‘कोरोना लीक’ मामले में सहयोग करने से मना कर रहे चीन के वुहान लैब की ‘फंडिंग’ अमरीका ने रोक दी – चीन ने कोरोना से संबंधित कागज़ात नष्ट किए होने की संभावना

वॉशिंग्टन – दुनियाभर में करीबन ७० लाख लोगों की मौत का कारण बनकर कोहराम मचाने वाली कोरोना की महामारी के मामले में अमरीका ने चीन के वुहान लैब की जांच शुरू की थी। इसमें चीन एवं वुहान लैब से सहयोग की उम्मीद थी। लेकिन, अमरीका और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने सूचना करने के बावजूद चीन से विशेष मदद नहीं मिल सकी, ऐसा आरोप लगाकर अमरीका ने इस लैब की ‘फंडिंग’ रोक दी है। यह कार्रवाई अस्थायि है, फिर भी आगे के समय में यह सहायता स्थायी रूप से बंद की जाएगी, ऐसी चेतावनी अमरीका ने दी है। इसी बीच, बायडेन प्रशासन की इस कार्रवाई के कारण कोरोना का उद्गम क्या चीन के वुहान लैब में ही हुआ था, इस सवाल का जवाब अभी भी प्राप्त नहीं हो सका है, इसपर अमरीका के विश्लेषक ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।

लगभग तीन साल तक कोरोना की महाभयंकर महामारी ने दुनिया को बंधक बनाए रखा था। प्रचंड़ संख्या में हुई  मौतों के साथ ही वैश्विक सप्लाइ चेन भी बाधित हुई थी। इस वजह से हुए नुकसान का अनुमान लगाने के लिए काफी समय लगेगा, ऐसा विशेषज्ञों का कहना हैं। वैश्विक अर्थव्यवस्था पर कोरोना की महामारी ने खराब असर किया है। शुरू में चीन के वुहान स्थित बाज़ार से इस विषाणु का फैलाव होने की संभावना जताई जा रही थी। लेकिन, विभिन्न वेरियंट में पाया गया कोरोना का विषाणु नैसर्गिक नहीं, बल्कि मानव निर्मित होने का आरोप लगाना शुरू हुआ।

‘वुहान इन्स्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी’ यानी वुहान लैब से जुड़े कोरोना विषाणु से संबंधित वैज्ञानिक डॉक्टर की इसके चपेट में आने से मौत होने के बाद इन आरोपों को बल प्राप्त हुआ था। इसके अलावा वुहान लैब के वायरोलॉजिस्ट शी झेंग-ली ने कोरोना के अनुसंधान की चौकाने वाली जानकारी सार्वजनिक करने के बाद इस विषाणु का उद्गम वुहान लैब में ही होने के आरोप अमरीका के उस समय के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने लगाए थे।

कोरोना विषाणु का ज़िक्र वुहान वायरस या चायनीज्‌ वायरस करके ट्रम्प ने चीन को घेरा था। साथ ही इसकी गहरी जांच करने का ऐलान भी किया था। लेकिन, ज्यो  बायडेन ने सत्ता पाने के बाद इस विषाणु की जांच करने के बजा वुहान लैब को प्राप्त हो रही फंडिंग की जांच शुरू की। वर्ष २०१४ से अमरीका का स्वास्थ विभाग वुहान लैब को निधि प्रदान कर रहा था। संक्रमित विषाणु का फैलाव रोकना और इसके खतरों से बचने के लिए अमरीका यह निधी मुहैया कर रही थी।

वुहान लैब ने सुरक्षा के लिए किए प्रावधान और कोरोना के उद्गम संबंधित जानकारी प्रदान करना आवश्यक था। लेकिन, बार बार सूचित करने के बावजूद भी वुहान लैब ने इससे संबंधित जानकारी प्रदान नहीं की। चीन की यंत्रणा इसके लिए सहयोग नहीं कर रही हैं, यह आरोप लगाकर अमरीका के स्वास्थ विभाग ने वुहान लैब को निधी देना बंद कर दिया है। लेकिन, वुहान लैब पर हुई यह कार्रवाई अस्थायि होगी, ऐसा कहकर अमरीका के स्वास्थ विभाग ने आगे के समय में इस मुद्दे पर अधिक सख्त कार्रवाई की जाएगी, ऐसी चेतावनी भी दी है। साथ ही वुहान लैब सुरक्षा से जुड़े अमरीका के निकषों का पालन नहीं कर रही है, ऐसी शिकायत अमरिकी स्वास्थ विभाग ने की है।

बायडेन प्रशासन की वुहान लैब पर हुई यह बड़ी कार्रवाई होने का दावा किया जा रहा है। लेकिन, वर्ष २०२० के जुलाई महीने से ही अमरीका ने वुहान लैब को निधी प्रदान नहीं किया है, इसपर माध्यम ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। ऐसे में वुहान लैब ने कोरोना संबंधित कागजात नष्ट किए होने की संभावना जताई जा रही हैं। इस वजह से कार्रवाई करके कोरोना के उद्गम स्थान की खोज़ करने की कोशिशों को नुकसान पहुंच सकता हैं, ऐसा दावा अमरिकी विश्लेषक कर रहे हैं। इस वजह से बायडेन प्रशासन चीन का बचाव करने में लगा होने के आरोपों की तीव्रता फिर से बढ़ सकती है।

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