भारत-फ्रान्स ‘ट्रायलैटरल डेवलपमेंट को-ऑपरेशन’ पर काम करेंगे – विदेशमंत्री एस.जयशंकर

नई दिल्ली – भारत और फ्रान्स ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र पर त्रिपक्षीय विकास सहयोग पर काम करने का निर्णय किया हैं। विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने इसका ऐलान किया। कुछ महीनें पहले ही भारत ने ‘ट्रायलैटरल डेवलपमेंट को-ऑपरेशन’ (टीडीसी) फंड का ऐलान किया था। इस क्षेत्र में चीन का प्रभाव कम करने के लिए एवं चीन के ‘बेल्ट ॲण्ड रोड इनिशिएटिव’ (बीआरआई) पर भारत के जवाब के तौर पर इस योजना को देखा जा रहा है। इसके ज़रिये इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भारत अन्य देशों के साथ विभिन्न योजनाओं के तहत काम कर रहा हैं। ‘इंटरनैशनल सोलार अलायन्स’ के दायरे में रहकर फ्रान्स के साथ यह त्रिसदस्यीय सहयोग आगे बढ़ाया जा रहा रहा है।

फ्रान्स के विदेशमंत्री कैथरीन कोलोना भारत के दौरे पर हैं और उन्होंने बुधवार को विदेशमंत्री एस.जयशंकर के साथ द्विपक्षीय चर्चा की। यूक्रेन युद्ध से विभिन्न वैश्‍विक मुद्दों पर इस दौरान बातचीत हुई। बहुपक्षिय सहयोग, क्षेत्रिय संपर्क, समुद्री सुरक्षा, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र का तनाव, अफ़गानिस्तान के मुद्दों पर भी चर्चा होने का वृत्त है।

भारत और फ्रान्स की रणनीतिक भागीदारी मज़बूत हैं। दोनों देशों का यह सहयोग विश्‍व में शांति और स्थिरता स्थापित करने के लिए होने का बयान फ्रान्स की विदेशमंत्री कोलोना ने इस दौरान किया। भारत और फ्रान्स सीर्फ रक्षा और सुरक्षा क्षेत्र में ही नहीं, बल्कि वैश्‍विक मसलों पर भी एक साथ काम कर रहे हैं, ऐसा कोलोना ने इस दौरान कहा। साथ ही भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इमैन्युएल मैक्रॉन की जल्द ही मुलाकात होगी, यह जानकारी भी उन्होंने साझा की।

भारत और फ्रान्स ने ‘इंडो-पैसिफिक ट्रायलैटरल डेवलपमेंट को-ऑपरेशन’ पर काम करने की तैयारी जतायी होने का ऐलान भी विदेशमंत्री जयशंकर ने संयुक्त वार्तापरिषद में किया। इसके तहत इस क्षेत्र में विभिन्न विकास प्रकल्पों पर काम किया जाएगा। फ्रान्स का यह सहयोग ‘इंटरनैशनल सोलार अलायन्स’ (आईएसए) के दायरे में रहकर आगे बढ़ाया जा रहा हैं, यह बात जयशंकर ने रेखांकित की। ‘आईएसए’ के ज़रिये फिलहाल तीन देशों में प्रकल्प का निर्माण हो रहा हैं। भूटान, पापुआ न्यू गिनी और सेनेगल में इन प्रकल्प का निर्माण होगा, ऐसा जयशंकर ने कहा। साथ ही इस त्रिपक्षीय सहयोग के तहत भारतीय इनोवेटर्स और स्टार्टअप के लिए भी व्यासपीठ उपलब्ध कराया जाएगा, इसपर विदेशमंत्री ने ध्यान आकर्षित किया।

वैश्‍विक स्तर पर फ्रान्स एक प्रमुख शक्ती हैं और वह स्वतंत्र नीति रखता हैं। फ्रान्स बहुस्तंभीय उदय का केंद्र हैं और यह भारत की चिंताओं पर रिस्पान्स करनेवाला देश होने की बात जयशंकर ने कही।
इसी बीच, ‘लद्दाख के ‘पेट्रोल पॉइंट १५’ से भारत-चीन ने सेना हटाई हैं। लेकिन, कदम सीर्फ इसी पॉइंट से वापसी तक सीमित हैं। भारत और चीन सीमा विवाद पर हम लगातार बात करते रहे हैं। इस वजह से इस मुद्दे पर ज्यादा कुछ बात किए बिना दोनों देशों की एक समस्या का हल निकला, ऐसा हम कहेंगे’, यह विदेशमंत्री जयशंकर ने कहा। एक पॉइंट से चीन पीछे हटा हैं, फिर भी भारत-चीन समस्या का हल निकला नहीं हैं। सीमा विवाद का हल निकलने तक दोनों देशों के बीच के मसले खत्म नहीं होंगे, यह बात जयशंकर रेखांकित करते हुए इस बयान से दिख रहे हैं।

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