इटली के चुनाव में ‘युरोविरोधी’ समूहों को लीड – बहुमत नहीं होने की वजह से त्रिशंकु संसद के संकेत

रोम: इटली में रविवार को हुए चुनावों के प्राथमिक परिणाम घोषित हुए हैं और यूरोपीय महासंघ की नीति के खिलाफ आक्रामक भूमिका लेने वाली पार्टियों को सर्वाधिक वोट मिलने की बात सामने आई है। शरणार्थियों के खिलाफ आक्रामक भूमिका लेने वाले इटली के भूतपूर्व प्रधानमंत्री सिल्व्हिओ बर्ल्युस्कोनी, ‘लीग’ और ‘ब्रदर्स ऑफ़ इटली’ इन पार्टियों की लीड को ३७ प्रतिशत वोट मिले हैं। यूरोपीय महासंघ की नीतियों को विरोध करने वाली ‘५ स्टार मूवमेंट’ इस पार्टी को ३२ प्रतिशत वोट मिले हैं। बर्ल्युस्कोनी के मोर्चे को बहुमत प्राप्त न होने के कारण संसद में अधांतर रहने की संभावना है, जिसके यूरोप में तीव्र परिणाम दिखाई देने की चिंता व्यक्त की जा रही है।

इटली में रविवार को हुए संसदीय चुनाव में करीब ७३ प्रतिशत मतदान हुआ था। शरणार्थियों के समूह, यूरोपीय महासंघ की नीतियाँ और अर्थव्यवस्था इन मुद्दों पर लड़े गए इस चुनाव में शरणार्थियों का मुद्दा प्रभावकारी साबित होने की बात परिणामों से स्पष्ट हुई है। इटली में ‘लीग’ और ‘५ स्टार मूवमेंट’ इन दो पार्टियों ने शरणार्थियों के समूह और ‘युरो’ मुद्रा के खिलाफ आक्रामक भूमिका ली थी। भ्रष्टाचार और अन्य आरोपों की वजह से दलदल में फंसे भूतपूर्व प्रधानमंत्री सिल्व्हीओ बर्ल्युस्कोनी ने इस्मने से ‘लीग’ और ‘ब्रदर्स ऑफ़ इटली’ के साथ लीड करके राजनीतिक वापसी के संकेत दिए थे।

चुनावपूर्व भविष्यवाणी में भूतपूर्व प्रधानमंत्री बर्ल्युस्कोनी का ‘फोर्जा इटालिया’ यह पार्टी सबसे अधिक वोट प्राप्त करेगी, ऐसा कहा गया था। लेकिन वास्तव में ‘५ स्टार मूवमेंट’ ने सबसे ज्यादा वोट प्राप्त करके प्रथम नंबर की पार्टी का स्थान प्राप्त किया है। बर्ल्युस्कोनी के साथ लीड बनाने वाली ‘लीग’ पार्टी को भी अनापेक्षित सफलता मिली है। लीड के ३७ प्रतिशत वोटों में से करीब १८ प्रतिशत वोट ‘लीग’ को, १४ प्रतिशत ‘फोर्जा इटालिया’ और बाकि के वोट ‘ब्रदर्स ऑफ़ इटली’ को मिले हैं। वर्तमान में सत्तापर विराजमान ‘डेमोक्रेट’ पार्टी की लीड को २३ प्रतिशत पर ही संतुष्ट होना पड़ा है।

इटली के इन परिणामों के बाद विद्यमान प्रधानमंत्री मॅटिओ रेंझी ने इस्तीफे के संकेत दिए हैं। यूरोप के दक्षिणपंथी और आक्रामक सोच वाले नेताओं ने इटली के परिणामों का स्वागत किया है और उसमें ब्रिटन के निगेल फॅराज, फ़्रांस के मरिन ली पेन और डेन्मार्क के गीर्ट विल्डर्स का समावेश है। अन्य देशों के यूरोपीय नेता और विश्लेषकों ने इटली के परिणाम मतलब ‘लोकानुनयी राजनीतिक नीतियोंकी’ जीत है, ऐसी प्रतिक्रिया दी है।

यूरोप के अर्थक्षेत्र में इटली के परिणामों का तीव्र असर दिखाई दिए हैं और ‘युरो’ के मूल्य में बड़ी गिरावट हुई है। यूरोप के प्रमुख शेयर बाजारों में भी बड़ी गिरावट दिखाई दी है।

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