर्नल पॉल-हेन्री सैंडोगो दामिबा की सरकार बनी है।

लेकिन, पिछले चार महीनों में बुर्किना फासो की हिंसा में जरासा भी फरक नहीं आया है। पिछले हफ्ते इस देश के आतंकियों ने ११ सैनिकों को मार दिया था। इसके बाद बुर्किना फासो की जनता और राजनीतिक दलों ने आतंकियों को रोकने में पूरी तरह से असफल हुए लेफ्टनंट कर्नल दामिबा की हुकूमत पर कड़ी आलोचना की थी।

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