आर्मेनिया-अज़रबैजान सीमा पर फिर हुआ संघर्ष – पूर्व सोवियत देशों में अमरीका की जारी दखलअंदाजी पर रशिया की आपत्ति

येरेवन/मास्को – विवादित नागोर्नो-काराबाख क्षेत्र को लेकर आर्मेनिया और अज़रबैजान के बीच फिर से संघर्ष शुरू हुआ है। इसमें एक सैनिक घायल होने का दावा किया जा रहा है। अमरिकी वित्त मंत्री एंथनी ब्लिंकन ने इन देशों के नेताओं से चर्चा करने के बाद यह संघर्ष शुरू हुआ, इसपर रशियन माध्यम ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। आर्मेनिया-अज़रबैजान के साथ अमरीका की हुई चर्चा यानी मध्य एशिया में रशिया के हितसंबंधों पर हुआ राजनीतिक हमला होने की आलोचना रशिया ने की।

आर्मेनिया-अज़रबैजानपिछले महीने अमरीका के विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन ने म्युनिक में सुरक्षा परिषद के दौरान अज़रबैजान और आर्मेनिया के राष्ट्रप्रमुखों से मुलाकात की थी। पिछले कई सालों से इन दोनों देशों के बीच नागोर्नो-काराबाख के मुद्दे पर जारी विवाद खत्म करने के लिए अमरीका मध्यस्थता करने के लिए तैयार होने का बयान ब्लिंकन ने किया था। ऐसे में सोमवार को अमरिकी विदेश मंत्री ने आर्मेनिया के प्रधानमंत्री निकोल पाश्नीनयान एवं अज़रबैजान के राष्ट्राध्यक्ष इलहान अलीयेव से फोन पर बातचीत की।

आर्मेनिया-अज़रबैजानआर्मेनिया और अज़रबैजान यह दोनों देश सोवियत रशिया का हिस्सा थे। १९९० के दशक में सोवियत रशिया का विभाजन होने के बाद आर्मेनिया और अज़रबैजान स्वतंत्र हुए। फिर भी यह दोनों ईंधन से समृद्ध देश रशिया के प्रभाव क्षेत्र का हिस्सा बनते हैं। लेकिन, पिछले कुछ सालों से अमरीका और यूरोपिय देशों ने इन दोनों देशों को अपने गुट में शामिल करने की गतिविधियां शुरू की हैं। अज़रबैजान से ईंधन पाइपलाइन यूरोप तक लाने के लिए चर्चा हो रही है। इसी बीच इन दोनों सोवियत देशों को नाटो से जुड़ने के लिए अमरीका की कोशिश जारी होने का दावा किया जा रहा है।

इस वजह से गुस्से में आकर रशिया ने अमरीका की कड़ी आलोचना की है। नागोर्नो-काराबाख के मुद्दे पर रशिया ने आर्मेनिया और अज़रबैजान के बीच युद्ध विराम करवाया है। इन दोनों देशों के साथ रशिया ने त्रिपक्षीय चर्चा शुरू की है। फिर भी पश्चिमी देशों की दखलअंदाजी यानी राजनीतिक हमला होने का आरोप रशियन विदेश मंत्री सर्जेई लैव्हरोव्ह ने लगाया। पश्चिमी देश रशिया की कोशिश नज़रअंदाज करके अपना ही विचार थोपने की कोशिश में होने का आरोप लैव्हरोव्ह ने लगाया।

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