सोमालिया में सूखे की वजह से एक साल में ४३००० हज़ार लोगों की हुई मौत – मृतकों में कम से कम २१ हज़ार बच्चे

नैरोबी – सोमालिया में पिछले साल उभरी सूखे की स्थिति से कम से कम ४३ हज़ार लोगों की जान गई है। इनमें से लगभग आधे से अधिक संख्या भूखमरी से मृत हुए बच्चों की होने का दावा नई अंतरराष्ट्रीय रपट में किया गया है। सोमालिया में देखा गया सूखे का यह कोहराम इतने जल्द रुकेगा नहीं। साल २०२३ के पहले छह महीनों में ही सूखे के कारण सोमालिया में १८ हज़ार लोगों की मौत होगी, ऐसी चेतावनी भी यह रपट दे रही है। यूक्रेन युद्ध की वजह से सोमालिया को पीठ दिखा रहे पश्चिमी देशों की वजह से हमारे देश पर टूटे ऐसें भयंकर संकट की दाहकता बढ़ी हैं, ऐसी आलोचना सोमालिया के वरिष्ठ अधिकारियों ने की थी।

‘हॉर्न ऑफ अफ्रीका’ कहे जा रहे सोमालिया, इथियोपिया और केनिया इन देशों में इस वर्ष लगातार छठे साल बारिश की कमी रही। इस वजह से इन अफ्रीकी देशों को लगातार छठवें वर्ष सूखे का मुकाबला करना पड़ रहा हैं। ऐसें में जारी रशिया-यूक्रेन युद्ध की वजह से अन्य देशों की तरह इन अफ्रीकी देशों में भी महंगाई और अनाज़ की किल्लत का संकट उभरा है। इनमें से सोमालिया की स्थिति काफी चुनौतियों से भरी होने का बयान वैश्विक स्वास्थ्य संगठन और संयुक्त राष्ट्र संघ एवं लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन ॲण्ड ट्रॉपिकल मेडिसीन इन तीनों संगठनों ने अपनी रपट में किया है। सोमालिया का यह संकट इतने जल्द खत्म नहीं होगा, ऐसी चेतावनी भी इन संगठनों ने दी है।

साल २०२२ में सोमालिया के सूखे से कम से कम ४३ हज़ार लोगों की मौत होने की जानकारी इन संगठनों ने साझा की। पहली बार किसी अंतरराष्ट्रीय संगठन ने अधिकृत स्तर पर सोमालिया के सूखे से हुई मौत के आंकड़े सार्वजनिक किए। सोमालिया में फिलहाल ६० लाख लोग भूखमरी का सामना कर रहे हैं, यह भी इसमें कहा गया है।

साल २०११ में सोमालिया पर टूटे अन्न की कमी से भी अधिक भयंकर संकट इस देश पर टूटेगा, ऐसी चेतावनी यह विश्लेषक दे रहे हैं। एक दशक पहले के सूखे से सोमालिया में २ लाख ६० लोगों की मौत हुई थी। आगे के दिनों में सोमालिया में इससे भी अधिक भयंकर आपत्ति होगी, ऐसा दावा यह विश्लेषक कर रहे हैं। मौजूदा संकट में सोमालिया के लाखों पालतू पशुओं की जान गई हैं और अल-शबाब एवं अन्य आतंकी संगठनों की वजह से ३८ लाख लोग विस्थापित हुए हैं, इसपर भी ध्यान आकर्षित किया जा रहा है।

इसी बीच सोमालिया पर भूखमरी का संकट टूटा होने की स्थिति में अंतरराष्ट्रीय स्तर से आवश्यक सहायता प्राप्त नहीं हो रही है, ऐसी शिकायत संयुक्त राष्ट्र संघ में सोमालिया के समन्वयक एडम अब्देलमौला ने की। यूक्रेन युद्ध की वजह बताकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय ज़िम्मेदारी से दूर हुए हैं, ऐसा आरोप अब्देलमौला ने लगाया था। पश्चिमी देशोने इससे पहले भी अफ्रीका के सूखे और असुरक्षा को अनदेखा करते देखे गए थे। अफ्रीकी महाद्वीप से नैसर्गिक संसाधनों की लूट करने से आगे जाकर अफ्रीकी देशों को अन्न, पानी और इलाज जैसी बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए भी पश्चिमी देश तैयार ना होने की बात इस वजह से फिर से स्पष्ट हुई हैं।

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